
Shirodhara Therapy in Hindi: आयुर्वेद हमें हजारों वर्षों से स्वस्थ और बीमारियों से मुक्त जीवन जीने का मार्ग दिखा रहा है। इसमें रोगों का इलाज करने के लिए नैचुरल तरीकों को आजमाया जाता है। इसमें अलग-अलग जड़ी-बूटियां, थेरेपी (तकनीक) और तेल शामिल हैं। आयुर्वेद के अनुसार हमारा शरीर पांच तत्वों (जल, पृथ्वी, आकाश, अग्नि और वायु) से मिलकर बना है। वात, पित्त और कफ, इन्हीं पांच तत्वों का संयोजन है, जिसके आधार पर आयुर्वेद में इलाज के विकल्प चुने जाते हैं।
आयुर्वेद को रोगों के उपचार और स्वस्थ जीवन जीने का एक सर्वोत्तम तरीका माना गया है। प्राकृतिक तरीकों से स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने के कारण आधुनिक विश्व में भी आयुर्वेद का काफी महत्व है। इसके महत्व को बढ़ाने और आयुर्वेदिक चिकित्सा के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से ओनलीमायहेल्थ मई 2023 से 'आरोग्य विद आयुर्वेद' सीरीज की शुरुआत कर रहा है। इसमें हम आपको आयुर्वेद की जड़ी-बूटियों और थेरेपी के बारे में जानकारी देते रहेंगे। साथ ही, आयुर्वेद में किसी बीमारी का इलाज कैसे किया जाता है या फिर कौन-सी बीमारी का इलाज आयुर्वेद में संभव है और किसका नहीं, इन सभी के बारे में भी बताते रहेंगे। इस सीरीज के पहले आर्टिकल में हम आपको 'शिरोधारा थेरेपी' के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। शिरोधारा थेरेपी के बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए हमने चरक पालिका हॉस्पिटल एनडीएनसी नई दिल्ली के आयुष डिस्पेंसरी की इंचार्ज और सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर सुष्मिता शर्मा से बातचीत की-
शिरोधारा थेरेपी क्या है?- What is Shirodhara Therapy in Hindi
शिरोधारा संस्कृत के दो शब्दों 'शिरो' और 'धारा' से मिलकर बना है। इसमें शिरो का मतलब सिर और धारा का मतलब प्रवाह होता है। यानी इसमें प्रवाह के साथ सिर पर तेल डाला जाता है। आपको बता दें कि शिरोधारा उपचार की एक पारंपरिक आयुर्वेदिक पद्धति है, जिसमें किसी भी तरल चीज को माथे पर डाला जाता है। शिरोधारा थेरेपी का उपयोग हजारों वर्षों से किया जा रहा है। इस थेरेपी का उपयोग मन, मस्तिष्क और तन को स्वस्थ रखने के लिए किया जाता है।
शिरोधारा को एक शुद्ध और कायाकल्प उपचारों में से एक माना जाता है। इस चिकित्सा प्रणाली में शरीर से विषाक्त पदार्थों को नष्ट करके बीमारी का इलाज किया जाता है। शिरोधारा थेरेपी तनाव और सिरदर्द जैसी समस्याओं को जड़ से खत्म करने में कारगर साबित हो सकती है। दरअसल, इस थेरेपी को लेने से मन शांत होता है, इससे थकावट और तनाव दूर होते हैं।
शिरोधारा के लिए तेल- Best Oils for Shirodhara Therapy in Hindi
शिरोधारा थेरेपी में माथे पर तेल, दूध या अन्य तरल पदार्थ डाला जाता है। शिरोधारा थेरेपी में तरल पदार्थों का चुनाव, व्यक्ति के दोष पर निर्भर करता है। यानी अगर किसी व्यक्ति की शारीरिक प्रकृति पित्त है, तो उसके लिए ठंडी तासीर के तेलों का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, अगर किसी व्यक्ति की प्रकृति कफ या वात है, तो उसके लिए गर्म तासीर के तेलों का उपयोग किया जाता है। शिरोधारा के लिए बेहतरीन तेल इस प्रकार हैं-
- तिल का तेल
- नारियल का तेल
- क्षीरबाला तेल
इसके अलावा इस थेरेपी में कुछ अन्य प्रकार के तरल पदार्थों का भी उपयोग किया जाता है। इसमें शामिल हैं-
- घी या मक्खन
- गाय का दूध
- छाछ
- नारियल पानी
इतना ही नहीं, इस थेरेपी में चिकित्सक तेल या तरल पदार्थों में विशेष प्रकार की जड़ी-बूटियां भी मिला सकते हैं। लेकिन किसी भी तेल का चुनाव व्यक्ति की बीमारी और प्रकृति के आधार पर ही किया जाता है।
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कैसे काम करती है शिरोधारा थेरेपी- How Does Shirodhara Work?
