प्रेग्नेंसी हर महिला के जीवन का एक बहुत ही खास समय होता है, जैसे ही महिला को पता चलता है कि वह गर्भवती है, तो उसके मन में कई सवाल उठने लगते हैं। इन सवालों में सबसे सामान्य और जरूरी सवाल होता है कि प्रेग्नेंसी का महीना आखिर कब से गिना जाता है? यह सवाल इसलिए भी जरूरी है क्योंकि गर्भावस्था की सही गणना से न सिर्फ बच्चे के विकास की निगरानी की जा सकती है, बल्कि प्रसव की संभावित तारीख और जरूरी जांच व देखभाल की प्लानिंग भी बनाई जा सकती है। इस लेख में हम दिल्ली के आनंद निकेतन में स्थित गायनिका: एवरी वुमन मैटर क्लीनिक की सीनियर कंसल्टेंट, ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन (Dr. (Col.) Gunjan Malhotra Sareen, Senior Consultant, Obstetrics and Gynecologist, Gynecology: Every Woman Matters Clinic, located in Anand Niketan, Delhi) से विस्तार से जानेंगे कि गर्भावस्था की गिनती कैसे की जाती है, इससे क्या फायदा होता है और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
प्रेग्नेंसी का महीना कब से गिना जाता है? - From When To Count The Pregnancy Month
डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन बताती हैं कि आमतौर पर प्रेग्नेंसी की गणना महिला के अंतिम मासिक धर्म यानी आखिरी पीरियड्स - LMP के पहले दिन से शुरू की जाती है। इसका मतलब है कि डॉक्टर आपके गर्भधारण की तारीख से नहीं, बल्कि आपके आखिरी पीरियड के पहले दिन से प्रेग्नेंसी के महीनों की गिनती करते हैं। यह इसलिए होता है क्योंकि अधिकांश महिलाओं को यह पता नहीं होता कि उन्होंने कब गर्भधारण किया है, लेकिन वे अपने आखिरी पीरियड की तारीख याद रखती हैं। इसलिए LMP एक निश्चित और सटीक आधार माना जाता है।
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डॉक्टर के अनुसार, आखिरी मासिक धर्म के पहले दिन से प्रेग्नेंसी की गणना करने का कारण यह है कि ओवुलेशन और निषेचन (fertilization) लगभग 2 सप्ताह बाद होता है। इसलिए, मासिक धर्म के पहले दिन से गिनती शुरू करने पर आपके गर्भधारण का सही अंदाजा लगाना आसान हो जाता है। इसके अलावा, आखिरी पीरियड्स से हिसाब लगाने पर प्रेग्नेंसी का पूरा समय लगभग 40 सप्ताह माना जाता है। यह समय प्रेग्नेंसी की सामान्य अवधि होती है, जिसके आधार पर बच्चे के जन्म की अनुमानित तारीख तय की जाती है।
प्रेग्नेंसी के महीने कैसे गिने जाते हैं? - how are the months of pregnancy calculated
प्रेग्नेंसी का पूरा समय लगभग 9 महीने या 40 सप्ताह होता है, जिसे 3 ट्राइमेस्टर में बांटा जाता है-
1. पहला ट्राइमेस्टर - 1-12 सप्ताह
इस दौरान भ्रूण का विकास शुरू होता है और महिला को कई बार सुबह की मतली, थकान, मूड स्विंग्स जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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2. दूसरा ट्राइमेस्टर - 13-26 सप्ताह
दूसरे ट्राइमेस्टर में महिला को ज्यादा एनर्जी मिलती है और बच्चे का विकास तेज होता है। यह प्रेग्नेंसी का सबसे आरामदायक चरण माना जाता है।
3. तीसरा ट्राइमेस्टर - 27-40 सप्ताह
