Unexplained Shortness Of Breath: ज्यादातर लोगों को यही लगता है कि सांस फूलने की समस्या सिर्फ और सिर्फ अस्थमा से जुड़ी हुई है। जबकि, ऐसा बिल्कुल नहीं है। ऐसी कई बीमारियां हैं, जिसमें व्यक्ति को सांस फूलने की दिक्क्त हो जाती है। हालांकि, सांस फूलने की समस्या होने पर मरीज को अन्य लक्षणों पर भी गौर करना चाहिए। तभी यह समझ आता है कि आखिर यह समस्या क्यों हो रही है और इसका निदान कैसे किया जा सकता है। इस बात का भी ध्यान रखें कि सांस फूलने की समस्या सामान्य नहीं है। इसलिए, इसकी अनदेखी करना किसी भी मायने में सही नहीं है। इस लेख में नोएडा सेक्टर 71 स्थित कैलाश अस्पताल में Sr. Consultant - Pulmonology डॉ. ए एस संध्या से हम जानते हैं कि अस्थमा के अलावा किन-किन समस्याओं में सांस फूलने की दिक्कत हो सकती है।
अस्थमा के अलावा कब होती है सांस फूलने की दिक्कत- Shortness Of Breath But Not Asthma
लंग से जुड़ी बीमारी
American Lung Association के अनुसार, "लंग से जुड़ी ज्यादातर बीमारियों में सांस फूलने की दिक्कत हो सकती है। इनमें सीओपीडी यानी क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मनरी डिजीज, निमोनिया, पल्मनरी एम्बॉलिज्म आदि शामिल हैं।" डॉ. ए एस संध्या की मानें, तो जब भी लंग्स में फ्लूइड भर जाता है, तो उस स्थिति में व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। पल्मनरी एम्बॉलिज्म जैसी समस्या होने पर लंग्स में ब्लड क्लॉट हो जाता है। यह कंडीशन भी काफी खतरनाक है।
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हार्ट से जुड़ी बीमारी
डॉ. ए एस संध्या कहती हैं, "हार्ट से जुड़ी कई ऐसी समस्याएं हैं, जिसकी वजह से सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। इसमें हार्ट फेलियर, कोरोनरी आर्टरी डिजीज, अनियमित दिल की धड़कन आदि। ये तमाम बीमारियां बहुत गंभीर हैं। जैसे हार्ट फेलियर की वजह से सही तरह से ब्लड पंप नहीं होता है, जिससे लंग्स में फ्लूइड जमा हो जाता है और सांस लेने की दिक्कत होने लगती है। ऐसे ही कोरोनरी आर्टरी डिजीज में भी ब्लड फ्लो कम हो जाता है और ब्लड सप्लाई बाधित होने लगती है। ऐसे में सांस फूलने की परेशानी का सामना करना पड़ता है।"
मेडिकल कंडीशन
आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि कई ऐसी बीमारियां हैं, जिसमें सांस फूलने की दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। डॉ. ए एस संध्या बताती हैं, "इसमें एनीमिया, एंग्जाइटी, मोटापा और लंबे समय तक कोई दवा लेने से भी ऐसी समस्या हो सकती है। सवाल है, ये बीमारियां किस तरह से सांस फूलने की समस्या के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं? जैसे एनीमिया का मतलब है कि शरीर में रेड ब्लड सेल्स कम होना। ऐसे में ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होती है और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। इसी तरह, एंग्जाइटी या पैनिक अटैक आने पर लोगों को सांस फूलने की समस्या हो सकती है। हालांकि, इसके साथ अन्य लक्षण भी नजर आते हैं।"
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निष्कर्ष
सांस फूलने की समस्या को कभी भी हल्के नहीं लिया जाना चाहिए। अगर आपको सांस फूलने की दिक्कत हो, तो इसके साथ नजर आ रहे अन्य लक्षणों पर गौर करें और तुरंत डॉक्टर पास जाकर अपना इलाज करवाएं। याद रखें कि जितनी जल्दी बीमारी का पा चलता है, उसका इलाज करना उतना ही आसान होता है। खासकर, सांस फूलने की समस्या और इसके कारणों के बारे में सबको पता होना चाहिए।
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FAQ
सांस फूलने का सबसे बड़ा कारण क्या है?
सांस फूलने की समस्या को लंग्स से जोड़कर देखा जाता है। इसका मतलब है कि अगर फेफड़ों से संबंधित कोई भी समस्या है, जैसे अस्थमा, निमोनिया आदि तो सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। वहीं, हार्ट प्रॉब्लम, एनीमिया, एंगजाइटी, मोटापा भी सांस फूलने का कारण बन सकते हैं।सांस फूलने पर कौन सा टेस्ट होता है?
सांस फूलने की समस्या होने पर जरूरत अनुसार डॉक्टर चेस्ट एक्स-रे, ब्लड ऑक्सीजन लेवल टेस्ट, लंग फंक्शन टेस्ट और ब्लड टेस्ट की सलाह दे सकते हैं।मुझे अपनी सांस की तकलीफ के बारे में कब चिंता करनी चाहिए?
डॉ. ए एस संध्या कहती हैं, "सांस के तकलीफ के साथ-साथ आपको अन्य लक्षणों पर भी गौर करना चाहिए, जैसे सीने में दर्द, बेहोशी, पेट खराब होना, होंठों या नाखूनों का नीला पड़ना आदि। ये सभी संकेत बताते हैं कि आपका स्वास्थ्य खराब हो रहा है और तुरंत ट्रीटमेंट की जरूरत है।"