
Does An Anti Inflammatory Diet Help Rheumatoid Arthritis In Hindi: रूमेटाइड अर्थराइटिस एक तरह की लॉन्ग टर्म ऑटोइम्यून डिजीज है, जिसमें जोड़ों में दर्द और सूजन आ जाती है। यह समस्या तब होती है, जब इम्यून सिस्टम गलती से जोड़ों के आसपास मौजूद टिश्यूज को नुकसान पहुंचाने लगता है। रूमेटाइड अर्थराइटिस होने की वजह से जोड़ों में दर्द, स्टिफनेस, सूजन जैसी कई दिक्कतें होने लगती हैं। इसके अलावा, थकान, कमजोरी, भूख में कमी आना जैसे अन्य लक्षण भी दिखते हैं। रूमेटाइम अर्थराइटिस एक ऐसी बीमारी है, जो पूरी तरह ठीक नहीं होती है। लेकिन, इसे मैनेज किया जाता है। इसके लिए, नियमित रूप से एक्सरसाइज और डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब्ड दवा लेनी होती है। इसके अलावा हेल्दी डाइट भी इस संबंध में मायने रखती है। कुछ लोगों का मानना है कि एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट की मदद से रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है। सवाल है, क्या वाकई ऐसा होता है? आइए, जानते हैं इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल और हीलिंग टच क्लिनिक, नई दिल्ली के ऑर्थोपेडिक सर्जन और स्पोर्ट्स इंजरी स्पेशलिस्ट डॉ. अभिषेक वैश से।
क्या रूमेटाइड अर्थराइटिस में एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट लेना फायदेमंद है?- Can An Anti Inflammatory Diet Help Rheumatoid Arthritis In Hindi
एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट हमारे ओवर ऑल हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट की वजह से सूजन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। इससे क्रॉनिक डिजीज का रिस्क भी कम होता है। यही नहीं, एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट की मदद से वजन को कंट्रोल करने और मेंटल हेल्थ में सुधार करने सहायता मिलती है। जहां तक सवाल इस बात का है कि क्या रूमेटाइड अर्थराइटिस में एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट लेना फायदेमंद हो सकता है? इस बारे में एक्सपर्ट का कहना है, "यह सच है कि रूमेटाइड अर्थराइटिस को मैनेज करना मुश्किल होता है। लेकिन, एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट की मदद से इसे मैनेज किया जा सकता है। ऐसा इसलिए होता है, रूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण जोड़ों में सूजन आ जाती है। वहीं, एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट से इसे कम किया जा सकता है। साथ ही, दर्द से भी राहत मिलती है।"
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रूमेटाइड अर्थराइटिस में एंटी-इंफ्लेमेटरी लेने के फायदे
सूजन और दर्द से राहतः रूमेटाइड अर्थराइटिस में एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट लेने से जोड़ों में आई सूजन और दर्द से राहत मिलती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट फ्री रेडिकल को हटाने की मदद करने वाले पोषक तत्वों प्रदान करता है।
ज्वाइंट फंक्शन में सुधारः रूमेटाइड अर्थराइटिस में एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट लेने से ज्वाइंट फंक्शन में भी सुधार होता है। आपको बता दें कि रूमेटाइड अर्थराइटिस की वजह से चलने-फिरने या किसी चीज को पकड़ने में दिक्कत होने लगती है। वहीं, एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट लेने से इस तरह की तकलीफें कम होती हैं और ज्वाइंट फंक्शन में सुधार होने लगता है।
वजन संतुलित रहनाः रूमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या उन लोगों को अधिक परेशान करती है, जिनका वजन ज्यादा होता है। वहीं, रूमेटाइड अर्थराइटिस से ग्रस्त लोग एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट लेते हैं, तो ऐसे में वजन संतुलित रखने में मदद मिलती है। इससे जोड़ों पर दबाव कम पड़ता है और स्वास्थ्य में भी सुधार होने लगता है।
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