इस दौरान बच्चे का वजन बढ़ता है और वह जन्म के लिए तैयार होता है। इस दौरान महिला को ज्यादा सावधानी बरतनी होती है। गर्भावस्था के महीने आमतौर पर कैलेंडर महीनों के अनुसार गिने जाते हैं, लेकिन सप्ताहों के आधार पर भी देखा जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इससे विकास की स्थिति का सही पता चलता है।
प्रेग्नेंसी में महीने कैसे गिने जाते हैं? - How can we count pregnancy months
- आखिरी पीरियड के पहले दिन को नोट करें।
- उस दिन से 40 सप्ताह (लगभग 280 दिन) जोड़ें।
- जो तारीख आएगी, वही अनुमानित डिलीवरी डेट होगी।
- अब अपनी वर्तमान तारीख के हिसाब से देखें कि आपने कितने सप्ताह पूरे कर लिए हैं। 4 सप्ताह 1 महीना माना जाता है।
निष्कर्ष
प्रेग्नेंसी का महीना आमतौर पर अंतिम मासिक धर्म (LMP) के पहले दिन से गिना जाता है, जो डॉक्टरों के लिए प्रेग्नेंसी की सही गणना का आधार होता है। यह तरीका महिलाओं को अपनी प्रेग्नेंसी की स्टेज को समझने और उचित देखभाल करने में मदद करता है। सही महीने का पता लगाना न केवल प्रेग्नेंट महिला के लिए जरूरी है, बल्कि इससे बच्चे की सेहत भी बेहतर बनी रहती है। इसलिए प्रेग्नेंसी के हर महीने को ध्यान से समझें और डॉक्टर की सलाह के अनुसार पूरी सावधानी रखें।
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FAQ
प्रेग्नेंसी का पहला संकेत क्या है?
प्रेग्नेंसी का पहला संकेत अक्सर मिस्ड पीरियड यानी मासिक धर्म का समय पर न आना होता है। यह सबसे सामान्य और शुरुआती लक्षण माना जाता है। इसके अलावा स्तनों में भारीपन या कोमलता महसूस होना, थकान, मॉर्निंग सिकनेस, बार-बार पेशाब आना, मूड स्विंग्स और स्वाद या गंध के प्रति संवेदनशीलता भी प्रारंभिक संकेत हो सकते हैं। हालांकि ये लक्षण हर महिला में अलग हो सकते हैं। प्रेग्नेंसी की पुष्टि के लिए प्रेग्नेंसी टेस्ट करना चाहिए या डॉक्टर से परामर्श लेना उचित होता है।कैसे पता करें कि गर्भ कितने दिन का है?
गर्भ कितने दिन या हफ्ते का है, इसका पता लगाने के लिए सबसे पहले महिला की आखिरी मासिक धर्म की तारीख (Last Menstrual Period) जानी जाती है। डॉक्टर उसी तारीख से गर्भावस्था की गणना शुरू करते हैं। इसे गर्भावस्था की शुरुआत माना जाता है। इसके अलावा, सोनोग्राफी (अल्ट्रासाउंड) के जरिए भी भ्रूण की लंबाई और विकास को देखकर गर्भ की सही उम्र जानी जा सकती है। विशेष रूप से पहले तिमाही में किया गया अल्ट्रासाउंड गर्भ की सही अवधि बताने में सटीक होता है।गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद उल्टी होती है?
गर्भ ठहरने के लगभग 6 से 7 दिन बाद से शरीर में हार्मोनल बदलाव शुरू हो जाते हैं, लेकिन आमतौर पर उल्टी या मॉर्निंग सिकनेस गर्भधारण के 2 से 4 हफ्ते बाद यानी लगभग 5वें या 6वें सप्ताह से शुरू होती है। कुछ महिलाओं में यह लक्षण जल्दी महसूस हो सकते हैं, जबकि कुछ में देर से या बिलकुल भी नहीं होते। उल्टी, मतली और स्वाद में बदलाव गर्भावस्था के सामान्य लक्षण हैं और ये मुख्यरूप से हार्मोन hCG के बढ़ने के कारण होते हैं। यदि लक्षण बहुत ज्यादा हों तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है।