Vamana Treatment in Hindi: आयुर्वेद में तरह-तरह की बीमारियों का इलाज करने के लिए प्राकृतिक तरीकों को आजमाया जाता है। इसमें पचंकर्म चिकित्सा प्रणाली भी एक है। पंचकर्म शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने की आयुर्वेदिक चिकित्सा है। पंचकर्म करवाने से शरीर में जमा अपशिष्ट पदार्थ बाहर निकलते हैं और शरीर की शुद्धि होती है। इसमें 5 प्रक्रियाएं होती हैं, जिसमें- वमन, विरेचन, नस्य, रक्तमोक्षण और वस्ती शामिल हैं। जब आयुर्वेद में इन पांचों प्रक्रियाओं को करवाया जाता है, तो इसे पंचकर्म के रूप में जाना जाता है। हालांकि, कई लोग पंचकर्म का एक हिस्सा भी करवाते हैं। यानी कोई सिर्फ वमन कराता है, तो कोई सिर्फ विरेचन या वस्ती। मैंने भी शरीर की शुद्धि के लिए कुछ दिन पहले चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान, नजफगढ़ से वमन क्रिया करवाई। वमन क्रिया में उल्टी के माध्यम से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाला जाता है। आइए, वमन प्रक्रिया के दौरान मेरा अनुभव कैसे रहा, इसके बारे में जानते हैं-
वमन क्रिया क्या होती है?- What is Vamana Process in Hindi
वमन, पंचकर्म के 5 प्रक्रियाओं में से एक है। इसमें उल्टी करवाकर शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाला जाता है। दरअसल, वमन क्रिया के दौरान व्यक्ति को पहले कुछ औषधी खिलाई जाती है। इसके बाद उसे वमन यानी उल्टी कराई जाती है। आयुर्वेद में वसंत ऋतु में वमन क्रिया करवाने की सलाह दी जाती है।
शरीर की शुद्धि के लिए करवाया 'वमन'
किसी भी बीमारी की जड़ शरीर में जमा विषाक्त पदार्थ ही होते हैं। यानी जब शरीर में अपशिष्ट पदार्थ जमा होते हैं, तो बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में समय-समय पर शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते रहना चाहिए। ऐसा ही मैंने भी अपने शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों को निकालने और शरीर की शुद्धि के लिए वमन क्रिया करवाई। वमन के दौरान उल्टी करवाई जाती है। इसमें उल्टी के साथ ही शरीर में जमा अपशिष्ट पदार्थ बाहर निकल आते हैं।
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वमन से पहले जरूरी है घी का सेवन
वमन से पहले मुझे आयुर्वेद डॉक्टर ने एक हफ्ते तक घी खाने की सलाह दी। वमन से पहले गाय का घी खाना बहुत जरूरी होता है। साथ ही, हर दिन घी की मात्रा भी बढ़ाई जाती है। जब घी खाने की प्रक्रिया खत्म हो जाती है, तो उसके एक दिन बाद वमन क्रिया करवाई जाती है।
- पहला दिन- 2 चम्मच
- दूसरे दिन- 4 चम्मच
- तीसरे दिन- 6 चम्मच
- चौथे दिन- 8 चम्मच
- पांचवें दिन- 10 चम्मच
- छठे दिन- 11 चम्मच
- सातवें दिन- 12 चम्मच
वमन से एक रात पहले क्या खिलाया जाता है?
आपको बता दूं कि वमन से एक रात पहले डॉक्टर से मुझे हैवी डिनर करने के लिए कहा। यानी इस डिनर में ओवरइटिंग करनी होती है। इसमें मिठाई, रबड़ी आदि भी खाना होता है। मैंने रात में 2 रोटी, एक कटोरी सब्जी, एक कटोरी दाल और 8 रसगुल्ले खाएं।
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कैसे करवाई जाती है वमन क्रिया?
वमन प्रक्रिया को दूध के साथ शुरू किया जाता है। सबसे पहले लगातार 1-2 लीटर दूध पिलाया जाता है। शरीर से दूध साथ-साथ में उल्टी के जरिए निकलता भी रहता है। इसके बाद, व्यक्ति को 8-10 गिलास मुलेठी का पानी पिलाया जाता है। यह भी साथ-साथ में निकलता रहता है और फिर सेंधा नमक का पानी पिलाया जाता है। इस तरह से इन चीजों को लगातार पिलाया जाता है और ये शरीर से निकलते रहते हैं। इससे शरीर में जमा सारी गंदगी उल्टी के साथ बाहर निकल आती है और शरीर की शुद्धि होती है। हालांकि, अलग-अलग जगहों या हॉस्पिटल में वमन प्रक्रिया के दौरान अलग-अलग तरल पदार्थों का सेवन करवाया जा सकता है। इसलिए अगर आप वमन क्रिया करवाने की सोच रहे हैं, तो पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें।
वमन के बाद फॉलो किया ये डाइट प्लान
पहले दिन
- सुबह - पेया (पकाए हुए चावल का पानी)
- शाम- पेया
दूसरे दिन
- सुबह - पेया
- शाम- पेया
तीसरे दिन
- सुबह- विलेपी (अच्छी तरह से गले हुए चावल)
- शाम- विलेपी
चौथे दिन
- सुबह- विलेपी
- शाम- अकृत यूष (मूंग दाल का सूप)
पांचवें दिन
- सुबह- कृत यूष (मूंग दाल सूप में घी और सेंधा नमक का तड़का)
- शाम- कृत यूष
छठे दिन
- सुबह- खिचड़ी
- शाम- खिचड़ी
सातवें दिन
- सुबह- खिचड़ी
- शाम- खिचड़ी
जब सात दिनों तक डाइट को अच्छी तरह से फॉलो किया जाता है, तो शरीर काफी हल्का महसूस होता है। आपका शरीर अंदर से साफ हो जाता है और आप अच्छा महसूस करते हैं। वैसे तो कोई भी व्यक्ति वमन क्रिया करवा सकता है, लेकिन सभी लोगों की स्वास्थ्य स्थिति अलग-अलग होती है। इसलिए आपको कब और कैसे वमन करवाना है, इसके लिए आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।