
मानसिक तनाव दूर करने के लिए कई तकनीकों की मदद ली जाती है उनमें से एक है ब्लू माइंड थेरेपी। ब्लू माइंड थेरेपी (Blue Mind Therapy) एक रोचक और वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित तरीका है, जिसमें पानी की शांत करने वाली शक्ति का इस्तेमाल मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने और तनाव कम करने के लिए किया जाता है। इस शब्द का पहली बार इस्तेमाल समुद्री जीवविज्ञानी डॉ. वॉलेस जे. निकोल्स ने अपनी 2014 की किताब ब्लू माइंड (Blue Mind) में किया था। इस लेख में विस्तार से जानेंगे कि आखिर ब्लू माइंड थेरेपी क्या है और इसके फायदे क्या हैं? इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने Dr. Ayyadurai R, Senior Consultant Neurosurgeon At Yashoda Hospitals, Hyderabad से बात की।
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ब्लू माइंड थेरेपी से स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल कम होता है
ब्लू माइंड थेरेपी एक तरीका है जो हमें नदी, झील, समुद्र, स्विमिंग पूल जैसे जल स्रोतों के पास रहने, उनमें समय बिताने या सिर्फ उन्हें देखने से मिलती है। Dr. Ayyadurai R ने बताया कि न्यूरोइमेजिंग स्टडीज के अनुसार, ऐसे 'ब्लू स्पेस' में रहने से दिमाग की गतिविधि बदलती है, जिससे डोपामिन और सेरोटोनिन बढ़ते हैं और स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल कम होता है।
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पानी के आसपास रहने या देखने से एंग्जाइटी दूर होती है: शोध
असल में, ब्लू माइंड थेरेपी सिर्फ समुद्र को देखते रहने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक एक्टिव थेरेपी टूल है। इसमें गाइडेड तरीके से पानी से जुड़ी गतिविधियां कराई जाती हैं, जैसे स्विमिंग, हाइड्रोथेरेपी, वर्चुअल रियलिटी में पानी के दृश्य देखना या माइंडफुलनेस के दौरान समुद्र की लहरों की आवाज सुनना। यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर जैसी संस्थाओं के शोध बताते हैं कि पानी के पास सिर्फ 20 मिनट बिताने से एंग्जाइटी और हार्ट रेट में करीब 30% तक कमी आ सकती है। इसके फायदे पारंपरिक मेडिटेशन जैसे ही होते हैं, लेकिन यह ज्यादा लोगों को आसानी से पसंद आता है।
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ब्लू माइंड थेरेपी अनिद्रा, डिप्रेशन को दूर करती है- Blue Mind Therapy Cures Insomnia And Depression

आज ब्लू माइंड के कॉन्सेप्ट को होलिस्टिक मेंटल हेल्थ प्रोग्राम्स में शामिल किया जा रहा है, खासकर उन लोगों के लिए जो एंग्जाइटी, डिप्रेशन या पीटीएसडी से जूझ रहे हैं। Dr. Ayyadurai R ने बताया कि जब ब्लू माइंड थेरेपी को कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी (CBT) के साथ जोड़ा गया, तो मरीजों में इमोशनल स्ट्रेंथ, फोकस और नींद की क्वालिटी बेहतर पाई गई। भारत में, जहां चारों तरफ कंक्रीट की इमारतें हैं, वहां यह थेरेपी खासतौर पर फायदेमंद है। ब्लू-लाइट सिमुलेशन या थेरेपी रूम में एक छोटा सा एक्वेरियम भी इस अवस्था को पैदा कर सकता है।
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हर उम्र के लोग ले सकते हैं ब्लू माइंड थेरेपी- Anyone Can Choose Blue Mind Therapy
सबसे अहम बात यह है कि ब्लू माइंड थेरेपी सुरक्षित और आसानी से अपनाई जा सकने वाली है, इसलिए यह हर उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त है। बुजुर्गों में यह याददाश्त कमजोर होने के खतरे को कम कर सकती है, वहीं गर्भवती महिलाओं को प्रेग्नेंसी से जुड़ी चिंता में राहत मिलती है। WHO के अनुसार, शहरीकरण के कारण भारत में लगभग 15% लोग मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से प्रभावित हैं। ऐसे में ब्लू माइंड एक प्राकृतिक और किफायती उपाय बनकर उभरता है।
यह थेरेपी हमें याद दिलाती है कि पानी की हल्की लय में प्रकृति ने शांति का एक खास सूत्र छुपा रखा है। हम पारंपरिक समझ और आधुनिक न्यूरोसाइंस को जोड़कर व्यक्ति को तनाव भरी जिंदगी में सुकून पाने में मदद कर सकते हैं।
निष्कर्ष:
ब्लू माइंड थेरेपी से एंग्जाइटी, डिप्रेशन, तनाव के लक्षण दूर होते हैं। पानी के आसपास रहने या पानी को देखने से मन को सुकून मिलता है। ब्लू लाइट थेरेपी के लिए नेचुरल या वर्चुअल लोकेशन की मदद ली जा सकती है।
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FAQ
मानसिक तनाव के लक्षण क्या हैं?
लगातार चिंता, चिड़चिड़ापन, नींद न आना, थकान, सिरदर्द, ध्यान लगाने में परेशानी, दिल की धड़कन तेज होना, भूख में बदलाव और छोटी बातों पर घबराहट मानसिक तनाव के सामान्य लक्षण हैं।ब्लू माइंड थेरेपी क्या होती है?
ब्लू माइंड थेरेपी पानी से जुड़ी गतिविधियों या दृश्यों के जरिए दिमाग को शांत करने की विधि है, जो तनाव घटाती है, मूड सुधारती है और मानसिक सुकून देने में मदद करती है।डिप्रेशन क्यों होता है?
डिप्रेशन हार्मोनल असंतुलन, लंबे समय का तनाव, भावनात्मक आघात, अकेलापन, नींद की कमी, गलत लाइफस्टाइल और कुछ जेनेटिक कारणों की वजह से हो सकता है।
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Dec 19, 2025 19:46 IST
Published By : Yashaswi Mathur