
हममें से ज्यादातर लोग यह मानते हैं कि शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी तभी होती है, जब हम ठीक से खाना न खाएं या हमारी डाइट असंतुलित हो लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो समय से और रोजाना हेल्दी खाना खाते हैं और फिर भी उनके शरीर में पोषण की कमी रहती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या स्ट्रेस शरीर में पोषण की अवशोषण को रोकता है? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने, यशोदा हॉस्पिटल्स, हैदराबाद के सीनियर कंसल्टेंट गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट, हेपेटोलॉजिस्ट और थेरेप्यूटिक एंडोस्कोपिस्ट, डॉ. डी. चंद्र शेखर रेड्डी (Dr. D. Chandra Sekhar Reddy, Senior Consultant Gastroenterologist, Hepatologist and Therapeutic Endoscopist, Yashoda Hospitals, Hyderabad) से बात की-
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क्या स्ट्रेस पोषक तत्वों के अवशोषण को रोकता है? - Does high stress reduce nutrient absorption
डॉ. डी. चंद्र शेखर रेड्डी बताते हैं कि क्रॉनिक स्ट्रेस न केवल पाचन तंत्र को कमजोर करता है, बल्कि शरीर की न्यूट्रिएंट्स अवशोषित करने की क्षमता को भी प्रभावित करता है, जिससे कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स बढ़ सकती हैं। डॉ. रेड्डी बताते हैं कि जब भी व्यक्ति तनाव में होता है, तो शरीर एक अलर्ट मोड में चला जाता है। इस दौरान शरीर एनर्जी को बचाने और सिर्फ जरूरी काम करने पर ध्यान देता है। पाचन प्रक्रिया को इस समय कम प्राथमिकता मिलती है। इससे कई तरह के बदलाव होते हैं-
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- पेट का एसिड कम हो जाता है
- डाइजेस्टिव एंजाइम्स घट जाते हैं
- आंतों की मूवमेंट बहुत तेज या बहुत धीमी हो जाती है
- गट माइक्रोबायोम यानी अच्छे बैक्टीरिया का बैलेंस बिगड़ जाता है
इन सभी बदलावों की वजह से शरीर खाने में मौजूद जरूरी पोषक तत्वों को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता।
स्ट्रेस से बढ़ती शरीर में न्यूट्रिएंट्स की डिमांड
डॉ. डी. चंद्र शेखर रेड्डी के अनुसार, तनाव के दौरान शरीर को सामान्य से ज्यादा पोषक तत्वों की जरूरत पड़ती है। खासकर ये माइक्रोन्यूट्रिएंट्स तेजी से कम होने लगते हैं-
- मैग्नीशियम
- जिंक
- कैल्शियम
- आयरन
- B-विटामिन्स
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ज्यादा तनाव के क्या लक्षण हैं? - Jyada tanav lene ke lakshan
डॉ. रेड्डी के अनुसार, कई लोग महीनों तक तनाव में रहते हैं और उन्हें पता भी नहीं चलता कि उनकी कमजोरी या हेल्थ प्रॉब्लम्स की जड़ तनाव है, न कि सिर्फ डाइट। लगातार न्यूट्रिएंट अवशोषण कम होने से इन लक्षणों का खतरा बढ़ जाता है-
- लगातार थकान महसूस होना
- बार-बार इंफेक्शन होना
- मूड खराब रहना या लो मूड
- बाल झड़ना और त्वचा की समस्याएं
- नींद ठीक से ना आना
- कमजोरी या कमजोर इम्यूनिटी
ये सभी संकेत इस बात की ओर इशारा करते हैं कि शरीर को जरूरी पोषण नहीं मिल पा रहा है, भले ही व्यक्ति अच्छा भोजन ही क्यों न खा रहा हो।
निष्कर्ष
लंबे समय तक स्ट्रेस केवल मन पर नहीं, बल्कि शरीर के हर हिस्से पर असर डालता है। यह पाचन को कमजोर करता है, गट हेल्थ बिगाड़ता है और न्यूट्रिएंट्स को अवशोषित करने की क्षमता घटाता है। इसलिए हेल्दी डाइट के साथ-साथ स्ट्रेस को मैनेज करना ही सही पोषण पाने का सबसे बड़ा कदम है।
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FAQ
क्या तनाव पाचन समस्याओं का कारण बन सकता है?
हां, क्रॉनिक स्ट्रेस Irritable Bowel Syndrome (IBS) को ट्रिगर कर सकता है, जिससे कब्ज, दस्त, ब्लोटिंग और अपच जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं।क्या तनाव होने पर भूख न लगना सामान्य है?
कुछ लोग तनाव में भोजन छोड़ देते हैं, जबकि कुछ ज्यादा जंक फूड या मीठा खाने लगते हैं। ये दोनों ही आदतें शरीर में पोषक तत्वों की कमी पैदा करती हैं।क्या तनाव आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाता है?
तनाव होने पर स्ट्रेस हार्मोन 'कॉर्टिसोल' बढ़ जाता है, जो इम्यून सिस्टम को दबाता है, जिससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
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Dec 11, 2025 15:39 IST
Published By : Akanksha Tiwari