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क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मछली खाना सही है? जानें एक्सपर्ट से

डॉक्टर कहते हैं कि ब्रेस्टफीडिंग मदर्स को मछली खानी चाहिए, जबकि घर के बुजुर्ग इसके लिए मना करते हैं।
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क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मछली खाना सही है? जानें एक्सपर्ट से

Can I Eat Fish While Breastfeeding: ऐसा कहा जाता है कि एक औरत तभी पूरी होती है जब वह मां बनती है। लेकिन मां बनने से औरत पूरी नहीं होती है बल्कि जिम्मेदारियां निभाने से होती है। खासकर तब जब मां अपने शिशु को ब्रेस्टफीडिंग करवा रही हो। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाओं को अपने खान-पान का खास ध्यान रखना होता है। जीवन के इस पड़ाव में घर के बुजुर्ग, डॉक्टर महिलाओं को कई चीजें खाने की सलाह देते हैं। लेकिन प्रेग्नेंसी की ही तरह ब्रेस्टफीडिंग मॉम को मछली खीना चाहिए या नहीं इसको लेकर कंफ्यूजन बनीं रहती है। डॉक्टर कहते हैं कि ब्रेस्टफीडिंग मदर्स को मछली खानी चाहिए, जबकि घर के बुजुर्ग इसके लिए मना करते हैं। अगर आप भी मेरी तरह एक ब्रेस्टफीडिंग मदर हैं और मछली खाने को लेकर कंफ्यूजन हैं तो आज इसे दूर करते हैं। 

क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मछली खाना सही है?| Is it safe to eat fish while breastfeeding Mother

यूनिसेफ से सर्टिफाइड लैक्टेशन प्रोफेशनल प्रतिभा पेदिमुक्कला का कहना है कि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान  महिलाएं बिना किसी संकोच के मछली का सेवन कर सकती हैं। मां द्वारा मछली का सेवन करने से बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास सही से होता है। लेकिन, आपको यह भी याद रखना चाहिए, कि मछली में मरकरी होता है, जिसका सेवन करने से बच्चे के दिमाग पर असर पड़ सकता है। एक्सपर्ट का कहना है कि ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं को ऐसी मछली खानी चाहिए इसका मरकरी लेवल बहुत कम हो या मछली में मरकरी हो ही ना। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है, मछलियों में ईपीए, डीएचए और विटामिन ‘डी’ जैसे जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसके अलावा मछली आयोडीन, मैग्नीशियम, आयरन और कॉपर जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। ऐसे में अगर ब्रेस्टफीडिंग मदर्स मछली का सेवन करती हैं तो बच्चे का विकास सही तरीके से होता है।

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ब्रेस्टफीडिंग के दौरान सी-फूड्स न खाएं

हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाएं मछली का सेवन तो कर सकती हैं, लेकिन उन्हें सी-फूड जैसे की झींगे, क्रेब्स, ऑक्टोपस और समुद्री मछलियों को डाइट में शामिल नहीं करना चाहिए। सी-फूड का मरकरी लेवल काफी हाई होता है, जो दूध पीने वाले बच्चे के मानसिक विकास को ट्रिगर कर सकता है। मछली में लो सेचुरेटेड फैट और प्रोटीन होता है, जो बच्चे के शारीरिक विकास में मदद करता है।

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ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मछली खाने के फायदे

मछली में बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो बच्चे के दिमागी विकास में मदद करते हैं।

मछली में ओमेगा थ्री फैटी एसिड का मुख्य सोर्स हैं, जो कि आपके बच्चे के नर्वस सिस्टम को डेवलप करने में मदद करता है।

ब्रेस्टफीडिंग में मछली खाते वक्त इन बातों का रखें ध्यान

  • मछली का मरकरी लेवल कम हो या बिल्कुल हो ही ना।
  • हमेशा ताजा पानी वाली मछली का चुनाव करें। 
  • मछली को पूरी तरह के पकाने के बाद ही सेवन करें। 
  • मछली को पकाने से पहले सही तरीके से साफ करें, ताकि टॉक्सिन निकल जाएं।
  • ब्रेस्टफीडिंग के दौरान फ्राई मछली का सेवन बिल्कुल न करें।

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