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How To Stop Arthritis From Worsening: अर्थराइटिस की ऐसी समस्या है, जिसमें हड्डियों के जोड़ों में सूजन, दर्द और अकड़न आ जाती है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति के चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता है। आपको बता दें कि अर्थराइटिस कई सैकड़ों प्रकार हैं, जैसे ऑस्टियोअर्थराइटिस, रूमेटाइड अर्थराइटिस, गाउट आदि। इसकी पुष्टि NCBI के एक लेख से होती है। अर्थराइटिस के कारणों की बात करें, तो इसमें चोट लगना, ऑटोइम्यून डिजीज, इंफेक्शन, जोड़ों में क्रिस्टल का बनना आदि चीजें शामिल हैं। बहरहाल, वैसे तो माना जाता है कि यह बीमारी बुजुर्गों से संबंधित है, लेकिन हाल के सालों में जिस तरह लोगों की जीवनशैली बुरी आदतों और खराब खानपान से प्रभावित हो रही है। ऐसे में कम उम्र के लोगों को भी अर्थराइटिस प्रभावित कर रहा है। ऐसे में यह सवाल जरूर उठता है कि अगर किसी को अर्थराइटिस हो गया है, तो उसे कंट्रोल करने के लिए क्या किया जा सकता है? कहने का मतलब है कि उसे फैलने से कैसे रोका जा सकता है? इस लेख में हम इन्हीं जरूरी चीजों के बारे में जानेंगे। इस बारे में हमने इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल और हिलिंग टच क्लीनिक के ऑर्थोपेडिक सर्जन और स्पोर्ट्स इंजरी स्पेशलिस्ट डॉ. अभिषेक वैश से बात की।
अर्थराइटिस को बिगड़ने से कैसे रोकें?- How To Prevent Arthritis From Getting Worse Naturally
वजन संतुलित रखें
ध्यान रखें कि जब वजन बढ़ने लगता है, तो ऐसे में सामान्य व्यक्ति के लिए भी चलना-फिरना या मूवमेंट करना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि उनके घुटने के जोड़ों पर दबाव बनन लगता है। ऐसा अर्थराइटिस के मरीजों के साथ भी होता है। जब उनका वजन बढ़ जाता है, तो उनकी कमजोर हड्डियों पर काफी प्रेशर बढ़ जाता है। ऐसे में विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अपने वजन को कंट्रोल में रखें।
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एक्सरसाइज करें
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) की मानें, तो एक्सरसाइज अर्थराइटिस के मरीजों के लिए एक रामबाण इलाज है। चूंकि, अर्थराइटिस में जोड़ कमजोर हो जाते हैं, जिससे मूवमेंट बाधित होने लगती है। ऐसी कंडीशन में जब अर्थराइटिस के मरीज नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं, तो इससे उनकी बॉडी लचीली रहती है और मूव करने में दिक्कतें नहीं आती हैं। यहां तक कि बॉडी स्ट्रेच हो जाती है, जिससे बैलेंसिंग में सुधार होता है और गिरने का रिस्क भी कम होता है। विशेषज्ञ आगे यह सलाह भी देते हैं कि अर्थराइटिस के मरीजों को सावधानी पूर्वक स्ट्रेंथ एक्सरसाइज और बैलेंसिंग एक्टिविटीज करनी चाहिए।
स्मोकिंग न करें
वैसे तो भी व्यक्ति के लिए स्मोकिंग करना सही नहीं है। अगर हम अर्थराइटिस के मरीजों की बात करें, तो उनके लिए यह और भी खतरनाक और घातक साबित हो सकती है। स्मोकिंग की वजह से कनेक्टिव टिश्यूज डैमेज हो जाती हैं, जो कि जोड़ों में दर्द को बढ़ा सकती हैं। जाहिर है, यह स्थिति अर्थराइटिस के मरीजों के लिए सही नहीं होती है। जो लोग रेगुलर स्मोकिंग करते हैं, उन्हें इसकी आदत को छोड़ने की हर संभव कोशिश करनी चाहिए।