जब तेल या अन्य तरल पदार्थ माथे पर डाला जाता है, तो सिर की मांसपेशियों को आराम मिलता है। इससे मांसपेशियों में एक सनसनी-सी होती है, जो माथे की पेरिफेरल नसों से होकर मस्तिष्क तक जाती है। इससे हाइपोथैलेमस ग्लैंड को आराम मिलता है और पिट्यूटरी ग्रंथि की गतिविधियां नियंत्रित होती हैं। इसके अलावा, शिरोधारा थेरेपी सिर के चारों तरफ कई बिंदुओं को उत्तेजित करती है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है। इससे नींद आने लगती है, जिससे अनिद्रा या नींद से जुड़ी अन्य समस्याओं का इलाज होता है। इस तरह से शिरोधारा थेरेपी लेने से नींद और सिरदर्द जैसी समस्याएं ठीक होती हैं।
इतना ही नहीं, इस थेरेपी से एड्रेनालाईन और नॉरएड्रेनालाईन जैसे तनाव हार्मोन का स्तर कम होने लगता है। इससे मस्तिष्क को आराम मिलता है, जिससे तनाव, डिप्रेशन और चिंता जैसे मानसिक रोग दूर होने लगते हैं।
शिरोधारा थेरेपी के फायदे- Shirodhara Therapy Benefits in Hindi
- शिरोधारा थेरेपी तनाव को दूर करने में मदद कर सकती है। दरअसल, इस थेरेपी से मन, नसों और शरीर को आराम मिलता है। इसके अलावा, शिरोधारा स्ट्रेस हार्मोन को भी कम करती है। इस तरह से तनाव और चिंता दूर होने लगती है।
- शिरोधारा थेरेपी से नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। इस थेरेपी को लेने से कोर्टिसोल का स्तर कम होने में मदद मिलती है, जिससे गहरी और अच्छी नींद आती है।
- इस थेरेपी को लेने से एकाग्रता बढ़ाने में भी मदद मिल सकती है। यह थेरेपी घबराहट और बेचैनी के लक्षणों से राहत दिला सकती है।
- शरीर में वात या पित्त दोष के बढ़ने पर शिरोधारा थेरेपी लेना काफी फायदेमंद हो सकता है। लेकिन इसके लिए तेल या तरल पदार्थों का चुनाव सही होना बहुत जरूरी होता है।
- माइग्रेन या सिरदर्द जैसी समस्याओं में भी शिरोधारा थेरेपी लेना अच्छा हो सकता है।
- शिरोधारा थेरेपी मांसपेशियों के दर्द से राहत दिला सकती है। अगर तनाव या थकान की वजह से दर्द का अनुभव हो रहा है, तो इस थेरेपी को लेना कारगर साबित हो सकता है।
- इनके अलावा, आंखों की समस्याओं और हाई ब्लड प्रेशर में भी इस थेरेपी को लिया जा सकता है।
शिरोधारा थेरेपी में अपनाएं ये सावधानियां- Shirodhara Therapy Precautions in Hindi
अगर आप भी इस लेख को पढ़कर शिरोधारा थेरेपी लेने का सोच रहे हैं, तो एक बार इसकी सावधानियों को भी जरूर पढ़ लें।
- अगर आप गर्भावस्था के अंतिम चरण में हैं, तो इसे लेने से बचें।
- जिन लोगों को तेल, घी या दूध से एलर्जी है, उन्हें इस थेरेपी को डॉक्टर की राय पर ही लेनी चाहिए।
- उल्टी या बुखार होने पर शिरोधारा थेरेपी लेने से बचना चाहिए।
- इसके अलावा, अगर आपको गर्दन में चोट, ब्रेन ट्यूमर या माथे पर कट जैसी समस्याएं हैं, तो भी इस थेरेपी को लेने से बचें।
इस लेख में आपने शिराधारा थेरेपी के बारे में विस्तार से पढ़ा। तो अगर आप भी अपना सिरदर्द या तनाव जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए शिरोधारा थेरेपी लेने का विचार कर रहे हैं, तो पहले आयुर्वेदाचार्य से जरूर परामर्श लें। आयुर्वेद के महत्व को जानने के लिए हमारे 'आरोग्य विद आयुर्वेद' सीरीज के साथ जुड़े रहें। साथ ही, आरोग्य विद आयुर्वेद सीरीज के आर्टिकल्स पढ़ने के लिए जुड़े रहें हमारी वेबसाइट www.onlymyhealth.com के साथ। अगर आपको ये आर्टिकल पसंद आया, तो इसे अपने दोस्तों और परिचितों के साथ जरूर शेयर करें।