
Difficulty In Breathing Symptoms: सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकड़न और खांसी जैसी समस्याएं लोगों में काफी देखने को मिलती हैं। बहुत बार लोग इन्हें आम समस्या समझकर नरजरअंदाज कर देते हैं और इनसे राहत पाने के लिए दवाओं का सेवन करते हैं। जबकि ऐसा करना सेहत के लिए काफी नुकसादायक साबित हो सकता है। साथ ही कुछ मामलों में यह किसी गंभीर स्थिति का संकेत भी हो सकता है। कभी-कभार इस तरह की समस्याएं होना आम है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति सामान्य से अक्सर इस तरह के लक्षण नोटिस करता है तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। लेकिन जिन लोगों के साथ ये समस्याएं होती हैं उनके मन में अक्सर यह सवाल उठता है कि ये समस्याएं किन कारणों से होती हैं? साथ ही ये किस बीमारी का संकेत हो सकती हैं? इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने DY पाटिल हॉस्पिटल, पुणे के डॉ. प्रोफे. सचिन कुमार डोले (DEPARTMENT OF RESPIRATORY MEDICINE) से बात की। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं...
सांस फूलना कौन सी बीमारी के लक्षण हैं?
डॉ. प्रोफे. सचिन की मानें तो ये समस्याएं इस तरह की समस्याओं का जोखिम अस्थमा के रोगियों में देखने को मिलता है। अस्थमा फेफड़ों और सांस जुड़ा एक गंभीर रोग है जिसमें व्यक्ति सांस फूलना, जकड़न और खांसी आदि जैसी समस्याएं देखने को मिलती है। आम भाषा में लोग इस स्थिति को दमा भी कहते हैं। जब लोग प्रदूषण और धूल मिट्टी के संपर्क में आते हैं तो उनके लक्षण अधिक गंभीर होने लगते हैं।
अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक दूषित वातावरण में समय बिताता है तो उसे अस्थमा अटैक भी आ सकता है। इसके अलावा सांस लेने में तकलीफ होना अपने आप एक समस्या है, जिसमे मेडिकल भाषा में डिस्पेनिया कहा जाता है। यह भी अस्थमा, एलर्जी और चिंता आदि का संकेत हो सकती हैओ।
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डॉक्टर के पास कब जाएं?
अगर कोई व्यक्ति उपरोक्त लक्षणों का बार-बार अनुभव करता है और प्रदूषण होने पर उनके लक्षण गंभीर हो जाते हैं तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। डॉक्टर आपकी परेशानी के मूल कारणों को पहचानकर आपको सटीक उपचार प्रदान करते हैं।
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लेकिन डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी प्रकार की दवाओं का सेवन करने से बचें, क्योंकि इससे सेहत को गंभीर नुकसान पहुंच सकते हैं। इसके अलावा जब तक स्थिति बेहतर न हो जाए और दूषित वातावरण में जानें से बचें। घर में एयर प्यूरिफायर का प्रयोग करें और साफ हवा में सांस लें।
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