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जोड़ों की केयर करें
अंतिम रूप से, यह समझें कि अर्थराइटिस के मरीजों के जोड़ बहुत नाजुक हो जाते हैं। मामूली चोट भी गंभीर रूप ले सकती है। इसलिए, अर्थराइटिस के मरीजों को हर समय अपने जोड़ों की केयर करनी चाहिए। इसके लिए कोशिश करें कि ऐसी कोई वर्कआउट या एक्टिविटी न करें, जिससे जोड़ों पर चोट लग सकती है या दबाव बढ़ सकता है, ओवर एक्सरसाइज न करें और भारी सामान उठाते हुए हाथ या घुटनों पर अधिक बल न दें। इस तरह, आपके अपने जोड़ों की स्पेशल केयर कर सकते हैं।
मेडिकल ट्रीटमेंट
अर्थराइटिस, एक तरह की मेडिकल कंडीशन है। भले ही आप घर में हेल्दी आदतों और अच्छी डाइट अपनाकर अर्थराइटिस को फैलने से रोक सकते हैं। इसके बावजूद, मेडिकल ट्रीटमेंट बहुत जरूरी है। अपने हेयर केयर प्रोवाइडर से थेरेपी सेशन या दवाइयों के बारे में सही जानकारी हासिल करें और उनसे यह भी पूछें कि आपको लाइफस्टाइल में किस तरह के बदलाव करने हैं। डॉक्टर की दी हुई दवा को नियमित रूप से लें और समय-समय पर अपनी जांच करवाना न भूलें।
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निष्कर्ष
कुल मिलाकर, कहने का मतलब यह है कि आप अच्छी लाइफस्टाइल, डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज करके अर्थराइटिस की कंडीशन को बिगड़ने से रोक सकते हैं। हां, अगर इसके बाद भी आपको जोड़ों से संबंधित किसी भी तरह की समस्या हो जाए, तो इसे इग्नोर न करें। तुरंत डॉक्टर से मिलें अपना इलाज करवाएं।
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FAQ
अर्थराइटिस से बचने के क्या उपाय हैं?
अर्थराइटिस (गठिया) से बचने के लिए आपको अपनी जीवनशैली में जरूरी बदलाव करने चाहिए, जैसे वेट कंट्रोल करें, रेगुलर एक्सरसाइज करें, अच्छी डाइट लें और किसी भी तरह की इंजुरी या एक्सीडेंट से बचें। इसके अलावा, नशीले पदार्थों से दूर रहना भी जरूरी होता है।ऑस्टियोअर्थराइटिस के लिए कौन से घरेलू उपचार हैं?
चूंकि, ऑस्टियोअर्थराइटिस भी अर्थराटिस का ही एक प्रकार है। इसलिए, इससे निपटने के लिए भी आपको उन्हीं उपायों की मदद चाहिए होती है, जिन्हें आप अर्थराइटिस में अपनाते हैं, जैसे वजन संतुलि रखें, नियमित रूप से व्यायाम करें और हेल्दी डाइट फॉलो करें। इसके अलावा, अपना रेगुलर चेकअप करवाएं। अगर ऑस्टियोअर्थराइटिस के कारण किसी हिस्से में सूजन आ गई है, तो ऐसे में प्रभावित हिस्से में आइस पैक लगाएं। कुछ समय के लिए आराम मिलेगा।अर्थराइटिस होने पर क्या नहीं खाना चाहिए?
अर्थराइटिस के मरीजों को अपनी डाइट का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्हें रेड मीट, अत्यधिक चीनी वाले पदार्थ, सोडा, और तली चीजें, अधिक नमक, डेयरी प्रोडक्ट से दूरी बना लेनी चाहिए। डाइट चार्ट बनवाने के लिए आप अपने डॉक्टर से कंसल्ट कर सकते हैं।
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Oct 15, 2025 09:03 IST
Published By : Meera Tagore