
अक्सर लोग एसिडिटी की समस्या से परेशान रहते हैं। खराब लाइफस्टाइल और डाइट की वजह से भी ये दिक्कत और बढ़ने लगती है। कुछ लोग रोज ही इससे परेशान रहते हैं या फिर खाते ही ब्लोटिंग व एसिडिटी की शिकायत करते हैं। ऐसे ही लोग एंटाएसिड लेते हैं ताकि दिक्कत कम हो सके। कुछ लोग तो लगभग रोज इसे खाने लगते हैं लेकिन ऐसा करने के न सिर्फ पेट का अस्तर प्रभावित होता है बल्कि, बाइल जूस भी ज्यादा बनने लगता है। इससे एसिडिटी की दिक्कत और बढ़ जाती है। इसके अलावा भी रोज एंटाएसिड लेने के कई नुकसान हो सकते हैं। इसे बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने Dr. Basavaraj S Kumbar, Consultant- Internal medicine, Aster Whitefield Hospital से बात की।
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इन 3 अंगों को बर्बाद कर सकती है एसिडिटी की दवाई
Dr. Basavaraj S Kumbar बताते हैं कि अक्सर लोग एंटासिड को एसिडिटी और अपच के लिए हानिरहित और तुरंत आराम देने वाला उपाय मानते हैं, यही कारण है कि कई लोग बिना डॉक्टरी सलाह के इनका बार-बार इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, इनका नियमित और लंबे समय तक इस्तेमाल पेट से जुड़ी अंतर्निहित समस्याओं को छिपा सकता है और नए स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है। अत्यधिक एंटासिड सेवन कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन जैसे आवश्यक खनिजों के अवशोषण में बाधा डाल सकता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और हृदय गति प्रभावित हो सकती है। इतना ही नहीं ये इन 3 अंगों की सेहत के लिए सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है जैसे कि
1. किडनी डैमेज कर सकते हैं एंटाएसिड
Dr. Basavaraj बताते हैं कि कुछ एंटासिड, विशेष रूप से सोडियम या एल्यूमीनियम युक्त, किडनी पर अतिरिक्त दबाव डाल सकते हैं, खासकर उन लोगों में जिन्हें पहले से ही किडनी की समस्या रही हो। NIH के शोध में बताया गया है कि एंटाएसिड में एल्युमीनियम, मैग्नीशियम, सोडियम और कैल्शियम जैसे तत्व होते हैं या फिर एसिड रिफ्लक्स के लिए इस्तेमाल होने वाले प्रोटॉन पंप इनहिबिटर (PPIs) भी हो सकते हैं, जिससे तीव्र गुर्दे की क्षति (acute kidney injury) या दीर्घकालिक गुर्दे की बीमारी (chronic kidney disease) हो सकती है। इतना ही नहीं ये किडनी की पथरी का कारण भी बन सकता है।
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2. दिल के लिए नुकसानदेह
डॉक्टर बताते हैं कि हृदय की दृष्टि से देखा जाए तो लंबे समय तक इस्तेमाल से होने वाले इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन से अनियमित हृदय गति और रक्तचाप में उतार-चढ़ाव का खतरा बढ़ सकता है। NIH के इस शोध में बताया गया है कि एंटासिड आमतौर पर अधिकांश लोगों के लिए सुरक्षित होते हैं, लेकिन कुछ प्रकार के एंटासिड, विशेष रूप से प्रोटॉन पंप इनहिबिटर (पीपीआई), रक्त वाहिकाओं की परत एंडोथेलियम को नुकसान पहुंचाकर और नाइट्रिक ऑक्साइड को कम करके दिल के दौरे के बढ़ते जोखिम से जुड़े पाए गए हैं।

3. पेट की सेहत खराब कर सकता है
एंटासिड पेट के प्राकृतिक एसिड संतुलन को भी बिगाड़ सकते हैं, जिससे आंत के बैक्टीरिया में बदलाव आ सकता है और समय के साथ पाचन क्रिया खराब हो सकती है। NIH के इस शोध से पता चलता है कि एंटासिड अपने आप में हानिकारक नहीं होते हैं, लेकिन लंबे समय तक या अत्यधिक उपयोग से पेट के पीएच स्तर में बदलाव करके, लाभकारी आंत बैक्टीरिया (माइक्रोबायोम) को प्रभावित करके, पोषक तत्वों के असंतुलन जैसे कैल्शियम या फॉस्फेट की समस्या का कारण बनकर और अंतर्निहित समस्याओं को छिपाकर आंतों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है,। इससे कब्ज, दस्त या एसिड रिबाउंड हो सकता है।
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इसलिए इनका सावधानीपूर्वक उपयोग करना और बार-बार होने वाली समस्याओं के लिए डॉक्टर से बात करना जरूरी है। बार-बार एंटासिड के इस्तेमाल पर निर्भर रहने के बजाय, लगातार एसिडिटी होने पर डाइट, जीवनशैली और संभावित अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याओं का मूल्यांकन करना चाहिए, जिससे पाचन स्वास्थ्य बेहतर रहे।
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Dec 20, 2025 10:45 IST
Published By : Pallavi Kumari