जोड़ों में सूजन को ही गठिया रोग कहा जाता है। आयुर्वेद की मानें, तो गठिया रोग खराब वात दोष के कारण होती है। वात दोष के कारण पाचन तंत्र भी प्रभावित हो सकता है। गलत खानपान, शारीरिक श्रम की कमी से भी ये बीमारी हो सकती है। गठिया रोग का इलाज एलोपैथ, होम्योपैथ और आयुर्वेदिक पद्धति से किया जाता है। जब एलोपैथिक दवाओं से आराम नहीं मिलता, तो लोग आयुर्वेदिक इलाज की तरफ बढ़ते हैं। लेकिन क्या गठिया रोग में आयुर्वेदिक इलाज फायदेमंद है? इस सवाल का जवाब हम आगे लेख में जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के विकास नगर में स्थित प्रांजल आयुर्वेदिक क्लीनिक के डॉ मनीष सिंह से बात की।
क्या आयुर्वेदिक इलाज गठिया को पूर्ण रूप से ठीक करता है?
आयुर्वेदिक इलाज का असर धीरे होता है। आयुर्वेदिक तरीकों को आजमाएंगे, तो गठिया रोग के लक्षण कम जरूर होंगे। गठिया रोग होने पर जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या होती है। इन लक्षणों को डाइट में सही बदलाव और कसरत के जिए दूर किया जा सकता है। इस आधार पर ये कहना गलत नहीं होगा कि आयुर्वेदिक इलाज से गठिया रोग में आराम मिलता है लेकिन बीमारी जड़ से खत्म नहीं होगी। बीमारी को जड़ से खत्म करने की ताकत आयुर्वेद के अलावा मौजूद अन्य पद्धति में भी नहीं है। आयुर्वेदिक इलाज से जुड़ी जानकारी आपको सामान्य डॉक्टर नहीं देंगे, इसके लिए आपको आयुर्वेदिक एक्सपर्ट या डॉक्टर से सलाह लेनी होगी।
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WHO ने भी आयुर्वेदिक पद्धति को स्वीकारा है
आयुर्वेद एक पुरानी चिकित्सा पद्धति है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से ही आयुर्वेद को प्राकृतिक दवाओं की प्रणाली घोषित किया गया है। डब्ल्यूएचओ ने इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च और आयुर्वेदिक ट्रस्ट, तमिलनाडू के साथ मिलकर एक स्टडी करवाई थी जिससे लोग, आयुर्वेदिक इलाज पर विश्वास करें। ये स्टडी 1977 से 1984 के बीच अर्थराइटिस के आयुर्वेदिक इलाज पर आधारित थी।
आयुर्वेदिक इलाज से गठिया के लक्षण दूर होते हैं: स्टडी
साल 2011 में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ आयुर्वेद रिसर्च में एक स्टडी प्रकाशित हुई थी। इस स्टडी में 7 सालों तक 290 लोगों को गठिया रोग के लिए आयुर्वेदिक इलाज दिया गया था। स्टडी से पता चला कि जिन लोगों ने आयुर्वेदिक इलाज लिया था उनमें गठिया के लक्षण कम होते नजर आए। सूजन और दर्द से भी लोगों को राहत मिली। स्टडी में बताया गया कि जो लोग आयुर्वेदिक इलाज को पूरा करेंगे, उन्हें इस बीमारी के लक्षणों से छुटकारा मिलेगा।
गठिया रोग में आयुर्वेदिक इलाज कैसे किया जाता है?
गठिया रोग के लिए आयुर्वेदिक इलाज ट्राई कर रहे हैं, तो आपको दवा के रूप में तेल की मालिश करने की सलाह दी जा सकती है। महानारायण तेल से जोड़ों की मालिश करने पर दर्द और सूजन से छुटकारा मिलता है। इस तेल में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। एक हफ्ते मालिश करने से फर्क पता चलेगा। इसके अलावा गठिया रोग के लिए योगराज गुग्गुलु का भी इस्तेमाल किया जाता है। ये तीनों दोष वात, कफ और पित्त को शांत करता है। इस जड़ी-बूटी का सेवन गोलियों के रूप में भी कर सकते हैं। आयुर्वेद में गठिया रोग के लिए भुजंगासन, ताड़ासन, हलासन, पद्मासन और अर्धमत्स्येन्द्रासन आदि को भी फायदेमंद माना जाता है। ध्यान रखें कि आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह के बगैर इसका इस्तेमाल न करें।
क्या आयुर्वेदिक इलाज से गठिया ठीक हो जाता है? आयुर्वेदिक इलाज से गठिया रोग पूर्ण रूप से ठीक नहीं हो सकता है। लेकिन आयुर्वेदिक नियम अपनाने से गठिया के लक्षणों को काफी कम किया जा सकता है। रोजाना कसरत करें और हेल्दी डाइट लें। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सेवन डॉक्टर की सलाह पर करें।
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