
शरीर में मौजूद संक्रमण की वजह से सेप्टिक अर्थराइटिस हो सकता है। यह काफी तेजी से शरीर में फैलता है, इसलिए समय पर इसका इलाज जरूरी है।
लाइफस्टाइल में बदलाव के कारण लोग गठिया जैसी गंभीर समस्या के शिकार हो जाते हैं। गठिया कई तरह के होते हैं। इन्हें में से एक है सेप्टिक गठिया, जिसे संक्रमण गठिया भी कहा जाता है। यह इंफेक्शन की तरह एक हिस्से से दूसरे हिस्से में फैलता है। यह व्यक्ति को चोट लगने या फिर सर्जरी से फैल सकता है। सामान्य रूप से सेप्टिक गठिया का कारण स्टैफिलोकोकी, निसेरिया जैसे बैक्टीरिया होते हैं। हालांकि, कुछ मामले में फंगल और वायरल इंफेक्शन की वजह से भी सेप्टिक गठिया हो सकता है। सेप्टिक गठिया के इंफेक्शन को रोकने के लिए इसका इलाज समय पर कराना बहुत ही जरूरी होता है। आइए जानते हैं सेप्टिक गठिया के प्रमुख लक्षण और उपचार क्या हैं?
सेप्टिक गठिया रोग के लक्षण (Symptoms of Septic Arthritis)
सेप्टिक अर्थराइटिस के कुछ लक्षण हर उम्र और वर्ग के लोगों में अलग-अलग होता है। हालांकि, कुछ ऐसे लक्षण भी हैं, जो सभी में एक समान होते हैं। सभी वर्ग और उम्र के लोगों में दिखने वाले सामान्य लक्षण जोड़ों में दर्द, ज्वाइंड पर लालिमा, ठंड लगना और बुखार जैसे लक्षण शामिल हैं। अन्य लक्षणों में शारीरिक कमजोरी और एसिडटी की समस्या भी शामिल है।
नवजात में दिखने वाले लक्षण
नवजात शिशुओं को भी गठिया की समस्या होती है। सेप्टिक गठिया के लक्षण भी इनमें व्यस्कों से अलग होते हैं। आइए जानते हैं नवजात शिशुओं में सेप्टिक गठिया के क्या लक्षण हैं-
- जब शिशु का इंफेक्टेड ज्वॉइंट हिलता है, तो बच्चा रोना शुरू कर देता है।
- रातभर बैचेनी होना
- बुखार और बार-बार रोना
वयस्कों में दिखने वाले लक्षण
- जोड़ों में दर्द और सूजन
- ठंड लगना
- बुखार
- थकान
- अपच
- शारीरिक कमजोरी
- ज्वॉइंट लाल दिखना
सेप्टिक गठिया से प्रभावित होने वाले अंग
- कोहनी
- घुटना
- कंधा
- कलाई
- कमर इत्यादि ज्वॉइंट वाले हिस्से सेप्टिक गठिया से प्रभावित हो सकते हैं।

सेप्टिक गठिया का जोखिम
- कमजोर इम्यूनिटी वालों को सेप्टिक गठिया होने का खतरा अधिक रहता है।
- ऐसे लोग जिन्हें ज्वॉइंट में पहले से ही परेशानी होती है, उन्हें भी सेप्टिक गठिया होने का खतरा रहता है।
- जिनकी स्किन नाजुक होती है, उन्हें भी इस समस्या का खतरा रहता है।
सेप्टिक गठिया के कारण (Causes of Septic Arthritis)
बैक्टीरिया या फिर अन्य सूक्ष्मजीव जब ब्लड के जरिए ज्वॉइंट में फैलने लगते हैं, तब सेप्टिक गठिया होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा चोट या सर्जरी के जरिए जब बैक्टीरिया सीधे ज्वॉइंट पर अटैक करता है, तब भी आमतौर पर घुटनों पर कुल्हों में दर्द होने लगता है। अधिकतर मामलों में सेप्टिक गठिया होने का जिम्मेदार स्टेफिलोकोकस या स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया को ठहराया जाता है।
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सेप्टिक गठिया का इलाज (Treatment of Septic Arthritis)
इंफेक्शन की वजह से सेप्टिक गठिया होता है, ऐसे में शरीर से इंफेक्शन को दूर करके इस समस्या को ठीक किया जा सकता है। सेप्टिक गठिया को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। अगर आप सेप्टिक गठिया के लक्षणों को नजरअंदाज करते हैं, तो आपको ज्वॉइंट से जुड़ी अन्य समस्या हो सकती है।
समय पर इलाज कराने से सेप्टिक गठिया की समस्या सप्ताहभर में ठीक की जा सकती है। इस बीमारी को ठीक करने के लिए डॉक्टर मरीज को एंटीबायोटिक दवाइयां देते हैं। इसके अलावा ड्रेनेज भी किया जाता है। ड्रेनेज में इंजेक्शन की मदद से संक्रमित तरह पदार्थ को शरीर से बाहार निकाला जाता है। इसके अलावा आर्थोस्कोपी प्रक्रिया से भी सेप्टिक गठिया का इलाज किया जाता है।
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