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यह तो आप सभी जानते होंगे कि अर्थराइटिस जोड़ों से जुड़ी एक बीमारी है। वैसे तो इसे बुजुर्गों से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन हाल के सालों में हम जिस तरह की लाइफस्टाइल अपना रहे हैं या खानपान की आदतें बिगाड़ चुके हैं, तो ऐसे में कई तरह की बीमारियां हमें अपनी चपेट में ले रही हैं। अर्थराइटिस भी है ऐसी ही एक बीमारी है। अर्थराइटिस के लक्षणों की बात करें, तो इसमें जोड़ों में दर्द, अकड़न, सूजन आदि शामिल हैं। यहां एक सवाल लोगों के मन में जरूर उठ रहा होगा कि क्या अर्थराइटिस का जल्दी पता चलने पर इससे पूरी तरह रिकवरी हो सकती है? आइए, जानते हैं इस बारे में नई दिल्ली स्थित श्री एक्शन बालाजी हॉस्पिटल में Director Robotic Joint Replacement, Sports Injury and Orthopedic और दिल्ली के द्वारका स्थित Orthopedic and Spine Clinic के फाउंडर डॉ. अखिलेश राठी का क्या कहना है।
क्या जल्दी पता चलने पर अर्थराइटिस को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है?- Can Arthritis Be Cured If Detected Early
NHS की मानें, किसी भी स्टेज में अर्थराइटिस का पता चलने पर उससे रिकवरी संभव नहीं है। फिर चाहे, वह अर्ली स्टेज ही क्यों न हो? कहने का मतलब है कि अगर किसी को एक बार अर्थराइटिस हो गया है, तो इसका पूरी तरह ठीक होना संभव नहीं है। खासकर, इसमें रूमेटाइड अर्थराइटिस, ओस्टियोअर्थराइटिस जैसे गठिया रोग शामिल हैं। विशेषज्ञ समझाते हैं कि अगर किसी को अर्थराइटिस हो जाए, तो उन्हें डरना नहीं चाहिए। इसके उलट, वे इसे मैनेज कर सकते हैं। अर्थराइटिस को मैनेज करके आप जोड़ों में आई सूजन को कम कर सकते हैं। इससे इसका विकास धीमा हो जाता है, जोड़ों को कम क्षति होती है और क्वालिटी लाइफ में भी सुधार होने लगता है।
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अर्थराइटिस का जल्दी पता लगना क्यों फायदेमंद है?
- जोड़ों के डैमेज में रोकः जब अर्थराइटिस का जल्दी पता चलता है, तो इसकी वजह से जोड़ों की डैमेज की गति को धीमा किया जा सकता है। ध्यान रखें कि अर्थराइटिस में जोड़ डैमेज होते हैं। इसे रोका नहीं जा सकता है। इसे सही तरह से मैनेज करके जोड़ों के डैमेज को कम करने में मदद मिलती सकती है।
- लक्षणा में कमीः अर्थराइटिस का जल्दी पता चलने पर इसके लक्षणों में कमी आ सकती है। असल में अर्थराइटिस होने पर जोड़ों में दर्द, सूजन, हड्डियों में अकड़न जैसी कई परेशानियां होने लगती हैं। जैसे ही इसका पता चलता है, आप इसे मैनेज करने की ओर सही कदम उठाते हैं। ऐसे में लक्षणों के स्तर में भी गिरावट की जा सकती है।
- सूजन में कमीः जैसे ही अर्थराइटिस का पता चलता है, विशेषकर अर्ली स्टेज में तो इसे डॉक्टर द्वारा दी गई दवा मैनेज करने में मदद मिलती है। दवा की मदद से सूजन में कमी आती है, जिससे जोड़ों के फंक्शन में भी सुधार होता है।
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निष्कर्ष
कुल मिलाकर, कहने का मतलब यह है कि जल्दी पता चलने पर भी आप अर्थराइटिस को पूरी तरह ठीक नहीं कर सकते हैं। हालांकि, सही समय पर जानकारी मिल जाए, तो आप अपने जोड़ों को अधिक नुकसान से बचा सकते हैं। साथ ही, इसे सही तरह से मैनेज किया जा सकता है, जिससे आपकी लाइफस्टाइल कम प्रभावित होगी।
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FAQ
रूमेटाइड गठिया का जल्दी निदान कैसे किया जा सकता है?
रूटमेटाइड अर्थराइटिस का पता लगाने के लिए कुछ टेस्ट किए जाते हैं। ये टेस्ट मरीज के लक्षणों पर आधारित होते हैं, जैसे एमआरआई और अल्ट्रासाउंड, इमेजिंग टेस्ट किए जाते हैं।अर्थराइटिस किस कारण से होता है?
अर्थराइटिस होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे गंभीर चोट लगना, बढ़ती उम्र, मोटापा, ऑटोइम्यून डिजीज आदि।क्या खाने से अर्थराइटिस बढ़ता है?
अर्थराइटिस को ट्रिगर करने और इसके लक्षणों को बढ़ाने में आपकी डाइट में अहम रोल अदा करती है। विशेषज्ञों के अनुसार ट्रांस फैट, रेड मीट और हाई सोडियम युक्त चीजों से दूरी बनाए रखें। इससे बॉडी में इंफ्ेलेमेशन बढ़ सकता है।
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Current Version
Oct 15, 2025 18:33 IST
Published By : Meera Tagore