Doctor Verified

एसिडिटी से पेट ही नहीं बल्कि इन 5 अंगों पर भी पड़ता है असर, जानें डॉक्टर से

 Acidity Affects 5 Organs: अक्सर लोग सोचते हैं कि एसिडिटी से सिर्फ पेट पर ही असर पड़ता है, लेकिन ऐसा नहीं है। शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों पर भी इसका असर पड़ता है। इस लेख में डॉक्टर ने उन सभी अंगों के साथ एसिडिटी मैनेज करने के तरीके भी बताए हैं।

  • SHARE
  • FOLLOW
एसिडिटी से पेट ही नहीं बल्कि इन 5 अंगों पर भी पड़ता है असर, जानें डॉक्टर से


Acidity Affects 5 Organs: आजकल बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर किसी को एसिडिटी की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है। समय पर भोजन न करना, बहुत ज्यादा कैफीन लेना, जंक फूड खाना, मोटापा और दवाइयां इसके मुख्य कारण हो सकते हैं। एसिडिटी तब बनती है, जब पेट का एसिड खाने की नली (Esophagus) में वापस आ जाता है। इससे जलन, दर्द और असहजता महसूस होती है। लोग अक्सर सोचते हैं कि एसिडिटी का संबंध सिर्फ पेट से ही होता है, लेकिन चौंकाने वाली यह है कि एसिडिटी शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है। इस बारे में ज्यादा जानकारी लेने के लिए हमने नवी मुम्बई के खारघर स्थित मेडिकवर अस्पताल के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, हेपेटोलॉजिस्ट और एंडोस्कोपिक के कंसल्टेंट डॉ दीपक अहीरे (Dr Dipak Ahire, Consultant Gastroenterologist, Hepatologist & Endoscopist, Medicover Hospitals, Kharghar, Navi Mumbai) से बात की।

एसिडिटी से प्रभावित होने वाले 5 अंग

खाने की नली - Food Pipe

डॉ दीपक कहते हैं, “अक्सर लोग एसिडिटी को सिर्फ पेट की मामूली समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन अगर यह लंबे समय तक बनी रहे तो कई अंगों को प्रभावित कर सकती है। दरअसल, मुंह और पेट को जोड़ने वाली खाने की नली में ही एसिड बार-बार आता है और अगर यह बीमारी लगातार होती रहे तो इससे नली की अंदरुनी परत को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचता है। कई बार एसिडिटी के मरीजों को खाने की नली में अल्सर बनने की भी समस्या आने लगती है। इस बीमारी में खाना निगलने में दिक्कत होती है। अगर अल्सर का सही समय पर इलाज न कराया जाए तो कैंसर होने का रिस्क भी बढ़ सकता है।”

acidity affects other organs expert advice

इसे भी पढ़ें: एसिडिटी बढ़ा सकते हैं ये 5 हेल्दी फूड्स, न्यूट्रिशनिस्ट से जानें खाने का सही तरीका

फेफड़े - Lungs

डॉ दीपक बताते हैं कि जब एसिड पेट से ऊपर आता है, तो सांस की नली में भी जाता है। एसिडिटी के कारण सांस लेने में तकलीफ होना, बार-बार खांसी होने जैसी परेशानियां देखने को मिलती हैं। अगर एसिडिटी के कण फेफड़ों में चले जाए तो फेफड़ों में सूजन तक आ जाती है। आमतौर पर देखा गया है कि एसिडिटी की दिक्कत सोते समय ज्यादा होती है क्योंकि लेटने की पॉजीशन में पेट से एसिड बहुत तेजी से ऊपर आ जाता है।

हार्ट - Heart

इस बारे में डॉ दीपक ने कहा, “वैसे तो एसिडिटी की वजह से दिल की बीमारियां नहीं होती है लेकिन जब एसिडिटी की समस्या होती है, तब सीने में दर्द की शिकायत महसूस होती है। कई बार मरीजों को लगता है कि उन्हें हार्ट अटैक आया है, लेकिन समस्या एसिडिटी की होती है। इससे कई बार हार्ट की बीमारियों का पता देरी से लगता है, जो हार्ट हेल्थ के लिए सही नहीं है।”

