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जोड़ों के दर्द से बचाव के लिए अपनाएं ये 5 उपाय, चोट लगने का जोखिम भी होगा कम

उम्र बढ़ने के साथ जोड़ों में दर्द की शिकायत हो सकती है। वहीं, ज्यादा चलने के कारण भी जोड़ों में दर्द और सूजन का जोखिम बढ़ सकता है। आगे जानते हैं कि जोड़ों में दर्द से बचाव के लिए क्या उपाय अपना सकते हैं। 
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जोड़ों के दर्द से बचाव के लिए अपनाएं ये 5 उपाय, चोट लगने का जोखिम भी होगा कम


काम के प्रेशर के चलते व्यक्ति की लाइफस्टाइल में कई बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं। आज के समय में अधिकतर व्यक्ति डाइट और लाइफस्टाइल में बैलेंस नहीं बना पाते हैं। खाने की अनियमित आदतें लंबे समय बाद आपकी सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। दरअसल, काम के चलते व्यक्ति बाहर का जंक फूड या कुछ भी खाकर अपना पेट भर लेते हैं। लेकिन, इस तरह भूख शांत करने से आपके शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता है। जिसकी वजह से जोड़ों में दर्द (Joint Pain), मोटापा (Obesity) और अन्य समस्याएं देखने को मिलती है। इसके अलावा, जोड़ों का ओवरयूज (Overuse Joint) करने से भी इनमें दर्द और सूजन आदि की समस्या हो सकती है। जोड़ों में दर्द की समस्या को अनदेखा करना आपकी लिए बड़ी समस्या (गठिया, घुटनों में दर्द और गंभीर चोट) का कारण बन सकता है। इस लेख में वेव क्योर सेंटर के एमएस ऑर्थोपैडिक सर्जन डॉ. अंकित पाठक से आगे जानते हैं कि जोड़ों में दर्द से बचाव (Tips To Prevent Joint Pain) के लिए क्या उपाय अपनाना चाहिए। 

जोड़ों की समस्या से बचाव के लिए अपनाएं ये 5 उपाय -  Tips To Prevent Joint Pain And Chronic Injury Expert Explains in Hindi

मांसपेशियों को बनाएं मजबूत 

जोड़ों की समस्याओं में मांसपेशियों की कमजोरी और असंतुलन मुख्य भूमिका निभा सकता है। ऐसे में आप जोड़ों को कवर करने वाली मांसपेशियां, टेंडन और लिगामेंट को मजबूत बनाने के लिए कुछ एक्सरसाइज जैसे हैमस्ट्रिंग, हिप एब्डक्टर्स आदि को रुटिन का हिस्सा बना सकते हैं। इससे आपको जोड़ों की समस्या (Joint Pain And Chronic Injury) में आराम मिलता है।  

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एक्सरसाइज से पहले वार्म अप और कूल डाउन 

किसी भी एक्सरसाइज से पहले 5-10 मिनट का समय लें और वार्म अप करें। इससे जोड़ों और मांसपेशियों में ब्लड सर्कुलेशन (Blood Circulation) बेहतर होता है और चोट लगने का खतरा कम होता है। साथ ही, एक्सरसाइज के बाद  स्ट्रेचिंग (Streching exercise) करके कूल डाउन करें। इससे हृदय गति और ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) धीरे-धीरे नॉर्मल होता है।  

वजन को कंट्रोल में रखें 

अधिक वजन जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव का कारण बन सकता है। इससे जोड़ों में दर्द और चोट का खतरा बढ़ जाता है। अपने शरीर के वजन को नियंत्रित रखने के लिए संतुलित आहार और नियमित व्यायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। वजन नियंत्रित होने से जोड़ों में चोट लगने का जोखिम कम होता है। साथ ही, कूल्हों, घुटनों, पीठ आदि के जोड़ों पर दबाव (Relief From Joint Pressure) कम होता है। 

रिकवरी के लिए पर्याप्त आराम करें 

मांसपेशियों को आराम देने और रिपेयर करने के लिए आप पर्याप्त आराम करें। इसके अलावा, रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद से आपको मानसिक और शारीरिक दबाव में आराम मिलता है। पर्याप्त नींद लेने से जोड़ों के डैमेज टिश्यू को रिपेयर (Repair Damage Tissue) होने का समय मिल पाता है। 

सही पोश्चर बनाए रखें

सही पोश्चर बनाए रखना (Right Posture) जोड़ो की सेहत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। गलत पोश्चर से जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे दर्द और चोट का खतरा बढ़ जाता है। बैठते समय पीठ सीधी रखें और अपने पैरों को फर्श पर रखकर सपोर्ट दें। 

इसे भी पढ़ें: जोड़ों के दर्द का घरेलू उपाय : एक्सपर्ट से जानें 11 नुस्खे जिनसे जॉइंट पेन में मिलेगा जल्द आराम

Prevention Tips For Joint Pain: जोड़ों के दर्द को दूर करने या जोड़ों की सूजन को करने के लिए आप पर्याप्त आराम करें। इसके अलावा, जोड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए आप डाइट और लाइफस्टाइल में आवश्यक बदलाव कर सकते हैं। इसके अलावा, यदि आपको जोड़ों में दर्द महसूस हो रहा है तो ऐसे में आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।  

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