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प्रेग्नेंसी प्लानिंग से पहले आपको पंचकर्म क्यों कराना चाहिए? जानें डॉ. चंचल शर्मा से

Why You Should do Panchakarma Before Planning Pregnancy: पंचकर्म एक आयुर्वेदिक पद्धति है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है।
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प्रेग्नेंसी प्लानिंग से पहले आपको पंचकर्म क्यों कराना चाहिए? जानें डॉ. चंचल शर्मा से


Why You Should do Panchakarma Before Planning Pregnancy: प्रेग्नेंसी हर महिला के जीवन का एक खास एहसास होता है। पहले लोग बिना किसी प्लानिंग, फोटोशूट और अन्य फैशन ट्रेंड की तरह को फॉलो किए बिना बच्चा पैदा करते थे। लेकिन जैसे आधुनिक वक्त आ रहा है, कपल्स बच्चे की प्लानिंग करते हैं। प्रेग्नेंसी सिर्फ खुद के शरीर को संतान उत्पत्ति के लिए तैयार करने का समय नहीं है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी स्वस्थ होने का समय है। अगर आप भी कुछ वक्त में प्रेग्नेंसी की प्लानिंग करने के बारे में सोच रहे हैं, तो पहले पंचकर्म जरूर करवाएं।

पंचकर्म एक प्राचीन आयुर्वेदिक अभ्यास है जिसका उपयोग 5 चरणों में शरीर को शुद्ध करने के लिए किया जाता है। प्रेग्नेंसी प्लानिंग से पहले पंचकर्म करवाने से शरीर को कई प्रकार के फायदे मिलते हैं। आज इस लेख में दिल्ली के राजौरी गार्डन स्थित क्लीनिक पर प्रैक्टिस कर रहीं आयुर्वेदिक और पंचकर्म एक्सपर्ट डॉ. चंचल शर्मा से जानेंगे प्रेग्नेंसी प्लानिंग से पहले पंचकर्म करवाने के फायदों के बारे में।

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पंचकर्म क्या है?- What is Panchakarma?

डॉ. चंचल शर्मा के अनुसार, आयुर्वेद में पंचकर्म का इस्तेमाल शरीर से विषाक्त पदार्थों से मुक्त करना और स्वास्थ्य को सुधारने के लिए किया जाता है। पंचकर्म आपके शरीर के भीतर वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को संतुलित करता है। इससे बच्चे के समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट का कहना है कि होने वाले बच्चे का स्वास्थ्य मां के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है, इसलिए आयुर्वेद के अनुसार, गर्भाधान में पंचकर्म बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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प्रेग्नेंसी प्लानिंग के दौरान पंचकर्म के फायदे- Benefits of Panchakarma during pregnancy planning

पंचकर्म स्पेशलिस्ट डॉ. चंचल शर्मा की मानें तो प्रेग्नेंसी की प्लानिंग से पहले हर महिला को पंचकर्म जरूर करवाना चाहिए। यह होने वाली मां और भविष्य में आने वाले शिशु के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। आइए जानते हैं इसके फायदों के बारे में।

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1. डिटॉक्सीफाई- Panchakarma detoxify the Body

आजकल की खराब लाइफस्टाइल, तनाव, खानपान की आदतें और अन्य कारणों से लोगों के शरीर में कई प्रकार के टॉक्सिन्स जमा हो जाते हैं। इन टॉक्सिन के कारण प्रजनन स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। पंचकर्म इन विषैले तत्वों को निकालकर शरीर को शुद्ध करता है, जिससे प्रजनन क्षमता (fertility) में सुधार होता है। आयुर्वेद में पंचकर्म चिकित्सा में वमन, विरेचन, बस्ती, रक्तमोक्षण और नस्य शामिल हैं। यह पद्धतियां शरीर को अंदर से शुद्ध करके कंसीव करने की प्रक्रिया को आसान बनाती है।

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2. दोषों को करता है संतुलित- Panchkarma balances the doshas

आयुर्वेद के अनुसार, शरीर के 3 मुख्य दोष वात, पित्त और कफ का असंतुलन किसी भी समस्या का मूल कारण है। बांझपन भी एक ऐसी समस्या है जिसका इलाज पंचकर्म चिकित्सा की मदद से प्राकृतिक रूप से किया जा सकता है। क्योंकि कभी-कभी ये असंतुलित दोष अनियमित पीरियड्स, खराब एग क्वालिटी, कम शुक्राणुओं की संख्या, ट्यूबल ब्लॉकेज, एंडोमेट्रियोसिस आदि का कारण बन सकते हैं। पंचकर्म शरीर के तीनों दोषों को संतुलित करके प्रेग्नेंसी कंसीव करने में मदद करती है।

3. तनाव को करता है कम- Panchkarma reduces stress

कई बार देखा जाता है कि कपल्स प्रेग्नेंसीकी प्लानिंग तो करते हैं, लेकिन बार-बार फेल होते हैं। इसका मुख्य कारण होता है तनाव। तनाव इन दिनों बांझपन के प्राथमिक कारकों में से एक है, इसलिए शरीर के साथ-साथ अपने मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाए रखना जरूरी होता है। पंचकर्म प्रक्रिया के महिलाओं के शरीर के तनाव को कम करने में मदद मिलती है। जो प्रेग्नेंसी कंसीव करने के साथ-साथ 9 महीने के सफर की परेशानियों को भी थोड़ा कम करवाती है।

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4. गर्भाशय के स्वास्थ्य को बनाए बेहतर- Panchkarma improves the health of the uterus

बच्चे के जन्म के लिए महिला के गर्भाशय का स्वास्थ्य बहुत महत्वपूर्ण है। आयुर्वेदिक पंचकर्म चिकित्सा की मदद से आप गर्भाशय से विषाक्त पदार्थों को साफ कर सकते हैं और ब्लड फ्लो को बढ़ा सकते हैं। डॉ. चंचल शर्मा ने अनुसार, आयुर्वेद में पिचू और बस्ती दो पंचकर्म तकनीक हैं जो प्रजनन ऊतकों को पोषण देने में मदद करती हैं। साथ ही, गर्भाशय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है।

5. हार्मोन को करें बैलेंस- Panchkarma Balance the Hormones

प्रेग्नेंसी प्लानिंग के लिए हार्मोनल बैलेंस बेहद जरूरी है। पंचकर्म थायराइड, पीसीओएस और अन्य हार्मोनल समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद करता है।

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पंचकर्म कब और कैसे करवाएं?

प्रेग्नेंसी की प्लानिंग से पहले पंचकर्म कब करवाना चाहिए और इसकी प्रक्रिया है, इस बारे में अधिक जानकारी के लिए किसी भी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से सलाह लें। डॉ. चंचल का कहना है कि आमतौर पर पंचकर्म प्रक्रिया 21 से 30 दिनों की होती है, जो व्यक्ति की शारीरिक स्थिति और जरूरत के अनुसार तय की जाती है।

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निष्कर्ष

प्रेग्नेंसी प्लानिंग से पहले पंचकर्म न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि गर्भाशय को भी स्वस्थ रखता है। अगर आप भी प्रेग्नेंसी की प्लानिंग कर रहे हैं, तो आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की सलाह पर पंचकर्म जरूर करवाएं और इसके फायदों का लाभ उठाए।

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