दांत - Teeth

डॉ दीपक कहते हैं, “दरअसल, जो एसिडिटी पेट के ऊपर आती है, वो कई बार मुंह में भी आ जाती है। इससे एसिड दांत के इनेमल को खराब कर सकते हैं। अगर इनेमल को नुकसान पहुंचता है, तो दांत कमजोर होने लगते हैं, पीलापन आ जाता है और दांत काफी ज्यादा संसेटिव हो जाते हैं। लगातार एसिडिटी रहने से मुंह की लार भी एसिड को कम नहीं कर पाती, जिसकी वजह से मसूड़ों की परेशानी हो सकती है।”

इसे भी पढ़ें: 90% लोग करते हैं गैस और एसिडिटी के इन कारणों को अनदेखा, कहीं आप भी तो नहीं हैं इस लिस्ट में शामिल?

गला - Throat

डॉ दीपक कहते हैं, “एसिड गले तक आने की वजह से गले में खराश, आवाज में भारीपन और खांसी जैसी समस्याएं हो सकती है। कई मामलों में गांठ भी देखने को मिलती है। इसलिए मैं सभी को एसिडिटी मैनेज करने की सलाह देता हूं, क्योंकि आम सी दिखने वाली यह बीमारी कई अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है, जिसका लोगों को अंदाजा भी नहीं होता।”

एसिडिटी को मैनेज करने के तरीके - How to Manage Acidity in Hindi

डॉ दीपक ने सभी को एसिडिटी मैनेज करने के लिए जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव करने की सलाह दी है। इससे न सिर्फ एसिडिटी मैनेज होगी, बल्कि पूरे शरीर पर पॉजिटिव असर पड़ेगा।

  • एक साथ ज्यादा भोजन करने की बजाय कई बार थोड़ा-थोड़ा भोजन करें।
  • तैलीय, खट्टा और मसालेदार भोजन से परहेज करें।
  • दिन में कम से कम 2-3 लीटर पानी पिएं।
  • सोडा, कोल्ड ड्रिंक्स बिल्कुल न लें।
  • भोजन करने के तुरंत बाद न सोएं। सोने से 2 से 3 घंटे पहले भोजन करें।
  • वजन कंट्रोल में रखें। पेट का जरूरत से ज्यादा प्रेशर होने पर एसिड ऊपर आने लगता है।
  • ढीले कपड़े पहनें।
  • स्ट्रैस कम करने के लिए टहलना, मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग करना फायदेमंद होता है।
  • शराब और कैफीन लेने से परहेज करें।

निष्कर्ष

आम सी लगने वाली एसिडिटी की समस्या अगर लाइफस्टाइल में बदलाव करके भी मैनेज न हो पाए, तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। अगर आपको दिनभर खट्टे डकार, सीने में जलन, खांसी या दांतों की समस्या रहती है, तो हो सकता है कि इसके पीछे एसिडिटी की परेशानी हो। इसलिए गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट या डॉक्टर से जांच जरूर करवाएं।

FAQ

  • एसिडिटी होने से शरीर में क्या होता है?

    एसिडिटी होने पर उल्टी, पेट में तकलीफ, त्वचा में जलन और भोजन पचने की समस्या होने लगती है।
  • पेट में बहुत ज्यादा एसिड है तो कैसे पता चलेगा?

    अगर लगातार सीने में जलन, खट्टे डकार, हिचकी आना, पेट और सिरदर्द रहना, सांसों में बदबू हो तो समझ लीजिए कि पेट में एसिड ज्यादा बन रहा है।
  • क्या एसिडिटी से घबराहट होती है?

    हां, एसिडिटी से घबराहट और बेचैनी जैसी दिक्कते होने लगती हैं।

 

 

 

Read Next

क्या अचानक आपकी भूख कम हो गई है? डॉक्टर से जानें इसके 4 बड़े कारण

Disclaimer

TAGS