
Antibiotic Cause Acidity: भारत में खासतौर पर अगर किसी को थोड़ा सा भी इंफेक्शन, सर्दी, जुकाम या बुखार होता है, तो बिना डॉक्टर की सलाह के तुरंत एंटीबायोटिक दवाई लेने में परहेज नहीं किया जाता। कई बार तो लोग दो या तीन डोज लेने के बाद एंटीबायोटिक की दवाई छोड़ देते हैं और फिर किसी भी तरह की परेशानी होने पर दोबारा ले लेते हैं। इस तरह बिना डॉक्टर की सलाह लिए एंटीबायोटिक दवाई लेने से कई बार नुकसान भी देखने को मिलते हैं। कई मामलों में देखा गया है कि एंटीबायोटिक लेने के बाद सीने में जलन, खट्टी डकारें या पेट में जलन महसूस होने लगती है, लेकिन वे समझ ही नहीं पाते कि यह होना बीमारी की वजह से नहीं होता, बल्कि इसी वजह एंटीबायोटिक दवाई लेने से हो सकता है। एंटीबायोटिक दवाइयों से एसिडिटी क्यों बढ़ जाती है? यह जानने के लिए हमने हुमेटा के डायबिटीज एजुकेटर और कंसल्टेंट डाइटिशियन और एक्सपर्ट कनिका मल्होत्रा (Kanikka Malhotra, Consultant Dietician & Diabetes Educator, Expert, Humeta) से बात की। उससे पहले जानते हैं कि एसिडिटी या हार्ट में जलन होना क्या होता है?
इस पेज पर:-
हार्टबर्न क्यों होता है?
डाइटिशियन कनिका कहती हैं, “जब लोग खाना खाने के बाद लेटते हैं, तो सीने में जलन महसूस होने लगती है। दरअसल, लेटने पर पेट का एसिड ऊपर भोजन नली (esophagus) में आने लगता है। आपको बता दें कि पेट और इस नली के बीच एक छोटी सी मांसपेशी होती है जिसे लोअर एस्फोगेल स्पीनचर (Lower Esophageal Sphincter) कहते हैं, वो एक दरवाजे की तरह काम करती है। यह खुलकर खाना पेट में जाने देती है और फिर बंद हो जाती है ताकि एसिड वापस ऊपर न आए, लेकिन अगर कोई दवाई इस लोअर एस्फोगेल स्पीनचर को कमजोर कर देती है, तो खाने के बाद एसिड गले में आने लगता है और इस वजह से एसिडिटी और हार्टबर्न महसूस होने लगता है।

इसे भी पढ़ें: लगातार एंटीबायोटिक खाने से बिगड़ गया पाचन? इन नेचुरल तरीकों से गट को करें रीसेट
एंटीबायोटिक दवाइयों से एसिड रिफ्लक्स क्यों होता है?
इस बारे में कनिका मल्होत्रा ने कहा कि इसके कई कारण होते हैं, क्योंकि एंटीबायोटिक दवाइयां कई तरीके से डाइजेशन पर असर डालती है।
गट हेल्थ के अच्छे बैक्टीरिया का बैलेंस बिगड़ना
एंटीबायोटिक दवाइयों का काम खराब बैक्टीरिया को खत्म करना होता है, लेकिन दवाई अच्छे या बुरे बैक्टीरिया पहचान नहीं पाती और वह खराब बैक्टीरिया के साथ अच्छे बैक्टीरिया को भी मार देती है। इससे गट हेल्थ का बैलेंस बिगड़ जाता है और पेट में गैस,एसिडिटी, ब्लोटिंग होने लगती है और इससे पेट पर स्ट्रेस बढ़ सकता है। फिर यही प्रेशर एसिड को ऊपर धकेल सकता है।
भोजन की नली में जलन होना
कुछ एंटीबायोटिक सीधे ही भोजन की नली में परेशानी करने लगते हैं, जिससे एंटीबायोटिक लेते ही लोगों को सीने में जलन, खाना खाते समय दर्द होना, छाती में दर्द महसूस होना या गले में जलन महसूस होने लगती है।
पेट में प्रेशर बढ़ना
जब आंतों का माइक्रोबायोम बिगड़ जाता है, तो गैस बनने लगती है और पेट में प्रेशर बढ़ जाता है। इस प्रेशर से लोअर एस्फोगेल स्पीनचर खुल जाता है और एसिड ऊपर जाने लगता है। इसलिए अगर आप एंटीबायोटिक दवाइयां ले रहे हैं, तो एसिडिटी होने पर इसकी जानकारी जरूर दें।
इसे भी पढ़ें: छोटी-छोटी बीमारियों के लिए एंटीबायोटिक से करना है परहेज तो ये घरेलू नुस्खे आएंगे काम
एंटीबायोटिक लेने से एसिडिटी बढ़ने पर क्या सावधानियां बरती जाएं?
