Foods That Trigger Acid Reflux: क्या आपने कभी सोचा है कि हरी सब्जियां या फिर डेयरी प्रोडेक्ट्स जैसे कई फूड आइटम्स भी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं? अगर आप भी इन्हें सिर्फ हेल्दी समझकर अपनी डाइट में शामिल कर रहे हैं, तो आपको बता दें कि कुछ फूड आइटम आपको एसिडिटी की तकलीफ भी दे सकते हैं। अक्सर आप जब हेल्दी फूड खाते हैं, तो एसिडिटी की समस्या हो जाती है और समझ नहीं आता कि हेल्दी फूड खाने के बावजूद पेट में गैस क्यों बन रही है। तो आपको बता दें कि कई हेल्दी फूड भी शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे ही हेल्दी फूड्स के बारे में हमने नवी मुम्बई के खारघर की मेडिकवर हॉस्पिटल के डायटेटिक्स विभाग की हेड डॉ. राजेशअवरी पांडा (Dr Rajeshwari Panda, Head of the Dietetics Department at Medicover Hospital, Kharghar, Navi Mumbai) से बात की। उन्होंने हमें 5 ऐसे फूड बताए, जिन्हें खाने से एसिडिटी और रिफ्लेक्स की समस्या हो सकती है। साथ ही जानते हैं इससे बचाव के उपाय।
क्रूसीफेरस सब्जियां (ब्रोकली, पत्तागोभी और फूलगोभी)
डॉ. राजेश्वरी कहती हैं, “इन सब्जियों को अक्सर हेल्दी माना जाता है क्योंकि इनमें फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स और कई महत्वपूर्ण विटामिन्स होते हैं। ये सब्जियां शरीर को डिटॉक्टस करने के साथ पेट की सेहत को भी हेल्दी रखती है। लेकिन इन सब्जियों के कारण अक्सर लोगों को ब्लोटिंग और गैस की समस्या हो जाती है। खासतौर से जिन लोगों का पेट बहुत सेंसटिव है, उन्हें ज्यादा तकलीफ होती है। ब्रोकली, पत्तागोभी और फूलगोभी खाने से पेट में गैस बढ़ने लगती है और फिर इसका प्रेशर ऊपर आने लगा है जो भोजन की नली (esophagus) में पहुंच जाता है। इस वजह से रिफ्लेक्स की स्थिति हो जाती है।”
बचाव का उपाय
इन सब्जियों को कच्चा खाने की बजाय थोड़ा स्टीम कर लें या फिर हल्का उबालकर खाएं। इससे गैस बनाने वाले केमिक्लस कम हो जाते हैं। इन सब्जियों को रात के समय ज्यादा न खाएं।
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खट्टे फल (संतरे, नींबू, ग्रेपफ्रूट और मौसमी)
डॉ. राजेश्वरी ने कहा, “खट्टे फलों में ढेर सारा विटामिन सी होता है और यह शरीर को हाइड्रेट रखते हैं। आमतौर पर इम्युनिटी और त्वचा की सेहत को बेहतर बनाने के लिए इन फलों के सेवन की सलाह दी जाती है। लेकिन ये खट्टे फल नेचुरली बहुत एसिडिक होते हैं। इस वजह से खाली पेट या ज्यादा मात्रा में खाने से भोजन की नली की परत को इरिटेट कर सकते हैं। इससे पेट में जलन और हार्टबर्न की तकलीफ होने लगती है।”
बचाव का उपाय
खट्टे फलों की जगह केला, खरबूजा या पपीता खाएं। सुबह खाली पेट खट्टे फलों का जूस लेने से परहेज करें।
लो फैट डेयरी प्रोडेक्ट (दूध, दही और छाछ)
डॉ. राजेश्वरी ने बताया, “लो फैट डेयरी प्रोडेक्ट्स में प्रोटीन, कैल्शियम और प्रोबॉयोटिक्स होता है, जो पेट को स्वस्थ रखने में मदद करता है और कई लोगों को ठंडक भी देता है। लेकिन कुछ लोगों को डेयरी प्रोडेक्ट्स से ब्लोटिंग हो जाती है और कुछ लोगों को दूध से बनी चीजें पचाना मुश्किल हो जाता है। जो लोग ठंडा दूध, दही या छाछ लेते हैं, उन्हें यह देखना चाहिए कि कहीं उनका पेट संवेदनशील तो नहीं है। अगर पेट संसेटिव होता है, तो रिफ्लेक्स को बढ़ा सकता है।”
