Can Septic Arthritis Be Treated: सेप्टिक अर्थराइटिस को संक्रामक गठिया या जोड़ों का संक्रमण भी कहा जाता है। यह बैक्टीरिया, फंगस और वायरस के कारण होता है। डॉक्टर इसे सरल शब्दों में बताते हैं कि जब जर्म्स शरीर के अन्य हिस्सों से ब्लड स्ट्रीम से होते हुए जोड़ों में घुस जाते हैं, तब यह समस्या होती है। इस तरह के संक्रमण की वजह से जोड़ों में दर्द, सूजन और हिलने-डुलने में दिक्कत होने लगती है। इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सेप्टिक अर्थराइटिस कोई सामान्य समस्या नहीं है। इस तरह की बीमारी होने पर रोजमर्रा के कामकाज करना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में मन में यह सवाल जरूर कौंधता है कि क्या सेप्टिक अर्थराइटिस का इलाज संभव है? आइए, जवाब इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल और हिलिंग टच क्लीनिक के ऑर्थोपेडिक सर्जन और स्पोर्ट्स इंजरी स्पेशलिस्ट डॉ. अभिषेक वैश से जानते हैं।
क्या सेप्टिक अर्थराइटिस का इलाज संभव है?
यह सच है कि सेप्टिक अर्थराइटिस गंभीर बीमारी है। इसके बावजदू, डॉक्टरों का कहना है, "सेप्टिक अर्थराइटिस का इलाज किया जाना संभव है। हालांकि, इसके सही समय पर और उपयुक्त ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। इसमें मरीज को एंटीबायोटिक दवा दी जाती है और कभी-कभी ज्वाइंट ड्रेन किया जाता है। इसका मतलब है कि ज्वाइंट्स में जो फ्लूइड जमा होते हैं, उन्हें मेडिकल प्रोसीजर की मदद से रिमूव किया जाता है। इसके लिए निडिल या सिरिंज का उपयोग किया जाता है।" डॉक्टर आगे बताते हैं, "सेप्टिक अर्थराइटिस पूरी तरह सही हो जाएगा, यह कई तरह के फैक्टर्स पर निर्भर करता हें जैसे इंफेक्शन कितना ज्यादा फैला है और किस वायरस और बैक्टीरिया की वजह से सेप्टिक अर्थराइटिस हुआ है।"
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कब सेप्टिक अर्थराइटिस का इलाज मुश्किल होता है?
संक्रमण की गंभीरताः अगर संक्रमण बहुत गंभीर हो चुका है और मरीज लंबे समय से अपनी समस्या की अनदेखी कर रहा है, तो ऐसे में सेप्टिक अर्थराइटिस का इलाज मुश्किल हो जाता है। यहां तक कि कई अन्य जटिलताएं बढ़ने का रिस्क भी बना रहता है।
इंफेक्शन के प्रकारः कुछ बैक्टीरिया और वायरस के कारण हुए सेप्टिक अर्थराइटिस ऐसे होते हैं, जिसका इलाज संभव नहीं हो पाता है। असल में, ये ज्यादा खतरनाक होते हैं और मरीज की कंडीशन में सुधार के लिए काफी समय लग सकता है।
कमजोरी इम्यूनिटीः सेप्टिक अर्थराइटिस से पीड़ित लोगों की इम्यूनिटी भी बहुत मायने रखती है। अगर ट्रीटमेंट के दौरान उनकी इम्यूनिटी वीक है, तो उनकी रिकवरी आसानी से नहीं हो पाती है।
समय पर इलाजः सेप्टिक अर्थराइटिस की रिकवरी के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि मरीज का इलाज समय पर हो। अगर मरीज देरी से डॉक्टर के पास पहुंचते हैं, तो कंडीशन बिगड़ सकती है और इलाज मुश्किल हो जाता है। इसलिए, सेप्टिक अर्थराइटिस से पीड़ित लोगों को ट्रीटमेंट करवाने में देरी नहीं करनी चाहिए।
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निष्कर्ष
कुल मिलाकर, समझने की बात ये है कि सेप्टिक अर्थराइटिस के मरीजों को अपनी हेल्थ को लेकर जरा भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। जैसे ही उन्हें इसके लक्षण नजर आएं, तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और इलाज शुरू करवा दें। याद रखें कि ट्रीटमेंट में जितनी देर होगी, रिकवरी उतनी ही मुश्किल होती चली जाएगी।
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FAQ
क्या आर्थराइटिस पूरी तरह ठीक हो सकता है?
अर्थराइटिस ऐसी समस्या है, जो पूरी तरह ठीक नहीं हो सकती है। हालांकि, इसके लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है।सेप्टिक गठिया के क्या लक्षण हैं?
सेप्टिक अर्थराइटिस होने पर मरीज में कई तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं, जैसे बुखार, जोड़ों में दर्द, सूजन, रेडनेस आदि। सेप्टिक अर्थराइटिस के इलाज के जरिए मरीज को एंटीबायोटिक्स दिए जाते हैं। बाकी ट्रीटमेंट मरीज की कंडीशन पर निर्भर करते हैं।क्या दूध पीने से गठिया बढ़ता है?
विशेषज्ञों की मानें, तो गठिया होने पर दूध पीना फायदेमंद माना जाता है। दूध में विटामिन-डी आर कैल्शियम होता है, जो हड्डियों की मजबूती के लिए लाभकारी माना जाता है।