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क्या ऊनी टोपी पहनने से वाकई साइनस से बचाव होता है? जानें सच्चाई और डॉक्टर की राय

सर्दियां शुरू होते ही साइनस की समस्या कई लोगों के लिए परेशानियों का कारण बन जाती है। ठंडी हवा नाक और चेहरे पर सीधा असर डालती है, जिससे साइनस की संवेदनशीलता बढ़ जाती है। यहां जानिए, क्या ऊनी टोपी पहनने से वाकई साइनस से बचाव होता है? 
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क्या ऊनी टोपी पहनने से वाकई साइनस से बचाव होता है? जानें सच्चाई और डॉक्टर की राय

सर्दियों के मौसम में ठंडी हवा का पहला झोंका चेहरे को छूते ही कई लोगों में साइनस की समस्या शुरू हो जाती है, नाक बंद होना, माथे में दर्द, भारीपन और जमाव का एहसास तुरंत बढ़ जाता है। ऐसे में लोग सबसे पहले जिस चीज की ओर भागते हैं, वह है ऊनी टोपी (wool cap)। मानो यह सिर्फ ठंड से ही नहीं, बल्कि पूरे साइनस इंफेक्शन से बचाने का कवच हो। बाजार में मिलने वाली रंग-बिरंगी टोपियां न सिर्फ सर्द हवाओं से बचाती हैं, बल्कि लोगों के मन में यह धारणा भी गहराई से बैठ चुकी है कि सर्दियों में अगर ऊनी टोपी पहन ली, तो साइनस नहीं होगा, लेकिन क्या यह सच है? क्या सिर्फ सिर ढक लेने से साइनस इंफेक्शन को रोका जा सकता है? क्या ठंड का साइनस पर इतना असर होता है कि एक टोपी पूरी सुरक्षा दे दे? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने, यशोदा हॉस्पिटल्स, हैदराबाद के Consultant Endoscopic ENT Surgeon डॉ. के.वी.एस.एस.आर.के. शास्त्री (Dr. KVSSRK Sastry, Consultant Endoscopic ENT Surgeon, Yashoda Hospitals, Hyderabad) से बात की-


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क्या ऊनी टोपी पहनने से वाकई साइनस से बचाव होता है? - Does wearing wool caps prevent sinus infection

ENT विशेषज्ञ डॉ. के.वी.एस.एस.आर.के. शास्त्री बताते हैं कि ऊनी टोपी पहनने से सिर और माथे का तापमान सामान्य रहता है, जिससे ठंड लगने पर जो अचानक सिकुड़न या संवेदनशीलता होती है, उससे राहत मिल सकती है। यह साइनस डिस्कम्फर्ट को कम करने में मदद करती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि केवल टोपी पहनने से साइनस इंफेक्शन पूरी तरह रोका जा सकता है, क्योंकि साइनस इंफेक्शन का मुख्य कारण वायरस और बैक्टीरिया होते हैं न कि सिर्फ ठंडा मौसम। साइनस एक संवेदनशील क्षेत्र है, और ठंड में इसमें कई बदलाव होते हैं-

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  • ठंडी हवा से ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं
  • नाक के भीतर की नमी कम हो जाती है
  • म्यूकस (बलगम) की मूवमेंट धीमी पड़ जाती है

इन तीनों कारणों से नाक और साइनस की सफाई की क्षमता घट जाती है। ऐसे में वायरस और बैक्टीरिया को बढ़ने का मौका मिल जाता है, खासकर उन लोगों में जो पहले से एलर्जी, ठंड की संवेदनशीलता या बार-बार साइनस होने की समस्या से जूझते हैं।

एलर्जी वाले मरीजों के लिए ऊन की टोपी सुरक्षित नहीं?

डॉ. शास्त्री बताते हैं कि जिन मरीजों को एलर्जी होती है, वे ऊन (wool) से असहजता महसूस कर सकते हैं, ऐसे लोगों के लिए कॉटन की टोपी बेहतर विकल्प है ताकि एलर्जी या इचिंग की समस्या न बढ़े। क्योंकि wool fibers कई बार नाक और चेहरे के पास इर्रिटेशन करके साइनस की समस्या बढ़ा सकते हैं।

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does wearing wool caps prevent sinus infection

साइनस इंफेक्शन से बचाव के लिए टिप्स - Tips to prevent sinus infections

साइनस को स्वस्थ रखने के लिए सिर्फ टोपी पहनना काफी नहीं है। ENT विशेषज्ञ डॉ. शास्त्री ये अतिरिक्त कदम अपनाने की सलाह देते हैं-

  • पर्याप्त पानी पिएं, क्योंकि हाइड्रेशन से शरीर की म्यूकस लाइनिंग नम रहती है।
  • घर में ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें, खासकर कमरे में हवा सूखी होने पर।
  • प्रदूषण, धुआं और allergens से दूर रहें, ये साइनस की सूजन बढ़ाते हैं।
  • नियमित रूप से सलाइन वाटर से नाक साफ करें, यह कीटाणुओं और अतिरिक्त म्यूकस हटाने में मदद करता है।
  • हाथों की सफाई बनाए रखें, वायरल इंफेक्शन का सबसे आम रास्ता गंदे हाथ ही हैं।

निष्कर्ष

ऊनी टोपी पहनने से सर्दियों में साइनस को राहत जरूर मिलती है, लेकिन यह साइनस इंफेक्शन को रोकने का पक्का तरीका नहीं है। इसलिए डॉ. के.वी.एस.एस.आर.के. शास्त्री की सलाह है कि टोपी पहनें, लेकिन साथ ही अच्छी हाइजीन, नाक की नियमित सफाई, ह्यूमिडिटी बनाए रखना और एलर्जी से बचाव जैसे कदम भी अपनाएं। तभी साइनस पूरी तरह सुरक्षित रह सकता है।

All Images Credit- Freepik

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  • Dec 11, 2025 09:01 IST

    Published By : Akanksha Tiwari

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