बाहर का जंक फूड लंबे समय तक खाने से आपको बदहजमी, अपच, पेट दर्द और पाचन से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, एक टाइम में ज्यादा भोजन करने से भी आपको पेट में ब्लोटिंग की समस्या होने लगती है। कुछ लोगों को रोजाना खाना खाने के बाद एसिडिटी की समस्या होती है। ज्यादातर तला भूना या मसालेदार खाना खाने की वजह से एसिडिटी की समस्या भी हो सकती है। एसिडिटी की समस्या को कम करने के लिए हम अक्सर दवा ले लेते हैं। डॉक्टर्स की मानें तो एसिडिटी को कम करने के लिए बार-बार दवाएं लेना सेहत के लिए के लिए नुकसानदायक हो सकता है। आगे डॉ. रेबिका पिंटू फिजियो और न्यूट्रिशनिस्ट से जानते हैं कि एसिडिटी की दवा बार-बार लेने से क्या नुकसान हो सकते हैं। इन नुकसान के बारे में डॉक्टर रेबिका अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक रील शेयर की है।
एसिडिटी की दवा लेने से होने वाले साइड इफेक्ट
पाचन संबंधी समस्याएं
एसिडिटी की दवा, विशेष रूप से मैग्नीशियम युक्त एंटासिड, दस्त जैसी पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती हैं। इसके विपरीत, एल्युमिनियम युक्त गोलियां कब्ज का कारण बन सकती हैं। कुछ व्यक्तियों को मैग्नीशियम और एल्युमिनियम दोनों वाले एंटासिड का उपयोग करने पर दोनों लक्षणों का एक साथ अनुभव हो सकते हैं।
पोषक तत्वों की कमी
एसिडिटी की दवा का लंबे समय तक उपयोग आवश्यक पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा उत्पन्न कर सकता है। उदाहरण के के लिए कैल्शियम, पेट में एसिड की कमी कैल्शियम के अवशोषण को बाधित कर सकती है, जिससे हड्डियों के फ्रैक्चर और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, विटामिन बी12 के अवशोषण के लिए पेट का एसिड आवश्यक है। एसिड सप्रेसर्स के लंबे समय तक इस्तेमाल से विटामिन बी12 की कमी हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप एनीमिया और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, PPIs मैग्नीशियम के स्तर को कम कर सकते हैं, जिससे मांसपेशियों में ऐंठन, अनियमित दिल की धड़कन और दौरे जैसे लक्षण हो सकते हैं।
किडनी की समस्याएं
इन दवाओं के लंबे समय तक इस्तेमाल को क्रोनिक किडनी डिजीज और एक्यूट किडनी की चोट के बढ़ते जोखिम से जोड़ा जाता है। ऐसा माना जाता है कि ये दवाएं समय के साथ किडनी के टिश्यू में सूजन और डैमेज का कारण बन सकती हैं।
इंफेक्शन
पेट का एसिड हानिकारक बैक्टीरिया को मारकर संक्रमण के खिलाफ एक बाधा के रूप में कार्य करता है। पेट के एसिड को कम करने से संक्रमण का जोखिम बढ़ सकता है जैसे: बैक्टीरियल दस्त और कोलाइटिस का कारण बन सकता है।
रिबाउंड एसिड हाइपरसेक्रेशन
लंबे समय तक इस्तेमाल के बाद अचानक PPI बंद करने से पेट में एसिड का उत्पादन फिर से बढ़ सकता है, जिससे एसिड रिफ्लक्स और हार्टबर्न के लक्षण बिगड़ सकते हैं। यह एक ऐसा चक्र बना सकता है जहाँ व्यक्ति दवा को फिर से शुरू करने के लिए मजबूर महसूस करता है।
एसिडिटी दवाओं के प्रकार
1. एंटासिड
एंटासिड ओवर-द-काउंटर दवाएँ हैं जो पेट के एसिड को बेअसर करती हैं। इनमें आमतौर पर मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड, एल्युमिनियम हाइड्रॉक्साइड, कैल्शियम कार्बोनेट या सोडियम बाइकार्बोनेट जैसे तत्व होते हैं।
2. H2 रिसेप्टर रेजिस्टेंस (H2 अवरोधक)
H2 रेजिस्टेंस पेट की परत में हिस्टामाइन रिसेप्टर्स को ब्लॉक करके एसिड उत्पादन को कम करते हैं।
3. प्रोटॉन पंप इन्हेबिटर (Proton-pump inhibitor- पीपीआई)
पीपीआई प्रिस्क्रिप्शन और ओवर-द-काउंटर दवाएं हैं जो पेट में एसिड उत्पादन के लिए जिम्मेदार एंजाइम को ब्लॉक करती हैं।
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एसिडिटी की समस्या होने पर आप घरेलू उपायों को अपना सकते हैं। लेकिन, बार-बार दवा आपकी सेहत को कई अन्य नुकसान पहुंचा सकती हैं। अगर,आपको बार बार एसिडिटी होती है तो ऐसे में आप डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही एसिडिटी की दवाओं का इस्तेमाल करें। बिना डॉक्टर की सलाह के आप किसी भी तरह की दवा का सेवन न करें।
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