Three Pranayama to Manage Anxiety and Boost Mood:आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, तनावपूर्ण माहौल और दूसरों से आगे रहने की रेस में भागने के कारण एंजाइटी यानी चिंता एक आम समस्या बन गई है। एंजाइटी एक ऐसी परेशानी है, जो अगर लंबे समय तक किसी व्यक्ति को हो जाए, तो गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। यूं तो एंजाइटी को खत्म करने के कई तरीके हैं, लेकिन आयुर्वेद और योग में इसका प्राकृतिक समाधान बताया गया है, जिसमें प्राणायाम सबसे खास है। रोजाना सिर्फ 30 मिनट प्राणायाम का अभ्यास करके दिमाग की शांति को बनाए रखने, कार्यक्षमता को सुधारने और ध्यान केंद्रित करने में आसानी होती है। प्राणायाम एंजाइटी को भी कम करता है। आइए जानते हैं ऐसे कुछ प्राणायाम जो एंजाइटी को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं। इस विषय पर अधिक जानकारी दे रही हैं दिल्ली की योग गुरु काम्या।
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1. नाड़ी शोधन- Nadi Shodhana Benefits in Anxiety
नाड़ी शोधन एक सांस लेने की तकनीक है। रोजाना नाड़ी शोधन करने से चिंता, एंजाइटी और मानसिक तनाव को कम करने में मदद मिलती है। नाड़ी शोधन को अनुलोम-विलोम प्राणायाम भी कहा जाता है। योग गुरु का कहना है कि प्रतिदिन नाड़ी शोधन का अभ्यास करने से ऑक्सीजन का सही प्रवाह बढ़ाकर मानसिक स्पष्टता लाता है। यह मन को शांत रहता है और दिमाग से नेगेटिविटी को भी खत्म करता है।
कैसे करें नाड़ी-शोधन प्राणायाम- How to do Nadi Shodhan Pranayama
- इसे करने के लिए सबसे पहले योगा मैट बिछाकर सुखासन या पद्मासन में बैठ जाएं।
- इसके बाद दाएं हाथ के अंगूठे से दाईं नाक को बंद करें और बाईं नाक से सांस लें।
- फिर बाईं नाक को बंद करके, दाईं नाक से सांस को छोड़ने की कोशिश करें।
- इस प्रक्रिया को 20 से 25 बार दोहराएं।
2. भ्रामरी प्राणायाम- Benefits of Bhramari Pranayama in Anxiety
एंजाइटी को कम करने में भ्रामरी प्राणायाम बहुत प्रभावी माना जाता है। यह प्राणायाम दिमाग को शांत करके, तंत्रिका तंत्र को संतुलित करने में मदद करता है। प्रतिदिन सिर्फ 10 से 15 मिनट भ्रामरी प्राणायाम करने से शारीरिक तनाव और मानसिक चिंता दूर होती है। योग गुरु का कहना है कि भ्रामरी प्राणायाम में जब आप गहरी सांस लेकर "हम्म्म्म" की ध्वनि निकालते हैं, तो यह कंपन दिमाग को शांत और मन को स्थिर करता है।
कैसे करें भ्रामरी प्राणायाम- How to Do Bhramari Pranayama in Hindi
- इसे करने के लिए सबसे पहले आरामदायक मुद्रा में बैठें और आंखों को धीरे से बंद करें।
- अब दोनों हाथों की तर्जनी उंगलियों को कानों पर रखें। इस दौरान आपको आंखों को बंद रखना होगा।
- इसके बाद गहरी सांस लें और “हम्म्म्म” की ध्वनि निकालते हुए सांस को धीरे-धीरे छोड़ने की कोशिश करें।
- एंजाइटी को कम करने के लिए इस प्रक्रिया को 10 से 12 बार दोहराएं।
3. उज्जायी प्राणायाम- Benefits of Ujjayi Pranayama
उज्जायी प्राणायाम चिंता और तनाव को कम करने में लाभकारी माना जाता है। रोजाना सुबह उज्जायी प्राणायाम करने से मानसिक शांति मिलती है, जिससे एंजाइटी कम होती है। इस प्राणयाम को करते समय गले में हल्का संकुचन होता है, जिससे सांस लेते समय एक हल्की आवाज निकलती है। जिससे चिंता और मानसिक विकारों से राहत मिलती है। एंजाइटी के कारण जिन लोगों को अनिद्रा की समस्या होती है, उज्जायी प्राणायाम उनके लिए भी बहुत फायदेमंद है।
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उज्जायी प्राणायाम कैसे करें- How to do Ujjayi Pranayama in Hindi
- योगा मैट को बिछाकर आरामदायक पोजीशन में बैठ जाएं।
- गहरी सांस लें और गले में हल्का संकुचन उत्पन्न करें जिससे सांस लेते वक्त हल्की सी आवाज आए।
- अब सांस को धीरे-धीरे छोड़ने की कोशिश करें।
- इस प्रक्रिया को 10 से 15 बार दोहराने की कोशिश करें।
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निष्कर्ष
योग गुरु के अनुसार, प्रतिदिन इन 3 प्राणायाम को करने से मानसिक शांति मिलती है, जिससे एंजाइटी काफी हद तक कम होती है। ये प्राणायाम शरीर और मन के बीच संतुलन बनाए रखता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।