
Can Diabetic Patients Do Panchakarma Treatment According to Ayurvdea : आयुर्वेद में पंचकर्म एक ऐसी विधि है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर बीमारियों का खतरा कम करती है। पंचकर्म में विभिन्न प्रकार उल्टी, मल और मूत्र के जरिए शरीर से गंदगी को बाहर निकाला जाता है। यह प्रक्रिया एक निश्चित समय अवधि तक दोहराई जाती है। पंचकर्म लंबे समय तक चलता है, इसलिए कई लाइलाज बीमारियों से जूझ रहे लोग इस विधि को करवाने से पहले असमंजस की स्थिति में रहते हैं।
विशेषकर डायबिटीज से पीड़ित जब पंचकर्म की बात आती है, तो यह सवाल जरूर करते हैं कि क्या वाकई वो इस प्रक्रिया का हिस्सा बन सकते हैं? आज इस लेख में हम इसी सवाल का जवाब जानने की कोशिश करेंगे। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए हमने दिल्ली के आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर और पंचकर्म एक्सपर्ट डॉ. चंचल शर्मा से बात की।
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क्या डायबिटीज के मरीज पंचकर्म करवा सकते हैं?- Can diabetic patients undergo panchakarma?
डॉ. चंचल शर्मा के अनुसार, डायबिटीज एक मेटाबोलिक डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर में ब्लड शुगर लेवल असामान्य रूप से बढ़ जाता है। आपको यह बात समझनी होगी कि डायबिटीज को जीवन शैली, खानपान और स्वस्थ्य आहार के जरिए ही ठीक किया जा सकता है। वहीं, पंचकर्म में शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग किया जाता है, जैसे वमन, विरेचन, बस्ती, नस्य और रक्तमोक्षण। पंचकर्म प्रक्रिया मेटाबॉलिज्म को भी बेहतर बनाती है, इसलिए डायबिटीज के रोगी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की सलाह पर इसे पद्धति को करवा सकते हैं।
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डायबिटीज में पंचकर्म फायदे - panchkarma benefits in diabetes
पंचकर्म स्पेशलिस्ट डॉ. चंचल शर्मा का कहना है कि डायबिटीज के रोगी एक समय के अंतराल पर पंचकर्म पद्धति को अपनाते हैं, तो इससे ब्लड शुगर को मैनेज करने में मदद मिलती है। साथ ही, यह पद्धति डायबिटीज के मरीजों को कई प्रकार के फायदे भी मिलते हैं। आइए आगे जानते हैं इसके बारे में...
इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधारता है : पंचकर्म विधि जैसे बस्ती चिकित्सा शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाकर ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को बेहतर बना सकते हैं।
पाचन तंत्र को बनाए बेहतर : पंचकर्म शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है, जिससे पाचन तंत्र और लीवर की कार्यक्षमता बेहतर बनती है।
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मानसिक तनाव को करें कम : डायबिटीज के कारण होने वाले शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करने में भी पंचकर्म बहुत फायदेमंद होता है। यह दिमागी कार्यक्षमता को बढ़ाता है, जिससे सोचने की क्षमता सुधरती है और तनाव कम होता है।
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डायबिटीज में पंचकर्म कब नहीं करवाना चाहिए?- When should panchkarma not be done in diabetes?
हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि डायबिटीज के मरीजों के लिए पंचकर्म बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन जिन लोगों का ब्लड शुगर अत्यधिक अस्थिर रहता है, उन्हें इस प्रक्रिया को नहीं करवाना चाहिए। जो डायबिटीज के रोगी शारीरिक तौर पर काफी कमजोर हैं, उन्हें भी पंचकर्म नहीं करवाने की सलाह दी जाती है।
निष्कर्ष
डायबिटीज के मरीज पंचकर्म थेरेपी का लाभ उठा सकते हैं, लेकिन इसे अपनाने से पहले किसी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। पंचकर्म करवाने से पहले 1 सप्ताह तक रोजाना अपना ब्लड शुगर जरूर मापें और एक्सपर्ट को इसकी जानकारी दें।
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