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महिलाओं को ओव्यूलेशन के दौरान क्यों होती है पेट फूलने की समस्या, जानें दोनों के बीच का कनेक्शन

ज्यादातर महिलाओं को पीरियड्स में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस लेख में जानते हैं कि ओव्यूलेशन के दौरान महिलाओं को पेट फूलने की समस्या का सामना क्यों करना पड़ता है।
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महिलाओं को ओव्यूलेशन के दौरान क्यों होती है पेट फूलने की समस्या, जानें दोनों के बीच का कनेक्शन


महिलाओं को शरीर में कई तरह के बदलावों का सामना करना पड़ता है। पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं। इस स्थिति में पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं होना आम बात हैं। यह लक्षण ज्यादातर महिलाओं में देखने को मिलते हैं। इस वजह से पेट में गैस और पेट फूलना (ब्लोटिंग) होने लगती है। यही कारण है कि पीरियड्स के समय महिलाओं को कई तरह के लक्षण महसूस होते हैं। लेकिन, कई बार ओव्यूलेशन में महिलाओं को पेट से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस लेख में साईं पॉलिक्लीनिक की सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर विभा बंसल से जानते हैं कि ओव्यूलेशन में ब्लोटिंग यानी पेट फूलने की समस्या क्यों होती है।

ओव्यूलेशन में पेट फूलने की समस्या क्यों होती है? - Causes of Bloating During Ovulation In Hindi

पीरियड्स खत्म होने के करीब 5 से 7 दिनों को बाद अधिकतर महिलाओं का ओव्यूलेशन फेज शुरू होता है। इस दौरान ओवरी से एग्स रिलीज होते हैं। यह प्रक्रिया हर माह एक निश्चित साइकिल में पूरी होती है। आगे जानते हैं इस दौरान पेट फूलने की समस्या के कुछ मुख्य कारण क्या हो सकते हैं।

हार्मोनल बदलाव

ओव्यूलेशन प्रक्रिया के समय महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टरोन हार्मोन में उतार-चढ़ाव हो सकता है। ओव्यूलेशन से पहले शरीर में एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ सकता है और इसके तुरंत बाद प्रोजेस्टरोन हार्मोन में बदलाव देखने को मिलता है। हार्मोन में बदलाव होने की वजह से शरीर में ब्लोटिंग की समस्या होने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

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पाचन तंत्र पर प्रभाव पड़ना

कुछ महिलाओं में ओव्यूलेशन के दौरान पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं हो सकती है। शरीर में प्रोजेस्टरोन की वजह से आंतों का मूवमेंट प्रभावित हो सकता है। जिससे महिलाओं को गैस, अपच, ऐंठन, और ब्लोटिंग की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। (How to relieve gas during ovulation)

डाइट में बदलाव

पीरियड्स के बाद जो महिलाएं ज्यादा नमक युक्त और प्रोसेस्ड फूड खाती हैं , उनको ओव्यूलेशन के समय ब्लोटिंग की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। नमक की अधिक मात्रा के सेवन से शरीर में पानी की मात्रा बढ़ जाती है जो पेट फूलने की समस्या का कारण बन सकती है।

वाटर रिटेशन

ओव्यूलेशन के समय शरीर में पानी की मात्रा में उतार-चढ़ाव हो सकता है। ऐसे में महिलाओं को पेट फूलने की समस्या का सामना करना पड़ता है। दरअसल, हार्मोन उतार-चढ़ाव वाटर रिटेशन को बढ़ा सकता है।

तनाव और स्ट्रेस

ज्यादा समय तक तनाव में रहने की वजह से भी पाचन तंत्र प्रभावित हो सकता है। ऐसे में महिलाओं को गैस और ब्लोटिंंग की समस्या बढ़ सकती है। लाइफस्टाइल में अनियमितता, पर्याप्त नींद न लेना और एक्सरसाइज की कमी के कारण ये परेशानी बढ़ सकती है।

ब्लोटिंग से राहत के उपाय - Prevention Tips Of Bloating During Ovulation In Hindi

  • ओव्यूलेशन के दौरान आप ब्लोटिंग से बचने के लिए डाइट में फल, सब्जियां और साबुत अनाज को शामिल करें।
  • योग या हल्की एक्सरसाइज कर सकते हैं।
  • तनाव को दूर करने के लिए आप प्राणायाम और मेडिटेशन कर सकते हैं।
  • रोजाना कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लें।
  • ब्लोटिंग से बचने के लिए अदरक, पुदीना और सौंफ की चाय पीना शुरु करें।

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Is it normal to be bloated during ovulation?: ओव्यूलेशन के दौरान ब्लोटिंग एक सामान्य समस्या है, लेकिन यह कभी-कभी असहजता पैदा कर सकती है। यह मुख्य रूप से हार्मोनल परिवर्तन, पानी प्रतिधारण, आंतों की गति में कमी और गैस के निर्माण के कारण होता है। हालाँकि, सही खानपान, नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इस समस्या से राहत पाई जा सकती है। यदि ब्लोटिंग अत्यधिक हो रही हो या किसी अन्य गंभीर समस्या के साथ हो, तो डॉक्टर से परामर्श लेना उचित होगा।

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