आज की भागदौड़ और तनाव से भरी जिंदगी में सेहतमंद रहना एक बड़ी चुनौती बन गया है। सुबह से लेकर रात तक काम का बोझ, डिजिटल लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खानपान की आदतें मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही हैं। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि हम दिनचर्या में थोड़ा समय अपने शरीर और मन की देखभाल के लिए निकालें। योग और प्राणायाम ऐसे ही दो साधन हैं, जो हमें बिना किसी साइड इफेक्ट के मानसिक शांति और शारीरिक ताकत देते हैं। इन्हीं प्राणायामों में एक है भ्रामरी प्राणायाम, यह न केवल मन को शांत करता है, बल्कि तनाव, गुस्सा और मानसिक थकावट को भी दूर करता है। आजकल कई लोग यह जानना चाहते हैं कि भ्रामरी प्राणायाम करने से क्या फायदे होते हैं? क्या यह रोजाना करना सही रहता है? इसका असर दिमाग और शरीर पर कैसा पड़ता है?
इस लेख में हम उत्तम नगर में स्थित योग जंक्शन के योग थेरेपिस्ट प्रवीण गौतम से विस्तार से जानेंगे कि भ्रामरी प्राणायाम कैसे किया जाता है, इसके रोजाना अभ्यास से शरीर और मन को क्या लाभ होते हैं और किन लोगों को इसे सावधानी से करना चाहिए।
रोजाना भ्रामरी प्राणायाम करने के फायदे - What are the benefits of Bhramari Pranayama daily
योग थेरेपिस्ट प्रवीण गौतम के अनुसार, यदि भ्रामरी प्राणायाम का नियमित अभ्यास किया जाए तो यह न केवल तनाव कम करता है बल्कि मस्तिष्क, हार्ट और श्वसन तंत्र को भी संतुलित करता है। इसे योग के सरल और प्रभावशाली श्वास नियंत्रण अभ्यासों में गिना जाता है, जो न केवल मन को शांत करता है बल्कि शरीर को भी स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। आइए जानें, भ्रामरी प्राणायाम क्या है और इसके नियमित अभ्यास से क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।
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1. तनाव और चिंता में राहत
भ्रामरी प्राणायाम का सबसे बड़ा फायदा है यह मानसिक तनाव और चिंता को कम करता है। गुनगुनाती आवाज मस्तिष्क को आराम देती है और मानसिक रूप से तनाव से लड़ने की क्षमता बढ़ाती है। रोजाना अभ्यास से डिप्रेशन, तनाव और अनिद्रा जैसी समस्याएं कम होती हैं।
2. मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ाए
भ्रामरी प्राणायाम मस्तिष्क की एनर्जी को बढ़ाता है। यह ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को सुधारता है और स्मृति शक्ति यानी मैमोरी पावर को मजबूत बनाता है। इसलिए पढ़ाई या ऑफिस के काम में भी यह बेहद मददगार होता है।
3. गले की समस्या में राहत
इस प्राणायाम से गले की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और श्वास नली की समस्याओं जैसे खांसी, गले में खराश और साइनस में आराम मिलता है। यह सास की नली को साफ करता है और सांस लेने में सुधार करता है।
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4. हार्ट हेल्थ में सुधार
भ्रामरी प्राणायाम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसकी धीमी और नियंत्रित सांसों की प्रक्रिया दिल गति को संतुलित करती है और कार्डियक हेल्थ बेहतर बनती है।
5. नींद में सुधार
जो लोग अनिद्रा से पीड़ित हैं, उनके लिए भ्रामरी प्राणायाम बहुत फायदेमंद होता है। यह मस्तिष्क को शांत करके अच्छी नींद लाने में मदद करता है। रोजाना सोने से पहले इसका अभ्यास नींद की क्वालिटी को बढ़ाता है।
6. सांस लेने की क्षमता बढ़ाए
यह प्राणायाम फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है, जिससे ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है और शरीर के सभी अंग स्वस्थ रहते हैं।
भ्रामरी प्राणायाम कैसे करें?
- एक शांत और आरामदायक जगह पर बैठ जाएं, पीठ सीधी रखें।
- गहरी सांस नाक से लें।
- धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए गले से मधुमक्खी की तरह गुनगुनाते हुए 'हम्म्म' की आवाज निकालें।
- यह आवाज इतनी धीमी और स्थिर होनी चाहिए कि मस्तिष्क को शांति मिले।
- इस प्रक्रिया को 5 से 10 मिनट तक दोहराएं।
किन्हें भ्रामरी प्राणायाम से बचना चाहिए?
- अगर आपकी गले या नाक में कोई गंभीर समस्या है तो डॉक्टर से सलाह लें।
- गर्भवती महिलाएं विशेषज्ञ की सलाह के बिना इस प्राणायाम का अभ्यास न करें।
- ज्यादा थकान या कमजोरी की स्थिति में प्राणायाम करने से बचें।
निष्कर्ष
भ्रामरी प्राणायाम एक सरल लेकिन अत्यंत प्रभावशाली योग अभ्यास है जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभकारी है। नियमित अभ्यास से न केवल तनाव कम होता है, बल्कि मस्तिष्क की क्षमता बढ़ती है, नींद बेहतर होती है और फेफड़ों की कार्यक्षमता भी सुधरती है। यदि आप स्वस्थ और तनाव मुक्त जीवन चाहते हैं तो रोजाना भ्रामरी प्राणायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
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FAQ
भ्रामरी प्राणायाम कब करना चाहिए?
भ्रामरी प्राणायाम सुबह खाली पेट या शाम को योगाभ्यास के बाद किया जा सकता है। शांत वातावरण में इसका अभ्यास करना ज्यादा फायदेमंद होता है।क्या भ्रामरी प्राणायाम से नींद की समस्या में फायदा होता है?
हां, भ्रामरी प्राणायाम से मस्तिष्क शांत होता है और तनाव कम होता है, जिससे नींद की क्वालिटी में सुधार होता है। अनिद्रा की समस्या वालों के लिए यह बहुत लाभकारी माना गया है।क्या बच्चे और बुजुर्ग भी भ्रामरी प्राणायाम कर सकते हैं?
जी हां, यह एक सुरक्षित प्राणायाम है जिसे बच्चे, वयस्क और बुजुर्ग सभी कर सकते हैं। लेकिन किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या होने पर पहले डॉक्टर या योग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।