
How To Overcome Stress Eating: कई बार जब हम स्ट्रेस में होते हैं, तो हमारा मन खाना खाने की ओर भागता है, खासकर मीठे, तले या जंक फूड की क्रेविंग होती है। इसे स्ट्रेस ईटिंग या इमोशनल ईटिंग भी कहा जाता है। दरअसल, स्ट्रेस के दौरान शरीर में कोर्टिसोल (Cortisol) हार्मोन बढ़ जाता है, जो भूख को बढ़ाने और हाई-कैलोरी फूड की क्रेविंग को ट्रिगर करता है। यही वजह है कि कुछ लोग उदासी, गुस्से या थकान में भी खाने लगते हैं, जबकि शरीर को असल में भूख नहीं होती। अगर ये आदत बार-बार हो, तो वजन बढ़ने, शुगर लेवल बढ़ने और पाचन संबंधी दिक्कतें बढ़ सकती हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर आप अपने स्ट्रेस ट्रिगर्स को पहचान लें और खाने की आदतों में छोटे बदलाव करें, तो स्ट्रेस ईटिंग को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। आइए जानें कुछ आसान टिप्स, जो स्ट्रेस में ज्यादा खाने की आदत को रोकने में मदद करें। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ, विकास नगर स्थित न्यूट्रिवाइज क्लीनिक की न्यूट्रिशनिस्ट नेहा सिन्हा से बात की।
1. ट्रिगर पहचानें- Identify Your Triggers
स्ट्रेस ईटिंग (Stress Eating) को रोकने का पहला कदम है यह समझना कि आपको ज्यादा खाने की जरूरत कब महसूस होती है। क्या ये ऑफिस प्रेशर, किसी झगड़े या अकेलेपन के समय होता है? अपनी भावनाओं और खाने के पैटर्न को नोट करें। इससे आप समझ पाएंगे कि आपका ‘मूड ईटिंग मोड’ कब एक्टिव होता है और उसे समय रहते रोक सकेंगे।
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2. हेल्दी ऑप्शन चुनें- Choose Healthy Alternatives
न्यूट्रिशनिस्ट नेहा सिन्हा ने बताया कि अगर स्ट्रेस के वक्त कुछ खाने की इच्छा हो रही है, तो चिप्स या चॉकलेट की जगह फ्रूट, नट्स, दही या ग्रीन टी लें। ये न सिर्फ हेल्दी हैं, बल्कि इनमें मौजूद फाइबर और प्रोटीन लंबे समय तक भूख को कंट्रोल करते हैं। धीरे-धीरे ब्रेन इन हेल्दी ऑप्शन को ‘कंफर्ट फूड’ के रूप में पहचानना शुरू कर देगा।
3. माइंडफुल ईटिंग अपनाएं- Practice Mindful Eating
जब भी खाएं, तो जल्दबाजी में नहीं, बल्कि शांति से बैठकर खाएं। खाने का स्वाद, खुशबू और टेक्सचर महसूस करें। इससे दिमाग समझ पाता है कि पेट कब भर चुका है। इस तरीके से ओवरईटिंग (Overeating) की संभावना कम होती है और पाचन भी बेहतर होता है।
4. नींद पूरी लें- Get Enough Sleep
न्यूट्रिशनिस्ट नेहा सिन्हा ने बताया कि नींद की कमी से भी भूख बढ़ाने वाले हार्मोन घ्रेलिन (Ghrelin) और स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल दोनों बढ़ जाते हैं। रोज कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें ताकि शरीर और दिमाग दोनों को रिकवरी का समय मिल सके।
5. हाइड्रेशन बनाए रखें- Stay Hydrated
कई बार हमारा दिमाग प्यास को भी भूख समझ लेता है। इसलिए जब भी ज्यादा खाने की इच्छा हो, पहले एक गिलास पानी पिएं। पानी शरीर को ठंडक देता है और स्ट्रेस के लक्षणों (Stress Symptoms) को भी कम करता है।
निष्कर्ष:
स्ट्रेस ईटिंग सिर्फ खाने की आदत नहीं, बल्कि एक इमोशनल रिएक्शन है। इसे समझकर और छोटे कदम उठाकर आप इसे कंट्रोल कर सकते हैं। हेल्दी फूड ऑप्शन चुनना, वॉक करना या मेडिटेशन करना, ये सभी तरीके दिमाग को शांत करने और पेट को हेल्दी रखने का काम करते हैं।
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Oct 18, 2025 12:05 IST
Published By : Yashaswi Mathur