Third Month of Pregnancy in Hindi: क्या आप प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में प्रवेश कर चुकी हैं? अगर हां, तो आपको बता दें कि इस महीने में उल्टी या जी मिचलाने जैसी समस्याएं ठीक होने लगती हैं। लेकिन फिर भी आपको इस दौरान आपको अपनी सेहत का खास ख्याल रखना जरूरी होता है। इस दौरान बच्चे का विकास भी तेजी से हो रहा होता है। इतना ही नहीं, प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में आपके शरीर में कई तरह के बदलाव नजर आते हैं, जो सामान्य होते हैं। इसलिए इन बदलावों को देखते हुए आपको घबराने की जरूरत नहीं है। प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में दिखने वाले लक्षणों और बदलावों के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने फोर्टिस हॉस्पिटल की सीनियर कंसल्टेंट और प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. बंदना सोढ़ी से बातचीत की-
प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में दिखने वाले लक्षण- Pregnancy Third Month Symptoms in Hindi
प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में महिलाओं को कई लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है। इनमें शामिल हैं-
- प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में आपको सफेद योनि स्त्राव हो सकता है, जो बेहद सामान्य है। जब तक योनि स्त्राव से बुरी गंध न आए, तब तक चिंता की कोई बात नहीं होती है।
- इस दौरान वैसे तो जी मिचलाने की समस्या कम हो जाती है। लेकिन कुछ महिलाओं में इसके लक्षण तीसरे महीने में भी नजर आ सकते हैं।
- प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में आपको थकान और नींद आने जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है। इसके लिए रात में पर्याप्त नींद लेने की कोशिश करें।
- तीसरे महीने में आपके शरीर में मेलेनिन का उत्पादन बढ़ने लगता है। इसकी वजह से आपकी त्वचा का रंग सांवला हो सकता है।
- इस दौरान पेट से जुड़ी दिक्कतें भी बढ़ सकती हैं। दरअसल, प्रेग्नेंसी के दौरान पाचन तंत्र धीमा हो जाता है, जिससे कब्ज और अपच की समस्या हो सकती है।
प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में शरीर में होने वाले बदलाव
प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में आपके शरीर में कई तरह के बदलाव नजर आ सकते हैं। इसलिए इस दौरान आपको अपनी सेहत का अधिक ख्याल रखने की जरूरत होती है। प्रेग्नेंसी के तीसरे में महीने में आने वाले बदलाव इस प्रकार हैं-
- तीसरे महीने में आपके गर्भाशय का आकार बढ़ने लगता है।
- इस दौरान स्तनों में दूध बनने लगता है। इसकी वजह से स्तन भारी हो सकते हैं। साथ ही, निप्पल के आस-पास का रंग भी गहरा हो सकता है।
- प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में आपका वजन बढ़ सकता है। लेकिन जिन महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस रहती है, उनका वजन कम भी हो सकता है।
- इस दौरान पेट और स्तन बढ़ने लगते हैं। इसकी वजह से पेट और स्तनों पर स्ट्रेच मार्क्स नजर आ सकते हैं।
- हार्मोनल वृद्धि के कारण पेट के निचले हिस्से पर काले रंग की लकीर उभर आती है। इसे लिनिया नाइग्रा कहा जाता है। यह प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में नजर आ सकता है।

प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में भ्रूण का विकास- Baby Growth in Pregnancy Third Month
- प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में भ्रूण तेजी से विकसित हो रहा होता है।
- इस दौरान बच्चे की आंतें और मांसपेशीय तंत्र विकसित होते हैं। साथ ही, हड्डियां सख्त होने लगती हैं।
- बच्चे के हाथ और पैरों की उंगुलियां भी विकसित हो रहे होते हैं।
- प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने के अंत तक बच्चा 2.5 इंच लंबा हो सकता है। उसका वजन 25 ग्राम के आसपास हो सकता है।
- इस दौरान बच्चे का हृदय काम करना शुरू कर देता है।
प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में कौन-से टेस्ट करवाने चाहिए?
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं अपनी सेहत का पूरा ख्याल रखती हैं। इस दौरान वे हेल्दी डाइट लेती हैं और एक्सरसाइज करती हैं। इसके अलावा, आपको समय-समय पर डॉक्टर से भी मिलते रहना चाहिए। प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में डॉक्टर इन टेस्ट और स्कैन को करवाने की सलाह दे सकते हैं-
- ब्लड प्रेशर की जांच
- शिशु के दिल की धड़कन सुनना
- ब्लड शुगर की जांच
- प्रोटीन और अन्य विटामिन्स की जांच
- जिन महिलाओं के शरीर में सूजन होती है, उनका वॉटर रिटेंशन टेस्ट करवाया जा सकता है।
- एनटी स्कैन- न्यूकल ट्रांसलूसेंसी स्कैन (NT Scan) को बच्चे में डाउन सिंड्रोम के जोखिम का पता लगाने के लिए किया जाता है।
- अल्ट्रासाउंड- अल्ट्रासाउंड करवाने से गर्भाशय में प्लेसेंटा की स्थिति और एमनियोटिक द्रव का पता लगाने के लिए करवाया जाता है।
प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में बरतें ये सावधानियां
प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में आपको अपने खान-पान से लेकर व्यायाम और घर के कामों को करते समय कई सावधानियां बरतने की जरूरत पड़ती है।
- इस दौरान आपको ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए।
- सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही किसी भी दवा का सेवन करें।
- फलों और सब्जियों का अधिक सेवन करें। जबकि जंक फूड और फास्ट फूड से परहेज करें।
- प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में आपको मसूड़ों से खून आ सकता है। इसलिए ओरल हेल्थ का ध्यान रखें और नियमित रूप से दांतों की जांच करवाएं।
- इस दौरान आपको तनाव और डिप्रेशन से बचने की कोशिश करनी चाहिए।
प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में महिलाओं को कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलावों से जूझना पड़ता है। लेकिन अगर इस दौरान महिलाएं अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखें और सावधानी बरतें, तो स्वस्थ रह सकती हैं।