बचाव के उपाय
यदि दूध पीना जरूरी हो तो गुनगुना पिएं और रात को ठंडी छाछ या दही लेने से बचें। अगर दूध, दही या छाछ जैसी चीजें पचाने में दिक्कत हो रही हो, तो न्यूट्रशनिस्ट या डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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डार्क चॉकलेट
डॉ. राजेश्वरी कहती हैं, “सोशल रील्स से लेकर कई आर्टिकल्स में डार्क चॉकलेट के फायदों की लिस्ट गिनाई जाती है। अगर सही मात्रा में डार्क चॉकलेट ली जाए, तो यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है, जो दिमाग और हार्ट के लिए फायदेमंद होती है। लेकिन यह भी ध्यान रखना चाहिए कि डार्क चॉकलेट में कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जो लोअर इसोफेगल स्फिंक्टर (lower esophageal sphincter) को रिलैक्स करती है। इन्हीं मांसपेशियों में पेट का एसिड रहता है। जब मांसपेशियां बहुत ज्यादा ही रिलैक्स हो जाती है तो एसिड वापस ऊपर आ जाता है, जो जलन का कारण बनता है।”
बचाव का उपाय
अगर आपको एसिडिटी की शिकायत रहती है, तो आप डार्क चॉकलेट लिमिट में खाएं और खाना खाने के तुरंत बाद इसे खाने से बचें।
ओट्स और हाई फाइबर साबुत अनाज
डॉ. राजेश्वरी ने बताया कि सभी लोग रोज सुबह नाश्ते में ओट्स या फिर साबुत अनाज दूध के साथ खाते हैं क्योंकि ओट्स और साबुत अनाज ब्लड शूगर को कंट्रोल करने, कोलेस्ट्रोल को मैनेज करने और पेट के लिए बेहतरीन होता है। इसमें फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। लेकिन अगर शरीर में पानी कम जाए और फाइबर की मात्रा बढ़ जाए तो पेट में गैस और ब्लोटिंग के चांस बढ़ जाते हैं। पेट में गैस का प्रेशर बढ़ जाता है और इससे रिफलैक्स के लक्षण दिखाई देते हैं।”
बचाव के उपाय
अपनी डाइट में फाइबर की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ाएं और साथ ही पानी भी प्रचुर मात्रा में पिएं। कच्चे ग्रेनोला या हाई फाइबर बार लेने की बजाय हल्के पके हुए ओट्स खाएं। इससे पेट सही रहता है।
निष्कर्ष
यह जानना महत्वपूर्ण है कि हर हेल्दी फूड सेहतमंद नहीं होता। अगर आपको बार-बार एसिडिटी की समस्या हो रही है, तो आप चेक करें कि आपके खाने में क्या ऐसा है, जिसकी वजह से यह परेशानी हो रही है। अपने खाने के पोर्शन और समय पर ध्यान दें। इससे एसिडिटी जैसी दिक्कतों से निजात मिल सकती है। अगर फिर भी एसिडिटी की समस्या बनी रही, तो डॉक्टर से जरूर सलाह लें क्योंकि लंबे समय तक एसिडिटी की समस्या पेट की कई बीमारियों का कारण बन सकती है।
FAQ
मुझे रोज एसिडिटी क्यों हो रही है?
समय पर भोजन न करना, जंक फूड का ज्यादा सेवन, मसालेदार भोजन, तला-भुना खाना, बहुत ज्यादा कैफीन लेने से एसिडिटी हो सकती है।नींबू से एसिडिटी होती है क्या?
हां, कुछ लोगों को एसिडिटी हो सकती है। खासकर अगर इसे खाली पेट या ज्यादा मात्रा में पिया जाए, तो नींबू में मौजूद सिट्रिक एसिड से जलन और एसिडिटी हो सकती है।एसिडिटी अटैक क्या होता है?
जब पेट का एसिड खाने की नली में आ जाए, तो छाती में जलन होने लगती है। कई बार लेटने और झुकने से यह इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि बैचेनी होने लगती है। उल्टी या खाने-पीने में दिक्कत होने लगती है। कई बार लोग इसे दिल के दौरे से भी जोड़ लेते हैं और स्ट्रेस में आ जाते हैं।