डाइटिशियन कनिका ने एंटीबायोटिक दवाइयां लेते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए।
- अगर एंटीबायोटिक दवाई लेने पर एसिडिटी या गैस की समस्या हो रही है, तो दवाई बंद न करें बल्कि डॉक्टर से मिलकर दवाई बदल सकते हैं। डॉक्टर हार्टबर्न कंट्रोल करने के लिए कोई और मेडिसिन दे सकते हैं, लेकिन बिना डॉक्टर की परमिशन के एंटीबायोटिक का कोर्स बंद न करें।
- एंटीबायोटिक दवाई लेते समय हाइड्रेशन का ध्यान रखें। कुछ लोग बस एक घूंट पानी लेकर दवाई ले लेते हैं। यह तरीका गलत है। दवाई लेते समय पूरा गिलास पानी का पिएं। इससे दवाई कम समय के लिए भोजननली में रहेगी और जलन कम होगी।
- एंटीबायोटिक दवाई लेने के बाद तुरंत न लेटे, बल्कि कम से कम 30–40 मिनट तक सीधे बैठे या चलें। इससे एसिडिटी की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है।
- कई लोगों को एंटीबायोटिक की दवाई लेने से पहले या बाद में कॉफी, सोडा, चॉकलेट, मसालेदार भोजन या खट्टे फल खा लेते हैं। इससे भी एसिडिटी बढ़ने का रिस्क बढ़ सकता है। जब एंटीबायोटिक का कोर्स चल रहा हो, तो इन चीजों का परहेज करें।
- कुछ एंटीबायोटिक खाली पेट नहीं लेने चाहिए। खाने के बाद दवाई लेने से जलन काफी हद तक कम हो सकती है, लेकिन खाने से पहले या बाद में दवाई लेने का प्रोसेस डॉक्टर से जरूर पूछें।
- एंटीबायोटिक लेने के दौरान या बाद में प्रोबायोटिक दही या सप्लीमेंट्स फायदेमंद होते हैं। ये अच्छे बैक्टीरिया वापस लाने में मदद करते हैं और पाचन को बेहतर बनाते हैं।
निष्कर्ष
कनिका कहती हैं कि अगर किसी को एंटीबायोटिक दवाई लेते समय किसी भी तरह की सीने में जलन, पॉटी में कालापन, बुखार के साथ सीने में दर्द जैसी समस्याएं हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। हालांकि एंटीबायोटिक किसी भी बीमारी को ठीक करने के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके कभी-कभी इसके साइड इफेक्ट के कारण एसिडिटी या हार्टबर्न बढ़ सकता है। इसलिए जब भी इस तरह की समस्या हो, तो थोड़ी सावधानी जरूर बरतें।
यह विडियो भी देखें
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version
Nov 20, 2025 17:05 IST
Modified By : Aneesh RawatNov 20, 2025 17:01 IST
Modified By : Aneesh RawatNov 20, 2025 17:01 IST
Published By : Aneesh Rawat