Second Month Pregnancy in Hindi: गर्भधारण करना हर महिला के जीवन का सबसे खूबसूरत अहसास होता है। जब एक महिला प्रेग्नेंट होती है, तो वह अपनी सेहत का खास ख्याल रखती है, जिससे उसका बच्चा एकदम स्वस्थ रहे। लेकिन इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। जिसकी वजह से उन्हें कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलावों का सामना करना पड़ता है। ये बदलाव प्रेग्नेंसी के पहले महीने से ही नजर आने लगते हैं। फिर जैसे-जैसे समय बीतता है, बदलाव भी ज्यादा दिखने लगते हैं। आज के इस लेख में हम प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में महिलाओं में नजर आने वाले लक्षणों और बदलावों के बारे में विस्तार से जानेंगे। इसके बारे में हमने फोर्टिस हॉस्पिटल की सीनियर कंसल्टेंट और प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. बंदना सोढ़ी से बातचीत की-
प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में दिखने वाले लक्षण- Pregnancy Second Month Symptoms in Hindi
प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में महिलाओं के शरीर में तेजी से हार्मोनल बदलाव होने लगते हैं। इसकी वजह से महिलाओं को अपने शरीर में कई लक्षणों का अनुभव होता है। इनमें शामिल हैं-
- स्तनों का आकार बढ़ना
- मूड में बदलाव होना
- चिड़चिड़ापन
- जी मिचलाना
- चक्कर आना
- उल्टी आना
- कब्ज की दिक्कत होना
- पेट और सीने में जलन
- अपच और गैस
- मूड स्विंग
प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में शरीर में होने वाले बदलाव
प्रेग्नेंसी की शुरुआत होते ही महिलाओं के शरीर में बदलाव नजर आने लगते हैं। अगर प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने की बात करें, तो ये बदलाव नजर आ सकते हैं-
- प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में गर्भाशय संतरे के आकार की तरह नजर आने लगता है।
- इस दौरान आपको बार-बार पेशाब आने की समस्या हो सकती है। दरअसल, प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भाशय फैलने लगता है, इस वजह से बार-बार पेशाब आता है।
- प्रेग्नेंसी के दौरान आपको बार-बार खाना खाने की क्रेविंग हो सकती है। लेकिन कुछ महिलाओं में यह बदलाव तीसरे महीने में हो सकता है।
- इस दौरान महिलाओं को योनि में खुजली और हल्का दर्द महसूस हो सकता है। अगर इस स्थिति में आपको ब्लीडिंग भी हो, तो डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें।
- प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में महिलाओं का वजन पहले से थोड़ा बढ़ सकता है।

प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में भ्रूण का विकास- Baby Growth in Pregnancy Second Month
जैसे-जैसे प्रेग्नेंसी को ज्यादा समय होता है, बच्चे का विकास भी तेजी से होने लगता है। प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में भ्रूण का आकार करीब 1 इंच तक हो जाता है। साथ ही, भ्रूण का हृदय काम करना शुरू कर देता है और दिमाग भी विकसित होने लगता है। प्रेग्नेंसी के दूसरे में महीने में भ्रूण के आंख, नाक और होंठ बनने भी शुरू हो जाते हैं। भ्रूण के दांत बनने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाती है।
प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में कौन-से टेस्ट करवाने चाहिए?
प्रेग्नेंसी का दूसरा महीना बेहद नाजुक होता है। इसलिए आपको समय-समय पर डॉक्टर से जांच करवाते रहना चाहिए। प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं। इनमें शामिल हैं-
- डायबिटीज की जांच
- प्रोटीन की जांच
- थायराइड की जांच
- यूरिन टेस्ट
- आयरन और हीमोग्लोबिन की जांच
- संक्रमण की जांच
प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में बरतें ये सावधानियां
- इस दौरान आपको खाली पेट नहीं रहना चाहिए। थोड़े-थोड़े समय बाद कुछ-न-कुछ खाते रहें।
- जंक फूड और फास्ट फूड से परहेज करें।
- डॉक्टर से बिना पूछे कोई भी दवा न लें।
- ज्यादा लंबी यात्रा करने से बचना चाहिए।
- प्रेग्नेंसी के दौरान आपको भारी चीजों को उठाने से बचना चाहिए।
- पपीता और अनानास खाने से परहेज करें।
- चाय का सेवन कम करें और कॉफी से पूरी तरह से परहेज करें।
- मानसिक तनाव लेने से बचें।
- चाइनीज सॉल्ट वाला खाना खाने से बचें।
अगर आपका भी प्रेग्नेंसी का दूसरा महीना चल रहा है, तो आपको इन टेस्ट को जरूर करवाना चाहिए। साथ ही, ऊपर बताई गई सावधानियों को भी अपनाना चाहिए।