समय के साथ लोगों की शारीरिक गतिविधियों में कमी आई है। इसकी वजह से ब्लड शुगर और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बेहद ही आम परेशानी बनती जा रही है.। डायबिटीज हमारे नर्वस सिस्टम और अन्य शारीरिक गतिविधियों को प्रभावित कर सकती हैं। इस समस्या में पाचन तंत्र पर भी प्रभावत पड़ सकता है। यदि डायबिटीज को समय पर नियंत्रित न किया जाए, तो यह पाचन क्रिया को गंभीर रूप से बाधित कर सकती है और जीवन की क्वालिटी को प्रभावित कर सकती है। इस लेख में मेडिकवर अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सचिन नलवाडे से जानते हैं कि डायबिटीज पाचन तंत्र को कैसे प्रभावित करती है, इसके कारण क्या हैं, और इससे बचाव या उपचार कैसे किया जा सकता है।
डायबिटीज और पाचन में किस तरह संबंध होता है? - Connection Between Diabetes And Digestion In Hindi
हमारा पाचन तंत्र एक जटिल प्रणाली है जो भोजन को पचाकर आवश्यक पोषक तत्वों को शरीर में पहुंचाता है। इस पूरी प्रक्रिया को नियंत्रित करने में नर्वस सिस्टम और हार्मोन्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। खासकर लंबे समय तक अनियंत्रित डायबिटीज शरीर की नसों को नुकसान पहुंचा सकती है। जब यह नुकसान ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम (Autonomic Nervous System) को होता है, जो पाचन को नियंत्रित करता है, तब व्यक्ति को कई प्रकार की पाचन संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। इस स्थिति को डायबिटिक गैस्ट्रोपैरेसिस (Diabetic Gastroparesis) कहा जाता है, जिसमें पेट खाली होने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
डायबिटीज से जुड़ी पाचन संबंधी प्रमुख समस्याएं - Digestive problems associated with diabetes
गैस्ट्रोपैरेसिस (Gastroparesis)
यह स्थिति तब होती है जब पेट की मांसपेशियां सुस्त हो जाती हैं और भोजन को आंतों में भेजने की गति धीमी पड़ जाती है। इस दौरान व्यक्ति को भोजन के बाद पेट में भारीपन, मिचली या उल्टी, भूख न लगना, वजन कम होना, ब्लड शुगर का बार-बार अनियंत्रित होना आदि लक्षण महसूस होते हैं।
कब्ज (Constipation)
डायबिटीज के कारण आंतों की गति धीमी हो सकती है, जिससे मलत्याग कठिन हो जाता है। यह विशेष रूप से टाइप 1 डायबिटीज वाले लोगों में अधिक सामान्य है।
डायबिटिक डायरिया (Diabetic Diarrhea)
कुछ मामलों में, डायबिटीज आंतों की दीवारों को प्रभावित करती है, जिससे अचानक और बार-बार पतले दस्त हो सकते हैं। यह स्थिति अक्सर रात में और बिना किसी चेतावनी के होती है।
एसिड रिफ्लक्स (Acid Reflux)
पेट का एसिड जब ऊपर की ओर लौटता है तो व्यक्ति को जलन और सीने में दर्द महसूस हो सकता है। डायबिटीज से प्रभावित पाचन क्रिया इसे और अधिक खराब कर सकती है।
भूख लगने के पैर्टन में बदलाव आना
डायबिटीज के मरीजों में भूख का अनुभव अनियमित हो सकता है। कभी अत्यधिक भूख लगती है और कभी बिल्कुल नहीं। यह ब्लड शुगर के असंतुलन और गैस्ट्रोपैरेसिस दोनों के कारण हो सकता है।
डायबिटीज पाचन तंत्र को क्यों और कैसे प्रभावित करती है?
न्यूरोपैथी (Neuropathy)
डायबिटीज के कारण नसों में होने वाला नुकसान (डायबिटिक न्यूरोपैथी) पाचन प्रणाली की मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाली नसों को भी प्रभावित करता है। इससे भोजन को पचने और आगे बढ़ने में बाधा आती है।
हाई ब्लड शुगर का प्रभाव
जब रक्त में शुगर की मात्रा लगातार अधिक बनी रहती है, तो यह शरीर की तंत्रिकाओं और रक्त वाहिनियों को नुकसान पहुंचाती है। यह स्थिति पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली को भी प्रभावित करती है।
इंसुलिन की गड़बड़ी
जब इंसुलिन ठीक से काम नहीं करता या उसकी मात्रा पर्याप्त नहीं होती, तो शरीर में हार्मोनल असंतुलन होता है, जो पाचन को बाधित कर सकता है।
डायबिटीज में पाचन से जुड़ी समस्याओं से बचाव के उपाय - How To Prevention Digestion Issue With Diabetes In Hindi
- पाचन संबंधी समस्याओं से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रण में रखा जाए। यह दवाओं, डाइट और व्यायाम के संतुलित संयोजन से संभव है। कम फैट और फाइबरयुक्त भोजन लें, छोटे-छोटे भागों में भोजन करें, अत्यधिक मीठे या मसालेदार भोजन से बचें। शराब और धूम्रपान न करें।
- गैस्ट्रोपैरेसिस के इलाज के लिए विशेष दवाएं दी जाती हैं जैसे कि मेटोक्लोप्रामाइड (Metoclopramide) या एरिथ्रोमाइसिन (Erythromycin)। परंतु इनका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
- अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और कपालभाति जैसे प्राणायाम पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में सहायक हो सकते हैं, बशर्ते इन्हें नियमित रूप से और सही विधि से किया जाए।
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डायबिटीज सिर्फ एक ब्लड शुगर की बीमारी नहीं है, बल्कि यह शरीर के विभिन्न अंगों और प्रणालियों और खासकर पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकती है। यदि समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए, तो पाचन संबंधी समस्याएं न सिर्फ असुविधाजनक होती हैं, बल्कि गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं को भी जन्म दे सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति न केवल शुगर की जांच करनी चाहिए, बल्कि शरीर के अन्य लक्षणों और संकेतों को भी गंभीरता से लेते हुए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
FAQ
क्या डायबिटीज से पेट खराब हो जाता है?
डायबिटीज पूरे शरीर में जटिलताएं पैदा कर सकता है और आमतौर पर गैस्ट्रोपेरेसिस जैसे पाचन विकार पैदा करता है (पेट का खाली होने में देरी)। इससे पेट की समस्याएं और दर्द हो सकता है।क्या टाइप 1 डायबिटीज से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं?
टाइप 1 डायबिटीज वाले लोगों में पाचन तंत्र और आंत के बैक्टीरिया में सूजन देखी जाती है। यह पैटर्न उन व्यक्तियों से भिन्न है जिन्हें डायबिटीज नहीं होती है या जिन्हें सीलिएक रोग है।डायबिटीज में कब्ज क्यों होती है?
डायबिटीज पूरे शरीर में नर्वस सिस्टम को डैमेज का कारण बन सकता है, जिसमें पाचन तंत्र को नियंत्रित करने वाली तंत्रिकाएं भी शामिल हैं। जब ये तंत्रिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो पाचन धीमा हो सकता है, जिससे कब्ज हो सकता है।