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6 Month Pregnancy in Hindi - 6 महीने गर्भावस्था के लक्षण, शिशु का विकास और सावधानियां

गर्भावस्था के छठा महीने के दौरान शिशु के विकास, गर्भावस्था के लक्षण, परीक्षण के बारे में और जानें - onlymyhealth.com
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6 Month Pregnancy in Hindi - 6 महीने गर्भावस्था के लक्षण, शिशु का विकास और सावधानियां


6 Month Pregnancy in Hindi: प्रेग्नेंसी का छठा महीना यानी आपकी दूसरी तिमाही खत्म होने में सिर्फ एक महीना बचा है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को हर महीने नए अनुभवों का सामना करना पड़ता है। प्रेग्नेंसी के छठे महीने में भी महिलाओं को कई तरह के नए लक्षणों और बदलावों से जूझना पड़ता है। इस महीने में महिलाओं के गर्भाशय का आकार बढ़ जाता है। ऐसे में शरीर में ज्यादा दबाव महसूस होता है, जिसकी वजह से पीठ और पैरों में दर्द हो सकता है। अगर आप प्रेग्नेंसी के छठे महीने में हैं या फिर पहुंचने वाली हैं, तो यह लेख आपके लिए ही है। इस लेख में आप फोर्टिस हॉस्पिटल की सीनियर कंसल्टेंट और प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. बंदना सोढ़ी से जानेंगे प्रेग्नेंसी के छठे महीने में महसूस होने वाले लक्षण और बदलाव। साथ ही, इस महीने में महिलाओं को कौन-कौन सी सावधानियां अपनानी चाहिए, इस बारे में भी विस्तार से जानेंगे।

प्रेग्नेंसी के छठे महीने में दिखने वाले लक्षण- Pregnancy Sixth Month Symptoms in Hindi

  • प्रेग्नेंसी के छठे महीने में पैरों, टखनों और हाथों पर सूजन दिखाई दे सकती है। सूजन, गर्भावस्था से जुड़ा एक आम लक्षण है।
  • प्रेग्नेंसी के छठे महीने में गर्भाशय का आकार बढ़ने लगता है। इसमें पेट के निचले हिस्से पर दबाव पड़ता है। ऐसे में आपको अपच की समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
  • प्रेग्नेंसी के छठे महीने में बच्चे विकास के लिए पोषक तत्वों की जरूरत पड़ती है। ऐसे में आपको ज्यादा भूख लग सकती है। ऐसे में आपको बार-बार खाने की केव्रिंग हो सकती है।
  • इस महीने में आपको खर्राटों की समस्या शुरू हो सकती है।
  • प्रेग्नेंसी के छठे महीने में आपको पीठ के दर्द का भी अनुभव हो सकता है।

प्रेग्नेंसी के छठे महीने में शरीर में होने वाले बदलाव

  • प्रेग्नेंसी के छठे महीने में आपका वजन बढ़ने लगेगा।
  • इस दौरान गर्भाशय का आकार बढ़ जाता है। इसमें बेबी बंप दिखने लगता है। 
  • इस महीने में मसूड़ों से खून आने की समस्या हो सकती है।
  • पेट के निचले हिस्से पर खिंचाव आने लगता है। ऐसे में स्ट्रेच मार्क्स नजर आ सकते हैं।
  • सीने में जलन की समस्या हो सकती है। 
  • इस महीने में हार्मोनल उतार-चढ़ाव तेजी से होता है। ऐसे में महिलाओं का तेजी से मूड स्विंग हो सकता है। 
  • छठे महीने में शिशु बड़ा हो जाता है। ऐसे में उसकी किक आपको महसूस हो सकती है।
 
pregnancy sixth month

प्रेग्नेंसी के छठे महीने में भ्रूण का विकास- Baby Growth in Pregnancy Sixth Month

