Can UTIs is Normal During Pregnancy: प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में कई प्रकार के शारीरिक और हार्मोनल बदलाव होते हैं। इस तरह के बदलावों के कारण प्रेग्नेंसी में महिलाओं का शरीर सेंसेटिव हो जाता है। जिसकी वजह से कई प्रकार की परेशानियां और छोटी-छोटी बीमारियां प्रेग्नेंसी में ज्यादा देखी जाती है। इन्हीं में से एक है यूटीआई यानी मूत्र मार्ग संक्रमण (Urinary Tract Infection)। यूटीआई एक ऐसा संक्रमण है जो, मूत्र मार्ग के किसी भी भाग में हो सकता है जैसे कि मूत्राशय (Bladder), मूत्रमार्ग (Urethra)। समय पर यूटीआई की इलाज न किया जाए तो किडनी को भी प्रभावित करता है।
अक्सर देखा जाता है कि जब प्रेग्नेंसी में महिलाओं को यूटीआई (Cause of UTI in Pregnancy) की समस्या होती है तो इसे नजरअंदाज कर देती हैं। लेकिन प्रेग्नेंसी में यूटीआई को नजरअंदाज करना मां और गर्भ में पलने वाले शिशु दोनों के लिए हानिकारक होता है।
प्रेग्नेंसी में यूटीआई कितनी सामान्य समस्या है- How common is UTI in pregnancy
फरीदाबाद स्थित क्लाउडनाइन अस्पताल में एसोसिएट निदेशक और वरिष्ठ स्त्री रोग सलाहकार डॉ. शैली शर्मा (Dr. Shailly Sharma, Senior Consultant Gynaecology and Associate Director at Cloudnine Hospital, Faridabad) के अनुसार, गर्भवती महिलाओं में यूटीआई एक आम समस्या है। प्रेग्नेंसी में हर 10 में से 2 महिलाओं को किसी न किसी तिमाही में यूटीआई की समस्या होती है। गर्भवस्था में यूटीआई होना आम है, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया जाए तो ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। डॉ. शैली शर्मा कहती हैं कि प्रेग्नेंसी में यूटीआई की समस्या का इलाज कराना बहुत जरूरी है।
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प्रेग्नेंसी में यूटीआई होने के कारण- Causes of UTI in pregnancy
प्रेग्नेंसी में यूटीआई होने का एक कारण नहीं होता है। इसके पीछे कई कारक जिम्मेदार होते हैं। इसमें शामिल हैः
- हार्मोनल बदलाव
- यूट्रस का आकार बढ़ना, जिससे ब्लैडर पर दबाव बढ़ता है
- बार-बार यूरिन आना
- इम्यून सिस्टम का कमजोर होना
प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी महिला का स्वयं में ये लक्षण 1 सप्ताह से ज्यादा समय तक नजर आते हैं तो इस विषय पर तुरंत डॉक्टर से बात करें।
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प्रेग्नेंसी में यूटीआई के लक्षण- Symptoms of UTI in Pregnancy
- पेशाब करते समय जलन या दर्दबार-बार पेशाब लगना लेकिन मात्रा कम होना
- पेशाब में बदबू आना
- पेशाब का रंग गाढ़ा
- पेशाब के साथ खून आना
- पेट के निचले हिस्से में दर्द
- उल्टी या मतली
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प्रेग्नेंसी में यूटीआई से होने वाला खतरा
स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ बताते हैं कि प्रेग्नेंसी में यूटीआई का इलाज समय पर न कराया जाए, तो ये कई खतरों का कारण बन सकता है। इसमें प्रीमैच्योर डिलीवरी, जन्म के समय शिशु का वजन कम होना, प्लेसेंटा इंफेक्शन और सेप्सिस का खतरा शामिल है।
1. प्रीमैच्योर डिलीवरी (Preterm Labor) : प्रेग्नेंसी में यूटीआई का इलाज न होने पर ये किडनी तक पहुंच सकता है। इससे गर्भवती महिला को समय से पहले प्रसव का खतरा हो सकता है।
2. जन्म के समय वजन कम होना (Low Birth Weight): किसी महिला को अगर यूटीआई की समस्या पहली तिमाही में हुई है और ये तीसरी तिमाही तक बना रहता है, तो संक्रमण से बच्चे का विकास प्रभावित हो सकता है। इसके कारण जन्म के समय बच्चे का वजन सामान्य से कम होने का खतरा रहता है।
3. प्लेसेंटा इंफेक्शन : बैक्टीरिया प्लेसेंटा तक पहुंचकर भ्रूण को भी संक्रमित कर सकते हैं। इससे गर्भ के शिशु के विकास में परेशानी आ सकती है।
