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केमिकल या दवा के बगैर दूर करें एंग्‍जाइटी, अपनाएं डॉक्‍टर के बताए ये 5 आयुर्वेद‍िक उपाय

केमिकल या दवा के बिना एंग्जाइटी दूर करना मुमक‍िन है। आयुर्वेद‍िक उपाय जैसे पंचकर्मा, दुग्‍ध धारा, तेल धारा आद‍ि की मदद से मानस‍िक शांत‍ि म‍िलती है।
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केमिकल या दवा के बगैर दूर करें एंग्‍जाइटी, अपनाएं डॉक्‍टर के बताए ये 5 आयुर्वेद‍िक उपाय


आज के व्यस्त और स्‍ट्रेस से भरे जीवन में एंग्जाइटी (Anxiety) एक आम समस्या बन गई है। बहुत लोग इसे हल्के में लेते हैं या फिर केवल दवा पर निर्भर रहते हैं, लेकिन लंबे समय तक दवा का सेवन स्वास्थ्य पर बुरा असर हो सकता है। आयुर्वेद हमें बताता है कि प्राकृतिक उपायों से मन और शरीर दोनों को शांत किया जा सकता है। एंग्जाइटी सिर्फ मानसिक तनाव नहीं है, बल्कि यह शरीर की ऊर्जा प्रणाली और नर्वस सिस्टम पर भी असर डालती है। नियमित जीवनशैली, सही आहार और आयुर्वेदिक थेरेपी के जरिए आप न केवल एंग्जाइटी को कम कर सकते हैं बल्कि अपने मन, द‍िमाग और शरीर को संतुलित भी कर सकते हैं। Ayurveda Expert Dr. Shrey Sharma, Ramhans Charitable Hospital, Haryana ने बताया क‍ि जो लोग रात को देर से जागते हैं उनमें एंग्‍जाइटी के लक्षण सबसे ज्‍यादा देखे जाते हैं। एंंग्‍जाइटी दूर करने के ल‍िए अन‍िद्रा से बचें और रोज कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद पूरी करें। इसके साथ ही एंग्‍जाइटी का इलाज करने के ल‍िए कुछ आसान आयुर्वेद‍िक उपायों की मदद भी ले सकते हैं ज‍िनके बारे में आगे व‍िस्‍तार से जानेंगे।

1. पंचकर्मा- Panchakarma Therapy

पंचकर्मा (Panchakarma) आयुर्वेद का एक पुराना और प्रभावी उपाय है। इसमें शरीर से विषैले तत्व और तनाव को बाहर निकालने के लिए विशेष चिकित्सा तकनीकें अपनाई जाती हैं। पंचकर्मा से द‍िमाग की शांति और एनर्जी का संतुलन बेहतर होता है। इसे नियमित रूप से अपनाने से एंग्जाइटी के लक्षण जैसे ज्‍यादा चिंता करना, नींद की समस्या और शरीर में तनाव में कमी आती है।

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2. दुग्ध धारा- Dugdh Dhara Therapy

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Ayurveda Expert Dr. Shrey Sharma ने बताया क‍ि दुग्ध धारा (Dugdh Dhara), एंग्‍जाइटी को दूर करने का आसान उपाय है। हल्‍के गर्म दूध में हल्के जड़ी-बूटियों का इस्‍तेमाल करके इसे पीना या शरीर पर लगाने से एंग्जाइटी को कम करने में मदद म‍िलती है। दूध मानसिक शांति प्रदान करता है और नर्वस सिस्टम को रिलैक्स करता है। नींद न आने की समस्या में यह विशेष रूप से फायदेमंद है।

3. तेल धारा- Warm Oil Therapy- Shirodhara & Abhyanga

तेल धारा एक आयुर्वेद‍िक प्रक्र‍िया है ज‍िसमें सिर और शरीर पर धीरे-धीरे हल्‍का गर्म तेल डाला जाता है। शिरोधारा (Shirodhara) और अभ्यंग (Abhyanga) तकनीक से तनाव और चिंता को कम किया जा सकता है। यह तकनीक द‍िमाग के ब्‍लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाती है। नियमित अभ्यास से मानसिक स्थिरता और गहरी नींद में सुधार आता है।

4. एंग्‍जाइटी दूर करने वाली जड़ी-बूटियां- Herbs For Anxiety

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आयुर्वेद में कई जड़ी-बूटियां, एंग्जाइटी को कम करने में मदद करती हैं।
1. ब्राह्मी- Brahmi: मानसिक शांति और ध्यान बढ़ाता है।
2. अश्वगंधा- Ashwagandha: शरीर और मन को तनाव से मुक्त करता है।
3. जटामांसी- Jatamansi: Ayurveda Expert Dr. Shrey Sharma ने बताया क‍ि जटामांसी सबसे प्रभावी जड़ी-बूटी मानी जाती है, यह नींद सुधारने और तनाव कम करने में मदद करती है।

5. योग और प्राणायाम की मदद लें- Yoga & Pranayama For Anxiety

  • योग और प्राणायाम, तनाव कम करने और मानसिक संतुलन के लिए बेहतरीन उपाय हैं।
  • अनुलोम विलोम (Anulom Vilom), श्वास को कंट्रोल करके मन को शांत करता है।
  • भ्रामरी प्राणायाम (Bhramari Pranayama), द‍िमाग को रिलैक्स करता है और चिंता घटाता है।
  • नियमित योग करने से एंग्जाइटी के लक्षणों में सुधार आता है और मानसिक ऊर्जा बढ़ती है।

न‍िष्‍कर्ष:

इन 5 आयुर्वेदिक उपायों को अपनाकर आप केमिकल या दवा के बिना ही एंग्जाइटी को कम कर सकते हैं। हमेशा ध्यान रखें कि किसी भी आयुर्वेदिक थेरेपी को विशेषज्ञ की सलाह के साथ अपनाना चाहिए। प्राकृतिक उपायों और नियमित जीवनशैली से आप न केवल तनाव और चिंता से मुक्त होंगे, बल्कि स्वस्थ और संतुलित जीवन का आनंद भी ले सकेंगे।

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image credit: jdmagicbox.com

FAQ

  • पंचकर्मा से एंग्‍जाइटी दूर कैसे करें?

    पंचकर्मा शरीर से विषैले तत्व निकालकर नर्वस सिस्टम को संतुलित करता है, तनाव कम करता है, मानसिक शांति बढ़ाता है और नींद में सुधार लाता है।
  • एंग्‍जाइटी दूर करने के आयुर्वेद‍िक उपाय क्‍या हैं?

    पंचकर्मा, दुग्ध धारा, तेल धारा (शिरोधारा, अभ्यंग), जड़ी-बूटियां जैसे ब्राह्मी, अश्वगंधा, जटामांसी और योग-प्राणायाम अपनाकर मानसिक शांति और तनाव को कम किया जा सकता है।
  • एंग्‍जाइटी के लक्षण क्‍या हैं?

    ज्‍यादा चिंता करना, बेचैनी, नींद न आना, दिल की धड़कन तेज होना, सांस लेने में कठिनाई, सिरदर्द, मांसपेशियों में तनाव, ध्यान केंद्रित न कर पाना और पाचन समस्याएं, एंग्‍जाइटी के लक्षण हैं।

 

 

 

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  • Current Version

  • Sep 25, 2025 14:59 IST

    Published By : Yashaswi Mathur

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