
अदरक का नाम सुनते ही दिमाग में उसकी तीखी खुशबू का एहसास होता है। सदियों से अदरक को सिर्फ खाने-पीने में स्वाद बढ़ाने वाले मसाले के रूप में ही नहीं, बल्कि औषधीय दृष्टि से भी इस्तेमाल किया जाता रहा है। आयुर्वेद में अदरक को एक अनमोल औषधि माना गया है, जो शरीर और मन दोनों के लिए फायदेमंद है, अदरक भी दो रूपों में उपयोग किया जाता है, ताजा अदरक और सूखा अदरक (सोंठ) और दोनों का स्वास्थ्य पर असर अलग होता है? आजकल लोग अक्सर सोचते हैं कि क्या सूखा अदरक ताजा अदरक जितना असरदार होता है, या फिर ताजा अदरक ही हमेशा बेहतर है। इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने, रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल, सिरसा के आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से बात की-
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क्या अदरक पाउडर उतना ही असरदार है जितना ताजा अदरक? - Is dry ginger powder as effective as fresh ginger
आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर श्रेय शर्मा के अनुसार, ''ताजा अदरक और सूखा अदरक दोनों ही औषधीय दृष्टि से बेहद उपयोगी हैं, लेकिन इनके गुण और शरीर पर असर अलग-अलग होते हैं। ताजा अदरक थोड़ा ऊष्णवीर्य ज्यादा होता है, यानी यह शरीर में गर्मी बढ़ाने और पाचन शक्ति को तेज करने में ज्यादा प्रभावी है। वहीं सूखा अदरक अपने ऊष्णवीर्य में थोड़ी कम तीव्रता रखता है, लेकिन यह लंबे समय तक इकट्ठा किया जा सकता है और मौसम के अनुसार दवाओं में उपयोगी होता है।
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ताजा अदरक: कब और कैसे उपयोग करें?
ताजा अदरक का प्रयोग अनुपान यानी जूस या पाउडर के रूप में किया जा सकता है। यह खासतौर पर हेमंत, शिशिर और बसंत ऋतु में अधिक लाभकारी माना जाता है। ताजा अदरक शरीर में एनर्जी बढ़ाने, पाचन शक्ति सुधारने और वात तथा कफ को संतुलित करने में मदद करता है। इसके नियमित सेवन से पेट की समस्या, मतली, अपच और हल्की ठंड-खांसी जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। आयुर्वेद में ताजा अदरक का रस अधिक प्रभावी माना जाता है क्योंकि इसमें सभी जैविक और एक्टिव तत्व बने रहते हैं।

सूखा अदरक: कब और कैसे उपयोग करें?
हालांकि, ताजा अदरक अधिक ऊष्णवीर्य और प्रभावी होता है, लेकिन जब अदरक का सीजन नहीं होता, तो सूखा अदरक यानी सोंठ ही प्रयोग में आता है। डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि सूखा अदरक गर्मी के मौसम में सीमित मात्रा में उपयोग किया जा सकता है। यह लंबे समय तक सुरक्षित रहता है और दवाओं में शामिल करने पर शरीर पर संतुलित प्रभाव डालता है। सोंठ यानी सूखे अदरक का पाउडर पाचन शक्ति बढ़ाने, गैस और अपच कम करने, और वात-शिथिलता को कंट्रोल करने में सहायक होता है।
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कौन-सा अदरक बेहतर है?
कई लोग पूछते हैं कि क्या सूखा अदरक ताजा अदरक जितना प्रभावी होता है। इसका उत्तर उपयोग के उद्देश्य और मौसम पर निर्भर करता है। यदि ताजा अदरक उपलब्ध है और तुरंत स्वास्थ्य लाभ चाहिए, तो ताजा अदरक का सेवन सबसे अच्छा है। वहीं जब अदरक का सीजन नहीं होता या लंबे समय तक इस्तेमाल करना हो, तो सूखा अदरक पर्याप्त और सुरक्षित विकल्प है। आयुर्वेद में दोनों को अलग-अलग परिस्थितियों में इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
निष्कर्ष
आयुर्वेद के अनुसार ताजा अदरक और सूखा अदरक दोनों ही स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं, लेकिन इनके उपयोग और असर में अंतर है। ताजा अदरक जल्दी ऊर्जा और पाचन शक्ति बढ़ाता है, जबकि सूखा अदरक लंबे समय तक शरीर को संतुलित बनाए रखता है। ताजा अदरक का रस मुख्य रूप से हेमंत, शिशिर और बसंत ऋतु में अधिक प्रभावी है और सूखा अदरक तब उपयोगी है जब ताजा अदरक उपलब्ध न हो या मौसम के अनुसार सीमित मात्रा में दवा में शामिल करना हो।
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FAQ
क्या अदरक का इस्तेमाल पेट दर्द के लिए किया जाता है?
अदरक पेट की समस्याओं जैसे अपच, गैस, ब्लोटिंग और मतली में राहत देने के लिए जाना जाता है। यह पाचन शक्ति को बढ़ाता है और पेट की नाड़ी को मजबूत करता है।क्या गर्भावस्था के दौरान अदरक खाना सुरक्षित है?
गर्भवती महिलाएं हल्की मात्रा में अदरक का सेवन कर सकती हैं, खासकर मतली और उल्टी की समस्या में लेकिन किसी भी तरह के सप्लीमेंट या अधिक मात्रा के लिए डॉक्टर से सलाह जरूरी है।अदरक खाने का सबसे अच्छा समय क्या है?
आयुर्वेद के अनुसार हेमंत, शिशिर और बसंत ऋतु में ताजा अदरक का रस अधिक लाभकारी है। सूखा अदरक गर्मियों में सीमित मात्रा में उपयोग किया जा सकता है।
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Dec 12, 2025 15:45 IST
Published By : Akanksha Tiwari