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कमजोर आंतों को मजबूत कैसे करें? जानें आयुर्वेद के आसान और असरदार उपाय

आजकल की गलत लाइफस्टाइल, खराब खानपान और तनाव के कारण पाचन संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। इसका सीधा असर हमारी आंतों पर पड़ता है। यहां जानिए, कमजोर आंतों को मजबूत कैसे करें?
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कमजोर आंतों को मजबूत कैसे करें? जानें आयुर्वेद के आसान और असरदार उपाय


आज के समय में भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल, अनियमित खानपान और बढ़ते तनाव के कारण लोगों में पाचन संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। खासतौर पर पेट की खराबी और कमजोर आंतों की समस्या आम होती जा रही है। जब आंतें कमजोर हो जाती हैं, तो न सिर्फ भोजन का सही तरीके से पाचन नहीं हो पाता, बल्कि शरीर को पोषण भी पूरी तरह से नहीं मिल पाता। इससे कब्ज, गैस, अपच, दस्त और इम्यूनिटी कमजोर होने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। कमजोर आंतें लंबे समय में कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, हमारी आंतों को 'ग्रहणी' कहा जाता है और इसे शरीर की पाचन अग्नि का केंद्र माना जाता है। जब अग्नि मंद पड़ जाती है या दोषों का असंतुलन होता है, तो ग्रहणी कमजोर हो जाती है और पाचन संबंधी विकार उत्पन्न होते हैं। आयुर्वेद का मानना है कि आंतों की ताकत को बढ़ाकर न सिर्फ पाचन को सुधारा जा सकता है, बल्कि पूरे शरीर के स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, कमजोर आंतों को मजबूत कैसे करें?

कमजोर आंतों को मजबूत करने के आयुर्वेदिक तरीके - How To Strengthen a Weak Intestine

आयुर्वेद में आंतों को 'ग्रहणी' कहा गया है और इसे शरीर की अग्नि यानी पाचन शक्ति का केंद्र माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार, ग्रहणी का संतुलन बिगड़ने पर पाचन संबंधी विकार उत्पन्न होते हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि आंतों को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने के लिए व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार औषधियों और आहार का चुनाव किया जाता है। लेकिन अगर किसी की प्रकृति ज्ञात न हो तो भी कुछ सामान्य उपाय किए जा सकते हैं जो लगभग सभी के लिए सुरक्षित और लाभकारी माने गए हैं।

1. बेल

आयुर्वेद में बेल को वात और कफ शामक माना गया है। बेल के फल का गूदा विशेष रूप से आंतों के लिए लाभकारी है। इसे 'ग्रहणी बल्य' यानी आंतों को बल देने वाला बताया गया है। बेल कब्ज से राहत दिलाने, पाचन सुधारने और आंतों की झिल्ली को मजबूती देने में सहायक होता है। गर्मियों में बेल का शरबत या ताजा गूदा खाली पेट लेने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और ठंडक भी मिलती है।

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2. नागरमोथा

नागरमोथा एक अत्यंत प्रभावशाली आयुर्वेदिक औषधि है जिसे त्रिदोष शामक माना गया है, यानी यह वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को संतुलित करने में सक्षम है। डॉ. शर्मा के अनुसार, अप्रैल से सितंबर का समय नागरमोथा के सेवन के लिए बेहद उत्तम होता है। यह आंतों की सूजन कम करने, पाचन को सुधारने और मल को सामान्य बनाने में मदद करता है। नागरमोथा का चूर्ण 1 ग्राम की मात्रा में लेना लाभकारी हो सकता है।

How To Strengthen Weak Intestine

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3. सोंठ

सोंठ (सूखी अदरक) को आयुर्वेद में 'दीपन' यानी पाचन अग्नि को प्रज्वलित करने वाली औषधि माना गया है। इसका स्वाद मधुर और विपाक (पाचन के बाद का असर) कटु होता है तथा यह ऊष्ण वीर्य वाली होती है। जिन लोगों की आंतें मंद अग्नि (कमजोर पाचन अग्नि) के कारण सुस्त पड़ी हैं, उनके लिए सोंठ अमृत समान है। डॉ. शर्मा के अनुसार, सोंठ का आधा ग्राम चूर्ण दिन में एक बार गर्म पानी या शहद के साथ लेने से आंतों की ताकत बढ़ती है।

आंतों को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना भोजन का समय निश्चित करें, ऐसा इसलिए क्योंकि अनियमित भोजन पाचन तंत्र को कमजोर बनाता है। इसके अलावा ज्यादा तली-भुनी और प्रोसेस्ड चीजें न खाएं, ये आंतों की झिल्ली को नुकसान पहुंचाते हैं।

निष्कर्ष

कमजोर आंतें सिर्फ पाचन संबंधी तकलीफों की वजह नहीं होतीं, बल्कि ये पूरे स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। आयुर्वेद में ग्रहणी यानी आंतों की भूमिका बेहद अहम मानी गई है। बेल, नागरमोथा और सोंठ जैसे प्राकृतिक उपायों से आंतों को ताकत दी जा सकती है, लेकिन इनका प्रयोग सीमित मात्रा और विशेषज्ञ की सलाह से करना चाहिए। साथ ही, खानपान और लाइफस्टाइल में सुधार लाकर भी आंतों को हेल्दी रखा जा सकता है।

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FAQ

  • आंत कमजोर होने के क्या लक्षण हैं?

    जब आंतें कमजोर हो जाती हैं, तो शरीर कई संकेत देने लगता है जिन्हें समय रहते पहचानना जरूरी होता है। कमजोर आंतों के सामान्य लक्षणों में बार-बार गैस बनना, अपच, कब्ज या दस्त होना शामिल हैं। इसके अलावा खाना खाने के बाद भारीपन महसूस होना, बार-बार पेट फूलना, भूख कम लगना और मल पूरी तरह साफ न होना भी संकेत हो सकते हैं। लंबे समय तक आंतों की कमजोरी रहने पर पोषण की कमी और इम्यूनिटी कमजोर होने की समस्या भी हो सकती है।
  • आंतों की ताकत के लिए क्या खाएं?

    आंतों की ताकत बढ़ाने के लिए हल्का, सुपाच्य और पौष्टिक आहार लेना चाहिए। आयुर्वेद में मूंग की दाल, सादी खिचड़ी, पका हुआ केला, बेल का शरबत, छाछ और ताजा दही को आंतों के लिए लाभकारी माना गया है। घी और हल्दी युक्त भोजन भी पाचन में सुधार करता है। फाइबर युक्त फल जैसे पपीता, सेब और चीकू आंतों की सफाई में मदद करते हैं।
  • आंतों में जमा मल कैसे निकालें?

    आंतों में जमा मल को निकालने के लिए आयुर्वेद में कुछ प्राकृतिक और सुरक्षित उपाय बताए गए हैं। सबसे पहले त्रिफला चूर्ण का सेवन रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ करना बहुत फायदेमंद होता है, यह मल को धीरे-धीरे बाहर निकालता है। इसके अलावा फाइबर युक्त आहार जैसे पपीता, अंकुरित अनाज और हरी सब्जियों का सेवन करें। दिन में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और हल्की एक्सरसाइज या योगासन (जैसे पवनमुक्तासन) भी आंतों की सफाई में मदद करते हैं।

 

 

 

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  • Current Version

  • Nov 05, 2025 10:30 IST

    Published By : Anurag Gupta