क्या टाइप 2 डायबिटीज के कारण नसों से जुड़ी समस्या (न्यूरोपेथी) हो सकती है? समझें दोनों के बीच कनेक्शन

Can Type 2 Diabetes Cause Neuropathy In Hindi: टाइप 2 डायबिटीज के कारण नसों से जुड़ी कई तरह की समस्या हो सकती हे। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि डायबिटीज की वजह से ब्लड शुगर का स्तर स्पाइक कर सकता है, जिससे ब्लड फ्लो बाधित होता है।
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क्या टाइप 2 डायबिटीज के कारण नसों से जुड़ी समस्या (न्यूरोपेथी) हो सकती है? समझें दोनों के बीच कनेक्शन

Can Type 2 Diabetes Cause Neuropathy In Hindi: डायबिटीज एक घातक मेडिकल कंडीशन है। इसे साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जात है। मोटापा, अनहेल्दी डाइट और निष्क्रिय जीवनशैली इस समस्या का मुख्य कारण है। अगर किसी व्यक्ति को लंबे समय से डायबिटीज है और उसने इसका ट्रीटमेंट नहीं करवाया, तो उन्हें कई अन्य बीमारियां हो सकती हैं। इसमें आई प्रॉब्लम, किडनी फेलियर, आंखों की रोशनी पूरी तरह चले जाना और सेक्सुअल प्रॉब्लम भी हो सकती है। यहां तक कि जिन लोगों को डायबिटीज है, उन्हें हार्ट अटैक आने का रिस्क भी अधिक रहता है। इसलिए, विशेषज्ञ डायबिटीज के मरीजों को सलाह देते हैं कि वे अपनी सेहत का ध्यान रखें। विशेषकर, टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों की बात करें उन्हें इस संदर्भ में अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए। क्योंकि टाइप 2 डायबिटीज भी कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। बहरहाल, सवाल यह उठता है कि क्या क्या टाइप 2 डायबिटीज के कारण नसों से जुड़ी समस्या हो सकती है? आइए, जानते हैं कि इस लेख में।

क्या टाइप 2 डायबिटीज के कारण नसों से जुड़ी समस्या (न्यूरोपेथी) हो सकती है?

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डायबिटीज के कारण नसों से जुड़ी बीमारी हो सकती है। इसे हम डायबिटिक न्यूरोपेथी के नाम से जानते हैं। असल बात यह है कि डायबिटीज के कारण शरीर में ब्लड ग्लूकोज का स्तर बढ़ सकता है। नतीजतन, शरीर में ब्लड फ्लो का स्तर प्रभावित होने लगता है। ऐसी कंडीशन हाथ, पैर और आर्म्स में होस कती है। वहीं, अगर हम टाइप 2 डायबिटीज की वजह से भी न्यूरोपेथी की समस्याएं देखने को मिलती है। एक्सपर्ट की मानें, तो टाइप 2 डायबिटीज की वजह से डायबिटीज पेरिफेरल न्यूरोपेथी, प्रोक्सिमल न्यूरोपेथी, ऑटोनोमिक न्यूरोपेथी जैसी नसों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। डायबिटीज पेरिफेरल न्यूरोपेथी होने पर मरीज के हाथ-पांव में सुन्नता, झनझनाहट, दर्द, जलन, क्रैम्पिंग और कमजोरी जैसे लक्षण नजर आते हैं। वहीं, प्रोक्सिमल न्यूरोपेथी की बात करें, तो यह समस्या लोगों को कम ही होती है। इसके लक्षणों में कमजोरी, हिप्स और जांघों में दर्द होना, मांसपेशियों में कजोरी आना आदि शामिल हैं। इसी तरह, ऑटोनोमिक न्यूरोपेथी भी एक घातक किस्म की समस्या है। इसमें मरीज की वो नसें प्रभावित होती हैं, जो ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट, पसीने से जुड़ी होती हैं।

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क्या टाइप 2 डायबिटीज के कारण होने वाली नसों की समस्या से कैसे निपटें

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वैसे तो नसों से जुड़ी समस्या का कोई सटीक इलाज नहीं है। हां, कुछ उपायायों की मदद से इसके लक्षणों को सीमित जरूर किया जा सकता है। आइए, जानते हैं इनके बारे में-

समय पर मेडिसिन लें

क्या टाइप 2 डायबिटीज के कारण नसों में हो रही समस्या का इलाज घर में करने की कोशिश न करें। इसके लिए डॉक्टर से मिलें। उन्होंने जो दवा दी है, उसे समय पर लें। इससे नसों में हो रहे दर्द में कमी आएगी।

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नियमित एक्सरसाइज करें

डायबिटीज में एक्सरसाइज करना बहुत ही फायदेमंद होता है। इससे ब्लड फ्लो बेहतर होता है, जिससे ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं के जोखिम को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से नसों से संबंधित समस्या से भी आराम मिलता है।

हेल्दी चीजें खाएं

टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को अपने वजन को संतुलित करना चाहिए। ध्यान रखें कि अगर आप ओवर वेट हो जाते हैं, तो ऐसी कंडीशन में आपकी बॉडी में कोलेस्ट्रॉल का स्तर प्रभावित हो सकता है। ऐसे में ब्लड फ्लो बाधित होने लगेगा, जिससे नसों में ब्लॉकेज आ सकती है। यही नहीं, अनहेल्दी चीजें खाने की वजह से बॉडी को प्रॉपर पोषण नहीं मिलता है। यह सही नहीं है। नसों की समस्या को मैनेज करने के लिए हमेशा अपने वजन को कंट्रोल में रखें।

All Image Credit: Freepik

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