Can PCOD be Cured Completely : पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (PCOD) एक आम हार्मोनल विकार है जो दुनिया भर में लाखों महिलाओं को अपनी चपेट में ले चुका है। इसे डिजीज को अक्सर पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) के साथ भ्रमित किया जाता है। बता दें कि पीसीओडी और पीसीओएस दोनों ही स्थितियों में हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalances) और डिम्बग्रंथि की शिथिलता (Ovarian Dysfunction) शामिल होता है। इसके बावजूद पीसीओडी को आमतौर पर हल्का माना जाता है। पीसीओडी का सामना कर रही महिलाओं के मन में यह सवाल उठता है कि क्या पीसीओडी की समस्या को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है? आइए इस सवाल का जवाब डॉ. मन्नन गुप्ता, अध्यक्ष और प्रसूति एवं स्त्री रोग विभागाध्यक्ष, एलांटिस हेल्थकेयर, लाजपत नगर, नई दिल्ली से जानते हैं।
पीसीओडी क्या है?- What is PCOD
पीसीओडी की समस्या होने पर ओवरी में इमैच्योर अंडों का प्रोडक्शन ज्यादा हो जाता है। ऐसे में कई छोटे सिस्ट बन सकते हैं। इस स्थिति में अनियमित पीरियड्स, वजन बढ़ना, मुंहासे, ज्यादा बाल उगना और बांझपन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह स्थिति मुख्य रूप से हार्मोनल असंतुलन, इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin Resistance) और लाइफस्टाइल कारकों से प्रेरित होती है।
क्या पीसीओडी को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है?- Can we Completely Cure PCOD
इसका सीधा जवाब यह है कि पीसीओडी की समस्या को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है। हालांकि, इसे प्रभावी ढंग से मैनेज किया जा सकता है। इस स्थिति में पीसीओडी के लक्षण कम से कम या गायब हो सकते हैं। बता दें कि हार्मोनल संतुलन बनाए रखने और जटिलताओं को रोकने के लिए पीसीओडी को निरंतर मैनेज करना जरूरी होता है।
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पीसीओडी को मैनेज कैसे करें?- How to manage PCOD
1. लाइफस्टाइल में बदलाव
- संतुलित आहार: पीसीओडी को मैनेज करने के लिए साबुत अनाज, लीन प्रोटीन, स्वस्थ वसा और फाइबर से भरपूर आहार लेना चाहिए। इससे इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करने और पीसीओडी के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।
- रोजाना एक्सरसाइज: पीसीओडी की समस्या से बचने के लिए आपको रोजाना एक्सरसाइज करनी चाहिए। ऐसे में आप तेज चलना, योग या वेट ट्रेनिंग कर सकते हैं।
2. वजन कंट्रोल करना है जरूरी
पीसीओडी को कंट्रोल करने के लिए वजन को मैनेज करना बहुत जरूरी हो जाता है। बता दें कि वजन कम होने से पीसीओडी के लक्षणों में काफी सुधार हो सकता है और पीरियड्स रेगुलर हो सकते हैं। वजन घटाने से इंसुलिन रेजिस्टेंस कम होता है, जिससे एंड्रोजन का स्तर कम हो सकता है।
3. मेडिकल ट्रीटमेंट
- हार्मोनल थेरेपी: पीरियड्स रेगुलर करने, मुहांसे और बालों के विकास को कंट्रोल करने के लिए हार्मोनल थेरेपी दी जा सकती है।
- मेटफॉर्मिन: यह इंसुलिन-संवेदनशील दवा अक्सर इंसुलिन रेजिस्टेंस को मैनेज करने और ओव्यूलेशन में सुधार करने के लिए इस्तेमाल होती है।
- फर्टिलिटी ट्रीटमेंट: कंसीव करने में कठिनाई का सामना करने वाली महिलाओं को ओव्यूलेशन-प्रेरित दवाओं या आईवीएफ जैसे फर्टिलिटी ट्रीटमेंट से लाभ हो सकता है।
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पीसीओडी एक आजीवन स्थिति है, लेकिन इसके लक्षणों को लाइफस्टाइल में बदलाव और मेडिकल ट्रीटमेंट के साथ अच्छी तरह से कंट्रोल किया जा सकता है। बता दें कि पीसीओडी से ग्रस्त कई महिलाएं स्वस्थ जीवन जीती हैं। वह उचित उपचार और देखभाल के साथ आसानी से गर्भधारण भी कर सकती हैं। हालांकि, महिलाओं को स्ट्रेस मैनेजमेंट पर भी खास ध्यान देना चाहिए।
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