Can Breastfeeding Mother Take Giloy : बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं का बहुत ही नाजुक दौर शुरू होता है। इस दौरान एक नई मां को न सिर्फ अपना ख्याल रखना होता है, बल्कि शिशु के लिए पर्याप्त दूध का उत्पादन भी करना होता है। घर की दादी-नानी आज भी यह कहती हैं कि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाएं, जो कुछ भी खाती हैं, उसका सीधा असर बच्चे के शारीरिक विकास पर पड़ता है। इसलिए किसी भी महिला को ब्रेस्टफीडिंग के दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं (What to Eat in Breastfeeding) यह एक महत्वपूर्ण सवाल है। खासकर जब बात ब्रेस्टफीडिंग के दौरान आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सेवन करने की आती हैं, तो महिलाओं के मन में कई प्रकार के सवाल आते हैं।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाओं को गिलोय (Tinospora cordifolia) का सेवन करना चाहिए यह भी एक महत्वपूर्ण सवाल है। आज इस लेख में हम इसी विषय पर बात करने वाले हैं। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने दिल्ली के राजौरी गार्डन स्थित आयुर्वेदिक डॉक्टर और स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. चंचल शर्मा से बात की।
क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान गिलोय का सेवन सुरक्षित है?- Can breastfeeding mother take giloy in Hindi
डॉ. चंचल शर्मा का कहना है कि गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट, इम्यूनोमॉड्यूलेटरी और एंटी इंफ्लेमेटरी जैसे गुण पाए जाते हैं। गिलोय का सेवन करने से इम्यूनिटी को स्ट्रांग बनाने में मदद मिलती है। आयुर्वेद में गिलोय का इस्तेमाल बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन और कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में भी किया जाता है। लेकिन जब बात ब्रेस्टफीडिंग के दौरान गिलोय के सेवन की आती है, तो इसका सेवन एक सीमित मात्रा में ही करने चाहिए। गिलोय में मौजूद एल्कलॉइड्स और ग्लाइकोसाइड्स महिला के शरीर पर अपना असर दिखाते हैं। जब शिशु महिला के दूध को पीता है, तो इससे बच्चे की आंतों और पाचन शक्ति पर असर पड़ता है। इसलिए ब्रेस्फीडिंग कराने वाली महिलाओं को गिलोय का सेवन सीमित मात्रा और बच्चे के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ही करना चाहिए।
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ब्रेस्टफीडिंग के दौरान गिलोय का सेवन करते वक्त सावधानियां- Precautions while consuming Giloy during Breastfeeding
हमारे साथ खास बातचीत के दौरान डॉ. चंचल शर्मा ने इस बात की भी जानकारी दी कि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान गिलोय का सेवन करते वक्त कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए। आइए आगे जानते हैं इसके बारे में...
- डिलीवरी के बाद अगर महिला का इम्यून सिस्टम कमजोर हो गया है, तो उन्हें गिलोय का सेवन करना चाहिए। गिलोय इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद कर सकता है। लेकिन आपको डोज और कितने अंतराल में आप इसका सेवन कर रहे हैं, इसका भी ध्यान रखना चाहिए।
- मां का दूध पीने के बाद अगर शिशु को दस्त, उल्टी या त्वचा पर किसी प्रकार की समस्या हो रही है, तो गिलोय का सेवन तुरंत बंद करें।
- ब्रेस्टफीड करवाने वाली महिलाएं अगर कोई अन्य दवाइयां ले रही हैं, तो गिलोय के साथ उनके संभावित इंटरैक्शन के बारे में डॉक्टर से जरूर बात करें।
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निष्कर्ष
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान गिलोय का सेवन सुरक्षित हो सकता है, लेकिन इसके लिए आपको सावधानी बरतना जरूरी है। ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली मां को गिलोय का सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की सलाह जरूर लेनी चाहिए। क्योंकि ब्रेस्टफीडिंग आपके शिशु के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे में किसी प्रकार की भी लापरवाही बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती है।