
Disadvantages of Bottle Feeding: शिशु के लिए मांं का दूध ही सर्वोत्तम होता है। शुरु के 6 महीनें तक डॉक्टर भी मां का दूध पिलाने की ही सलाह देते हैं। कई बार मां का दूध कम बनने के कारण या फिर किसी और कारणों से बच्चें को ऊपर का दूध पिलाना पड़ जाता है। ऐसे में शिशु को बोतल से दूध पिलाया जाता है। बच्चे के लिए बोतल का दूध नुकसानदायक हो सकता है। बाल रोग विशेषज्ञ भी इस बात को मानते हैं कि गंदी बोतल से दूध पिलाने के कारण बच्चा पेट के गंभीर इंफेक्शन का शिकार हो सकता है। इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही नुकसान के बारे में बताने जा रहे हैं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के डफरिन हॉस्पिटल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सलमान खान से बात की।

बोतल से दूध पिलाने के नुकसान- Side Effects of Feeding Milk With Bottle
रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी
मां के दूध में शिशु की इम्युनिटी को मजबूत करने वाले पोषक तत्व होते हैं। जबकि बोतल वाले दूध में इम्युनटी बढ़ाने वाले गुण नहीं होते है। इस कारण बच्चे को बोतल का दूध पिलाने से दस्त, छाती में इंफेक्शन या यूरीन इंफेक्श हो सकता है।
प्राकृतिक पोषक तत्वों की कमी हो सकती है
मां के दूध में प्राकृतिक पोषक तत्व शामिल होते हैं। यह बच्चे के प्राकृतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वहीं बोतल वाला दूध पोषण का अप्राकृतिक तरीका है। बोतल वाला दूध पीने से बच्चा प्राकृतिक पोषक तत्वों से वंचित रह जाता है।
बीमार होने का खतरा रहता है
दूध की बोतल में कीटाणु और बैक्टीरिया जम जाते हैं। अगर इन बैक्टीरिया को साफ किए बिना बच्चें को दूध पिलाया जाता है तो इससे बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। मां का दूध पीने से दोनों के बीच ममतामयी रिश्ता पनपता है। वहीं बोतल का दूध पिलाने से मां और बच्चे के रिश्ते में दूरी आने का डर बन सकता है।
मां को हो सकती है परेशानी
स्तनपान कराने का सबसे बड़ा लाभ ये है कि बच्चे को जिस समय भी भूख लगती है मां उसे स्तनपान करा देती है। वहीं बोतल का दूध बनाने में समय लगता है। पहले दूध गर्म करो फिर उसे बोतल में डालो। इससे मां को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बोतल से दूध पिलाते वक्त ध्यान रखें ये बातें
सही बोतल का चुनाव करें
बच्चें को बोतल से दूध पिलाने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि जिस बोतल का चुनाव आप कर रहे हैं वह अच्छी गुणवत्ता वाली होनी चाहिए।
गर्म पानी से साफ करें बोतल
शिशु की बोतल को समय समय पर गर्म पानी से अच्छे से साफ करनी चाहिए। दरअसल, बोतल में बैक्टीरिया और कीटाणु जम जाते हैं, जिसे बच्चें को नुकसान पहुंंच सकता है।
ज्यादा देर रखा दूध ना दें
कभी कभी ऐसा होता है कि बच्चा जरा सा दूध पीता है और फिर छोड़ देता है। ऐसे में मां बच्चे को बाद में वहीं बचा हुआ दूध पिला देती है। ऐसा करने से बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। क्योंकि ज्यादा देर तक रखा दूध खराब हो सकता है।
प्लास्टिक की बोतल में ज्यादा गर्म दूध ना डालें
अगर आप प्लास्टिक की बोतल से बच्चे को दूध पिलाती है, तो ध्यान रहें कि उसमें ज्यादा गर्म दूध ना डालें। ऐसा दूध बच्चें को नुकसान पहुंचा सकता है।
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