
आजकल अच्छा डाइजेशन उतना ही मुश्किल है जितना सेल में से अच्छी चीज को ढूंढना। कुछ समय पहले मेरा डाइजेशन बहुत खराब हो गया था। हर वक्त पेट भारी लगता था, एसिडिटी होती थी और हर समय थकान महसूस होती थी। मैंने तो इस समस्या के साथ जीना भी सीख लिया था। एक बार मेरी बुआ ने मुझे मेरी पसंदीदा मिठाई दी और मेरे मना करने पर उन्होंने कारण पूछा तब बुआ ने मुझे बताया कि खराब डाइजेशन का कारण मेरी खानपान की गलत आदतें या समय है और मुझे इस पर ध्यान देना चाहिए।
मैंने जब बुआ की बात पर गौर किया तो समझ आाय कि मैं समय पर खाना नहीं खा पाती हूं और यही कारण है कि समय के साथ मेरा डाइजेशन बेहद खराब हो गया था। अक्सर मुझे कुछ भी खाने का मन नहीं करता है और खाते ही मन करता है मैं वॉशरूम जाऊं। ऊपर से ऑफिस या काम के दौरान कभी खाली पेट चाय तो कभी बिना भूख के स्नैक्स खाने की आदत ने मेरा डाइजेशन और खराब कर दिया था। जब मैं परेशान रहने लगी, तो मैंने कुछ घरेलू उपायों को अपनाने का सोचा। इन उपायों को वो लोग आजमां सकते हैं जिनका डाइजेशन खराब रहता है क्योंकि इसे एक्सपर्ट की सलाह के साथ लिया गया है। आप भी पढ़ें मेरा अनुभव और जानें कि खराब डाइजेशन के लिए किन उपायों की मदद ले सकते हैं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने Dr. Shrey Sharma, Ayurveda Expert, Ramhans Charitable Hospital, Haryana से बात की।
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1. गैस होने पर अदरक खिलाती थींं मेरी दादी

बचपन में जब भी मुझे पेट में गैस, भारीपन या मरोड़ की शिकायत होती थी, मेरी दादी बिना देर किए एक छोटा-सा नुस्खा अपनाती थीं और वो है अदरक। कभी वे अदरक का छोटा टुकड़ा नमक के साथ चबाने को देती थीं, तो कभी अदरक उबालकर उसका पानी पिला देती थीं। उस समय मुझे इसका स्वाद पसंद नहीं आता था, लेकिन थोड़ी देर में ही पेट हल्का महसूस होने लगता था। आज भी जब ज्यादा तला-भुना या देर से खाना खा लेती हूं और पेट खराब लगता है, तो दादी का वही नुस्खा अपनाती हूं।
Ayurveda Expert Dr. Shrey Sharma ने बताया कि सर्दियों में अच्छे डाइजेशन के लिए अदरक को सलाद की तरह खाने के साथ 4 से 5 ग्राम मात्रा में लेना चाहिए। सूखा अदरक भी खा सकते हैं। अदरक के पाउडर को गुनगुने पानी में 10 से 20 एमएल पानी में मिलाकर खाने के बाद लें। इससे डाइजेशन भी अच्छा रहेगा और शरीर में गर्माहट भी बनी रहेगी।
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2. सर्दियों में भी दही का सेवन करती हूं

अक्सर लोग कहते हैं कि सर्दियों में दही नहीं खाना चाहिए, लेकिन मेरा अनुभव इससे थोड़ा अलग रहा है। मैंने देखा कि जब मैं सर्दियों में भी सीमित मात्रा में, सही समय पर दही खाती हूं, तो मेरा डाइजेशन ज्यादा बेहतर रहता है। खासतौर पर दोपहर के खाने में दही शामिल करने से पेट हल्का रहता है और कब्ज की समस्या नहीं होती। पहले मुझे भी डर लगता था कि कहीं सर्दी-खांसी न हो जाए, लेकिन जब मैंने इसे सही मात्रा और सही समय पर लिया, तो कोई परेशानी नहीं हुई। उल्टा, मेरी गैस और एसिडिटी की शिकायत कम हो गई।
3. काला नमक डालकर छाछ बनाती हैं मां
मेरी मां हमेशा कहती हैं कि अगर पेट ठीक रखना है, तो छाछ को दोस्त बनाना चाहिए। घर में दोपहर के खाने के साथ मां छाछ जरूर बनाती हैं, जिसमें वे थोड़ा सा काला नमक डालती हैं। उनका मानना है कि यह पाचन को मजबूत करता है और गैस नहीं बनने देता। पहले मैं इसे हल्के में लेती थी, लेकिन जब मैंने खुद रोज छाछ पीना शुरू किया, तो फर्क साफ नजर आने लगा। भारी खाने के बाद भी पेट में जलन या भारीपन नहीं होता। काला नमक छाछ के स्वाद को भी बेहतर बनाता है और एसिडिटी में राहत देता है।
Ayurveda Expert Dr. Shrey Sharma ने बताया कि अच्छे पाचन के लिए दही या लस्सी के साथ सूखा अदरक, जीरा या अजवाइन को डालकर खाएं। इससे पेट में गैस, अपच और ब्लोटिंग जैसी समस्याएं दूर होती हैं। अगर आप लस्सी या छाछ का सेवन कर रहे हैं, तो उसमें काला नमक या सेंधा नमक डालकर खाएं।
निष्कर्ष:
इन आसान घरेलू उपायों की मदद से मुझे कुछ ही हफ्तों में फर्क महसूस होने लगा और गैस, ब्लोटिंग और अन्य डाइजेशन की समस्याओं से मुझे छुटकारा मिला। आप भी डॉक्टर की सलाह के साथ इन उपायों की मदद से डाइजेशन सुधार सकते हैं।
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Dec 28, 2025 18:00 IST
Published By : Yashaswi Mathur
