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क्या वाकई बच्चे को पाउडर वाला दूध पिलाने से डायबिटीज का खतरा होता है? जानें डॉक्टर से

Can Powdered Milk Contribute To Diabetes In Children : आजकल पेरेंट्स अक्सर शिशुओं को पाउडर वाला दूध पिलाते हैं। पाउडर वाला दूध जितना सुविधाजनक है, शिशु के स्वास्थ्य के लिए उतना ही हानिकारक भी हो सकता है।
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क्या वाकई बच्चे को पाउडर वाला दूध पिलाने से डायबिटीज का खतरा होता है? जानें डॉक्टर से


Can Powdered Milk Contribute To Diabetes In Children: आजकल पेरेंट्स शिशुओं को 6 महीने की उम्र के बाद पाउडर वाला दूध (फॉर्मूला मिल्क) देने लगते हैं। पाउडर वाला दूध न सिर्फ परिवार के लिए एक सुविधाजनक होता है, बल्कि यह उस वक्त के लिए भी बहुत अच्छा विकल्प माना जाता है, जब  मां का स्तनपान कराना संभव न हो। कई बार वर्किंग होने के कारण महिलाएं जन्म के तुरंत बाद से ही शिशुओं को पाउडर वाला दूध देने लगती हैं। पाउडर वाला दूध बेशक पेरेंट्स के लिए सुविधाजनक विकल्प हो, लेकिन यह बच्चों में कई प्रकार की बीमारियों (Health Side Effects of Powdered Milk) का कारण बन सकता है।

कई लोग यह भी मानते हैं पाउडर वाला दूध, छोटे बच्चों में डायबिटीज का भी कारण है। भारत में डायबिटीज के मामले इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं, तब यह जानना जरूरी है कि क्या वाकई पाउडर वाला दूध पिलाने से बच्चों को डायबिटीज होता है? (Can Powdered Milk Contribute To Diabetes In Children) आज इस लेख में हम इसी विषय पर बात करने वाले हैं। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने ओनलीमॉयहेल्थ की टीम ने दिल्ली के पंजाबी बाग स्थित क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन और नियोनेटोलॉजिस्ट डॉ. अभिषेक चोपड़ा से बातचीत की

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पाउडर दूध क्या होता है?- What is Powdered Milk

पाउडर वाले दूध को ताजे दूध से पानी निकालकर तैयार किया जाता है। मुख्य रूप से बच्चों के लिए बनाए जाने वाले पाउडर वाले दूध को गाय के दूध से तैयार किया जाता है। पाउडर वाले दूध में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और खनिज जैसे आवश्यक पोषक तत्व होते हैं। ताजे दूध के मुकाबले, पाउडर वाले दूध को स्टोर करना और एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाना बहुत ही आसान काम होता है।

क्या पाउडर वाला दूध पिलाने से बच्चों को डायबिटीज का खतरा हो सकता है? - Can Powdered Milk Contribute To Diabetes In Children

पाउडर वाले दूध में गाय के दूध के प्रोटीन (जैसे बीटा-केसिन ए1) होते हैं, जो कुछ शिशुओं की प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित कर सकते हैं। इसके कारण बच्चों के शरीर में इंसुलिन की मात्रा ज्यादा बनने लगती है, जिसकी वजह से उन्हें डायबिटीज का खतरा हो सकता है। आइए आगे जानते हैं पाउडर वाले दूध और डायबिटीज के बीच क्या कनेक्शन हैं...

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1. एक्स्ट्रा चीनी- Extra Sugar Cause Diabetes

डॉ. चोपड़ा बताते हैं, कुछ पाउडर वाले दूध में अतिरिक्त चीनी होती है। जब बच्चे अतिरिक्त चीनी वाले पाउडर दूध का सेवन करते हैं, तो यह मोटापे और इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बन सकता है। इन दोनों ही कारणों से बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा हो सकता है। इतना ही नहीं पाउडर वाले दूध में एडिटिव्स होता है, जो आगे चलकर टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) का कारण बन सकता है।

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2. ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई)- Glycemic Index (GI)

पाउडर वाले दूध में ताजे दूध जितना ही ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) होता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होने के कारण पाउडर वाला दूध बच्चों में डायबिटीज की वजह बन सकता है।

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3. आंत के माइक्रोबायोम पर प्रभाव

ब्रेस्टफीडिंग करने वाले बच्चों की आंतों में गुड बैक्टीरिया का बैलेंस बना रहता है। वहीं, पाउडर वाला दूध पीने वाले बच्चों की आंतों में माइक्रोबायोम का प्रभाव ज्यादा रहता है, जिसकी वजह से उन्हें खाना पचाने में परेशानी आ सकती है।

4. पोर्शन का गलत होना

डॉक्टर का कहना है कि हर पाउडर वाले दूध के डिब्बे पर कितने गिलास पानी में, कितने चम्मच दूध डालना चाहिए, यह स्पष्ट तौर पर लिखा हुआ होता है। लेकिन अगर यह पोर्शन गलत हो, तो दूध में कैलोरी की मात्रा ज्यादा हो सकती है। ज्यादा कैलोरी का सेवन करने की वजह से बच्चों में मोटापा और वजन बढ़ने की समस्या होती है। वजन बढ़ने की वजह डायबिटीज के साथ-साथ कई बीमारियों का खतरा भी होता है।

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पाउडर वाला दूध खरीदते वक्त सावधानियां- Precautions while buying powdered milk

अगर आप वर्किंग मॉम हैं या किसी अन्य कारण से बच्चे को पाउडर वाला दूध देते हैं, तो उसे खरीदते वक्त कुछ खास बातों का ध्यान जरूर रखें।

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लेबल पढ़ें: पाउडर वाला दूध में कितनी मात्रा में सादा, प्राकृतिक और अन्य प्रकार की चीनी का इस्तेमाल किया गया है, इसकी जानकारी जरूर पढ़ें। अगर पाउडर वाले दूध में चीनी की मात्रा ज्यादा है, तो बच्चों के लिए उसका इस्तेमाल न करें।

संतुलित आहार खिलाएं : अगर आप 6 महीने के बाद बच्चों को पाउडर वाला दूध देना चाहते हैं, तो उसकी जगह उन्हें संतुलित आहार खिलाएं। बच्चों के खाने में ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन को शामिल करें।

हाइड्रेशन को बढ़ावा दें:सुनिश्चित करें कि बच्चे को प्यास लगने पर पाउडर वाले दूध की जगह, पानी दें। पानी पीने से बच्चों का शरीर हाइड्रेटेड रहता है, जिससे बीमारियों का खतरा कम करने में मदद मिलती है।

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निष्कर्ष 

पाउडर वाले दूध और बच्चों में डायबिटीज के खतरे के बीच एक संभावित संबंध हो सकता है। बच्चों के स्वास्थ्य के लिए उन्हें पाउडर वाला दूध देने की बजाय स्तनपान ही करवाएं। अगर मां के वर्किंग होने के कारण आप बच्चों को पाउडर वाला दूध देना चाहते हैं, तो इस विषय पर डॉक्टर से बात करें। डॉक्टर द्वारा सुझाए गए पाउडर दूध का ही प्रयोग बच्चों के लिए करें।

Image Credit: Freepik.com

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