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डायबिटीक किडनी डिजीज के होते हैं 5 स्टेज, लक्षणों से जानें कौन-सी स्टेज में हैं आप

डायबिटीज की वजह से लोगों को किडनी की समस्या का खतरा अधिक रहता है। आगे जानते हैं कि डायबिटीज की वजह से किड़नी रोग होने पर व्यक्ति को कितने स्टेज से गुजरना पड़ता है।
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डायबिटीक किडनी डिजीज के होते हैं 5 स्टेज, लक्षणों से जानें कौन-सी स्टेज में हैं आप


Diabetic Kidney Disease: डायबिटीज रोगी की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। दरअसल, शरीर में पैंक्रियाज के काम न करने से इंसुलिन का स्तर प्रभावित हो सकता है। इंसुलिन रेजिसटेंस से व्यक्ति के शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है। डायबिटीज होने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। अनियमित लाइफस्टाइल, नींद की कमी, डाइट में बदलाव, मोटापा, शारीरिक गतिविधियों में कमी और अनुवांशिक कारणों से लोगों को डायबिटीज की समस्या हो सकती है। डायबिटीज की वजह से लोगों को किडनी पर प्रेशर पड़ सकता है। साथ ही, किड़नी से जुड़ी समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है। इस स्थिति को डायबिटीक किडनी डिजीज कहते हैं। इस दौरान किडनी रोग के कई चरण हो सकते हैं। इस लेख में आगे नारायणा अस्पताल के इंटरनरल मेडिसिन सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर पंकज वर्मा से जानते हैं कि डायबिटीक किडनी डिजीज में कितने स्टेज होते हैं। 

डायबिटीक किडनी डिजीज होने पर दिखाई देने वाले लक्षण - Symptoms Of Diabetic Kidney Disease In Hindi 

डायिबिटीज के दौरान होने किडनी पर पड़ने वाले प्रभावों के लक्षण शुरुआती दौर में समझ नहीं आते हैं। लेकिन, बाद के स्टेज में यह लक्षण सामने आ सकते हैं। आगे जानते हैं इनके बारे में। 

  • ब्लड में शुगर लेवल बढ़ने की वजह से पेशाब का रंग गहरा पीला हो सकता है 
  • कुछ लोगों को सांस लेने में परेशानी हो सकती है
  • वाटर रिटेनशन के कारण पैरों और हाथों में सूजन आ सकती है
  • कुछ लोगों को मतली और उल्टी होना
  • मुंह के स्वाद में बदलाव होना, आदि। 

diabetic kidney stages in hindi

डायबिटीक किडनी डिजीज के कितने चरण होते हैं - Stages Of Diabetic Kidney Disease In Hindi 

डॉक्टर के अनुसार डायबिटीक किडनी डिजीज को डायबिटीक न्यूरोपैथी (Diabetic Neuropathy) के नाम से भी जाना जाता है। आगे जानते हैं इनके चरणों के बारे में विस्तार से। 

प्रथम चरण 

डायबिटीज के कारण किडनी पर पड़ने वाले प्रभाव शुरुआती दौर में बेहद हल्के होते हैं। इसमें पेशाब में प्रोटीन का लेवल बढ़ सकता है। इस स्टेज में डॉक्टर आपको ब्लड प्रेशर और शुगर को नियंत्रित करने की सलाह दे सकते हैं। साथ ही, रोजाना करीब 30 से 40 मिनट तक एक्सरसाइज अवश्य करें। 

दूसरा चरण 

पहले चरण के बाद डायबिटीज और किडनी के लक्षण धीरे-धीरे बढ़ने लगते हैं। इस स्टेज में व्यक्ति की पेशाब में प्रोटीन की मात्रा बढ़ने लगती है। साथ ही, डैमेज के हल्के लक्षण महसूस हो सकते हैं। 

तीसरा चरण

तीसरे चरण तक भी व्यक्ति को हल्के लक्षण दिखाई देते हैं। लेकिन, कुछ लोगों को इस समय हाथ और पैरों में हल्की सूजन के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। साथ ही, व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर और एनीमिया होने की संभावा बनी रहती है। 

चौथा चरण

डायबिटीज के कारण किडनी पर होने वाले प्रभाव इस चरण में साफ तौर पर दिखने और महसूस होने लगते हैं। इस दौरान व्यक्ति को डायबिटीज को कंट्रोल करने के साथ ही किड़नी पर पड़ने वाले प्रभावों को दूर करना होता है। ऐसे में आप किडनी रोग विशेषज्ञ से मिलकर किडनी रोगों को दूर कर सकते हैं। इस समय व्यक्ति के ब्लड में फोस्फोरस की मात्रा बढ़ सकती है। 

पांचवा और अंतिम चरण 

डायबिटीज में किडनी रोग की संभावनाएं बेहद अधिक होती है। किडनी पर पडने वाले प्रभाव के चलते व्यक्ति को पैरों में सूजन, पीठ में दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, मतली, उल्टी, भूख न लगना, सांस लेने में परेशानी आदि लक्षण दिखाई दे सकते हैं। कुछ मामलों में व्यक्ति की किडनी का अधिकतर भाग प्रभावित हो सकता है। इससे डायलेसिस और किडनी ट्रांसप्लांट हो सकता है। 

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Diabetic Kidney Disease In Hindi: डायबिटीज में किडनी और अन्य भाग प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में डॉक्टर आपको शुगर को कंट्रोल रखने की सलाह दे सकते हैं। इस दौरान व्यक्ति को कई लक्षण महसूस हो सकते हैं। जिसमें अधिक प्यास लगना, थकान, कमजोरी और आलस को शामिल हो सकते हैं। इस दौरान डायबिटीज को रोकने के लिए आप लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव कर सकते हैं। 

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