प्रेग्नेंसी के छठे महीने में शिशु का विकास होना एक बेहद सुखद अनुभव होता है। क्योंकि इस अवस्था में बच्चे का विकास काफी हद तक हो जाता है। साथ ही, पेट में शिशु हलचल करना भी शुरू कर देता है। ऐसे में मां बनने वाली महिला की उत्सुकता काफी बढ़ जाती है।

  • प्रेग्नेंसी के छठे महीने में शिशु का वजन और लंबाई बढ़ती है। 
  • इस दौरान शिशु की त्वचा गुलाबी होने लगती है।
  • शिशु के फेफड़े विकसित होने लगते हैं।
  • प्रेग्नेंसी के छठे महीने के आखिर तक बच्चे की उंगलियां और नाखून विकसित हो जाते हैं। 
  • महीने के अंत तक शिशु के सिर का आकार बढ़ जाता है। 

प्रेग्नेंसी के छठे महीने में कौन-से टेस्ट करवाने चाहिए?

प्रेग्नेंसी के छठे महीने में महिलाओं को अपने आहार और लाइफस्टाइल को हेल्दी रखना चाहिए। साथ ही, समय-समय पर चिकित्सीय जांच भी करवाते रहना चाहिए। जांच की मदद से शिशु का विकास ठीक से हो रहा है या नहीं, शिशु के विकास में कोई कॉम्प्लिकेशन तो नहीं आ रही है, इन सभी के बारे में जाना जा सकता है। प्रेग्नेंसी के हर महीने में ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की जांच करवाते रहना भी जरूरी होता है।

  • यूरिन टेस्ट- प्रेग्नेंसी के छठे महीने में यूरिन टेस्ट करवाया जाता है। शरीर में प्रोटीन का स्तर मापने के लिए इस टेस्ट को किया जाता है।
  • जेस्टेशनल डायबिटीज- प्रेग्नेंसी के दौरान कई महिलाएं डायबिटीज का शिकार हो जाती हैं। इसे जेस्टेशनल डायबिटीज के रूप में जाना जाता है। ऐसे में प्रेग्नेंसी के छठे महीने में जेस्टेशनल डायबिटीज की जांच की जाती है। इसके लिए पहले ग्लूकोज टोलरेंस टेस्ट करवाया जाता है।
  • अल्ट्रासाउंड- बच्चे के विकास की जांच करने के लिए अल्ट्रासाउंड करवाया जाता है।
  • क्वाड स्क्रीन टेस्ट- प्रेग्नेंसी के छठे महीने में क्वाड स्क्रीन टेस्ट भी करवाया जाता है। 

प्रेग्नेंसी के छठे महीने में बरतें ये सावधानियां

प्रेग्नेंसी के छठे महीने में आपको खान-पान के साथ ही अपने जीवनशैली में भी कुछ सावधानियां अपनानी चाहिए। इनमें शामिल हैं-

  • इस दौरान आपको बैलेंस डाइट लेनी चाहिए।
  • लंबे समय तक झुककर न बैठें।
  • इस समय बेबी बंप दिखने लगता है, ऐसे में पेट के बल सोने से बचें।
  • सिगरेट, शराब, कैफीन और सोडा से परहेज करें।
  • मसालेदार और जंक फूड खाने से बचना चाहिए।
  • बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा नहीं लेनी चाहिए। 
  • हैवी एक्सरसाइज और योगासन करने से बचें।
  • सुबह उठकर प्राणायाम और हल्के वर्कआउट करें।
  • भारी सामान उठाने से बचना चाहिए।
  • लंबे समय तक खड़ा या बैठा हुआ न रहें।

अगर आप प्रेग्नेंसी के छठे महीने में हैं, तो आपको इन सावधानियों को जरूर अपनाना चाहिए। साथ ही, इस दौरान अपने खान-पान का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। 

 

Pregnancy Month by Month in Hindiमहीने दर महीने गर्भावस्था की संपूर्ण जानकारी के लिया ये यहाँ पढ़े

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