Can A Breastfeeding Mother Fast Karwa Chauth In Hindi: 20 अक्टूबर को करवा चौथ है। महिलाओं ने खूब तैयारी की होगी। नए कपड़े-गहने खरीदे होंगे। लेकिन, जिस ओर ज्यादातर महिलाएं ध्यान नहीं देती हैं, वे है हेल्थ। असल में, ज्यादातर महिलाएं व्रत को लेकर ज्यादा कॉन्शस नहीं होती हैं। नतीजतन शाम या देर रात तक काफी कमजोरी और थकान महसूस करने लगती हैं। कुछ महिलाएं, तो अगले दिन बीमार तक हो जाती हैं। विशेषकर, ब्रेस्टफीड करा रही महिलाओं की स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि बच्चा पूरा दिन दूध पीता है, जिससे महिला अधिक कमजोरी और सुस्ती महसूस करती हैं। अगर आप चाहती हैं कि ब्रेस्टफीड कराने के बावजूद व्रत रखते हुए एनर्जेटिक और एक्टिव रहें, तो यहां बताए गए जरूरी टिप्स फॉलो करें। इस बारे में हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।
ब्रेस्टफीडिंग माताएं करवा चौथ का व्रत रखते वक्त किन बातों का रखें ध्यान- Fasting Tips For Breastfeeding Mothers For Karwa Chauth In Hindi
सरगी में खाएं हेल्दी चीजें
ब्रेस्टफीडिंग मांओं को अपनी सरगी की थाली बहुत सोच-समझकर तय करनी चाहिए। इसमें ऐसी चीजें शामिल करनी चाहिए, जिससे शरीर में पर्याप्त पोषण जा सके। इससे न सिर्फ व्रत रखने के बावजूद बच्चे को पर्याप्त पोषण पहुंचेगा, बल्कि महिला के शरीर में कमजोरी भी नहीं आएगी। सरगी में आपको प्रोटीन और फाइबर युक्त चीजें अधिक शामिल करनी चाहिए। इससे पाचन संबंधी समस्या दूर रहेगी और दूध पी रहे शिशु की हेल्थ पर भी निगेटिव असर नहीं पड़ेगा।
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शुगर युक्त ड्रिंक न पिएं
महिलाएं अक्सर सरगी में तला-भुना और शुगर बेस्ड ड्रिंक पी लेती हैं। आप ऐसा न करें। इससे आपको प्यास लगती है। वहीं, बच्चा भी आपका दूध पिएगा। नतीजतन, आपकी बॉडी डिहाइड्रेट हो सकती है। इसलिए, जब पानी पीना हो, तो सामान्य पानी पिएं। कोई भी ऐसी ड्रिंक न पिएं, जो आपकी प्यास को कुछ देर के बाद बढ़ा सकता है। यह आपकी हेल्थ पर निगेटिव असर डाल सकता है।
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रेस्ट पर्याप्त करें
ब्रेस्ट फीड करवा रही महिलाओं को करवा चौथ के दिन अधिक शारीरिक गतिविधयां नहीं करनी चाहिए। व्रत रखने के कारण वह थकान महसूस कर सकती हैं। इसके बजाय, उन्हें इस दिन पर्याप्त रेस्ट करना चाहिए। रेस्ट करने से बार-बार प्यास नहीं लगती है। वहीं, बच्चे की केयर करना भी आसान होता है। रेस्ट करने से बॉडी के डिहाइड्रेट होने का रिस्क भी कम होता है। ध्यान रखें कि अगर व्रत के समय बॉडी डिहाइड्रेट हो जाती है, तो ब्रेस्ट फीड करवा रही महिलाओं को चक्क्र आना, थकान और कमजोरी जैसे कई लक्षण नजर आ सकते हैं।
बच्चे को बाहरी खाद्य पदार्थ भी दें
अगर आपका बच्चा 6 महीने से बड़ा है, तो उसे पूरी तरह अपने दूध पर निर्भर रहने न दें। बेहतर होगा कि व्रत के दिन उसे बाहरी फूड दें। इससे बच्चे का पेट भरा रहेगा, तो वह आपको बार-बार दूध के परेशान भी नहीं करेगा। अगर आपका बच्चा अब तक आपके दूध पर डिपेंड है और बाहर की चीजें नहीं खाता है, तो अभी से इसकी प्रैक्टिस शुरू कर दें। वैसे भी ध्यान रखें कि 6 माह के बाद से बच्चे ऊपरी चीजें खाने के लिए देनी चाहिए। इससे उसका विकास बेहतर होता है।
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