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प्रेग्नेंसा में यूटीआई होने पर क्या करें- What to do if you have a UTI during pregnancy
- अगर आपको प्रेग्नेंसा में यूटीआई का कोई भी लक्षण नजर आता है तो इस विषय पर डॉक्टर से बात करें।
- यूटीआई होने पर रोजाना 8 से 10 गिलास पानी जरूर पिएं। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से यह बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद करता है।
- यूट्रस की सफाई का विशेष तौर पर ध्यान रखें। पेशाब करने के बाद यूट्रस को पानी से धोएं और उसके बाद उसे सही तरीके से सुखाएं।
- यूटीआई होने पर डॉक्टर द्वारा बताई गई एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करें।
- प्रेग्नेंसी में जहां तक संभव हो कॉटन से अंडरवियर ही पहनें। कॉटन के अंडरवियर नमी को सोखता है और बैक्टीरिया के प्रसार को रोकता है।
प्रेग्नेंसी में यूटीआई होने पर क्या न करें- What not to do if you have a UTI during pregnancy
- प्रेग्नेंसी में यूटीआई होने पर किसी भी प्रकार का घरेलू नुस्खा जैसे नींबू पानी, अजवाइन का पानी का इस्तेमाल बिल्कुल न करें।
- पेशाब और मल त्याग को लंबे समय तक रोककर रखने की कोशिश न करें। इससे मूत्राशय पर पड़ने वाला दबाव बढ़ता है।
- बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक बिल्कुल भी न करें। कई एंटीबायोटिक्स स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- प्रेग्नेंसी में ज्यादा तंग कपड़े न पहनें। इससे संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।
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प्रेग्नेंसी में यूटीआई की जांच कैसे होती है- How is UTI tested during pregnancy
यूरिन टेस्ट (Urine Analysis)- यूरिन में बैक्टीरिया, सफेद रक्त कोशिकाओं, प्रोटीन आदि की जांच होती है।
यूरिन कल्चर (Urine Culture)- इसमें पता लगाया जाता है कि कौन से बैक्टीरिया हैं और कौन-सी दवा उस पर असर करेगी।
अल्ट्रासाउंड (जरूरत पड़ने पर) - किडनी या मूत्राशय में सूजन या रुकावट के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड करवाने की सलाह दे सकते हैं।
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निष्कर्ष
प्रेग्नेंसी के दौरान यूटीआई एक आम लेकिन गंभीर समस्या है। यूटीआई मां और शिशु दोनों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। प्रेग्नेंसी में यूटीआई से बचाव के लिए लक्षणों की पहचान समय रहते जरूर करें। रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। पेशाब करने के बाद यूट्रस के आसपास के क्षेत्र को सही तरीके से साफ जरूर करें। याद रखें, प्रेग्नेंसी में छोटी से छोटी लापरवाही भी बड़ी परेशानी बन सकती है, इसलिए यूटीआई के लक्षणों को नजरअंदाज न करें। क्योंकि ये सिर्फ आपके लिए नहीं बल्कि आपके अंदर पलने वाली नन्हीं सी जान के लिए भी जरूरी है।
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FAQ
यूटीआई इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक हो जाता है?
यूटीआई इन्फेक्शन आमतौर पर 2 से 3 दिनों में दवाओं के जरिए ठीक हो जाता है। लेकिन यूटीआई की परेशानी 4 दिनों से ज्यादा बनी रहती है, तो इस विषय पर डॉक्टर से बात करें।पेशाब के रास्ते में इन्फेक्शन क्यों होता है?
पेशाब के रास्ते में इन्फेक्शन बैक्टीरिया के कारण होते हैं। पेशाब के रास्ते में गंदगी, सफाई न होने और पानी कम पीने के कारण होता है।घर पर यूरिन इन्फेक्शन टेस्ट कैसे करें?
घर पर यूरिन इन्फेक्शन टेस्ट के लिए फार्मेसी से यूटीआई टेस्ट स्ट्रिप लें, इसे सुबह की पहली पेशाब में डुबोकर रंग का बदलाव देखकर चेक करें।