
कॉम्पलैक्स पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (Complex PTSD) एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जो लंबे समय तक होने वाले और गंभीर ट्रॉमा के परिणामस्वरूप होती है। यह स्थिति उन लोगों को प्रभावित करती है जिनके साथ एक या अनेक ऐसी घटनाएं घटती हैं, जिनके सदमे से वह जिंदगीभर उबर नहीं पाते हैं, जैसे कि बचपन में शारीरिक शोषण, शिक्षा में असफलता या घरेलू हिंसा आदि जैसी अनेक वजहें हो सकती हैं। जिन लोगों के साथ ऐसा होता है उनके व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन पर भी प्रभाव पड़ता है। हाल ही में सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर और साइकोथेरेपिस्ट मानसी पोद्दार ने कॉम्पलैक्स पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (C-PTSD) के लक्षणों के बारे में बताया है।
कॉम्पलैक्स पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर के लक्षण - Complex Post-Traumatic Stress Disorder Symptoms In Hindi
1. बार-बार सामना होना - Re-Experiencing
पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर से जूझ रहे लोगों को अगर बार-बार वो घटनाएं याद आती हैं, जिनसे उन्हें सदमा लगा है या रात में बुरे सपने आते हैं और आसानी से दर्दनाक घटना ट्रिगर होती है तो ये कॉम्पलैक्स पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर के लक्षण हैं।
इसे भी पढ़ें: छोटी-छोटी बातों पर रोना आता है, तो इस तरह बनाएं खुद को इमोशनली स्ट्रांग
2. परहेज - Avoidance
पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर से जूझ रहे लोग अगर दूसरों से मिलने से परहेज करने लगें और अपनी आलोचना करने लगें तो ये कॉम्पलैक्स पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर के लक्षण हैं।
3. उत्तेजना - Heightened arousal
अगर आप ट्रॉमा के बाद छोटी-छोटी बातों को लेकर चौंक जाते हैं और किसी भी बात के लिए ज्यादा जागरुक रहते हैं या हर जगह लोगों को खतरे की नजर से देखते हैं तो ये भी कॉम्पलैक्स पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर के लक्षण हैं। ऐसे लोग छोटी-छोटी बातों पर भी अलग तरह से रिएक्ट करने लगते हैं और हमेशा हैरान परेशान से रहते हैं।
इसे भी पढ़ें: Meditation For Anxiety: एंग्जायटी होने पर करें मेडिटेशन, मिलेंगे कई फायदे
4. भावनात्मक अनियंत्रण - Emotional dysregulation
अगर पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर से जूझ रहा व्यक्ति छोटी-छोटी बातों को लेकर बहुत रोता है या किसी भी तनावपूर्ण घटनाओं से उबरने में काफी समय लगता है तो ये कॉम्पलैक्स पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर का लक्षण है। इसके अलावा इस डिसऑर्डर से जूझ रहे व्यक्ति खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश भी करते हैं और अक्सर घबराए हुए, चिड़चिड़े और तनाव में रहते हैं। ऐसे लोगों के परिवार वालों को उनकी खास देखभाल करनी चाहिए।
5. अशांति - Disturbances
ऐसे लोगों का मन अशांत रहता है और ज्यादातर शक्तिहीन और असहाय महसूस करते हैं। इसके अलावा भविष्य को लेकर आशाएं कम रखते हैं और अपने आप को अयोग्य समझते हैं। ऐसे लोग खुद को अंदर से टूटा हुआ महसूस करते हैं और जीवन को जीने के लिए उनमें आशाएं खत्म होने लगती हैं। कॉम्पलैक्स पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (Complex PTSD) से जूझ रहे लोग अपने दोस्तों के साथ होने के बाद भी एंजॉय नहीं कर पाते और अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं। ऐसे लोग कोई भी नया काम शुरू करने से डरते हैं और नए दोस्त बनाने से भी बचते हैं।
यदि आपको ऐसे लक्षण नजर आते हैं तो डॉक्टर से सलाह लें और उचित इलाज करवाएं।
View this post on Instagram
All Images Credit- Freepik
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version