
क्या आपने कभी महसूस किया है कि एंटीबायोटिक का कोर्स पूरा होने के बाद पेट भारी-भारी सा लगने लगता है, गैस, कब्ज या थकान बढ़ जाती है? अगर हां, तो यह आपके गट हेल्थ (Gut Health) से जुड़ी समस्या हो सकती है। दरअसल, एंटीबायोटिक्स न केवल शरीर में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करते हैं, बल्कि वे गुड बैक्टीरिया यानी अच्छे बैक्टीरिया को भी नुकसान पहुंचाते हैं, जो हमारे डाइजेशन, इम्यूनिटी और ओवरऑल हेल्थ के लिए बेहद जरूरी होते हैं। जब गट माइक्रोबायोम (Gut Microbiome) असंतुलित होता है, तो शरीर में टॉक्सिन्स बढ़ने लगते हैं, जिससे पेट फूलना, भूख की कमी, स्किन प्रॉब्लम्स, मूड स्विंग्स और यहां तक कि डिप्रेशन जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं। इस लेख में सिरसा के रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, एंटीबायोटिक के बाद गट को रीसेट करने के नेचुरल तरीके क्या हैं?
एंटीबायोटिक के बाद गट को रीसेट करने के नेचुरल तरीके क्या हैं? - How To Naturally Reset Your Gut After Antibiotics
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि एंटीबायोटिक के बाद गट को रीसेट करना शरीर को दोबारा संतुलन में लाने का सबसे अहम कदम है। डॉक्टर श्रेय शर्मा कहते हैं, ''सबसे पहले फ्रूट्स और सलाद को डाइट में शामिल करें, इससे शरीर को नेचुरल फाइबर और एंजाइम्स मिलते हैं जो हेल्दी बैक्टीरिया को फिर से बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके अलावा प्रोबायोटिक्स (Probiotics) जैसे दही, छाछ, कांजी या इडली का सेवन गट को हेल्दी रखने का आसान और नेचुरल तरीका है।''
1. फ्रूट्स और सलाद
डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार, एंटीबायोटिक के बाद सबसे पहले गट में हेल्दी बैक्टीरिया बनाने के लिए फ्रूट्स और सलाद का सेवन शुरू करें। ताजे फल जैसे सेब, पपीता, केला, अमरूद, संतरा और अनार शरीर में फाइबर और एंजाइम्स की कमी को पूरा करते हैं। वहीं, सलाद में खीरा, टमाटर, चुकंदर, मूली और पत्तेदार सब्जियां शामिल करने से शरीर को नेचुरल सपोर्ट मिलता है। आयुर्वेद में कच्चे और ताजे भोजन को ''प्राणवान आहार'' कहा गया है, जो शरीर की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करता है। यह पाचन अग्नि को भी संतुलित करता है, जिससे धीरे-धीरे गट माइक्रोबायोम दोबारा हेल्दी होने लगता है।
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2. प्रोबायोटिक्स को डाइट में करें शामिल
एंटीबायोटिक्स के बाद शरीर में गुड बैक्टीरिया की भरपाई के लिए प्रोबायोटिक फूड भी जरूरी होता है। डॉक्टर श्रेय शर्मा कहते हैं कि प्रोबायोटिक्स का सेवन गट को हेल्दी बनाने में सहायक हो सकता है। प्रोबायोटिक्स ऐसे जीवित सूक्ष्मजीव होते हैं जो पाचन क्रिया में सुधार करते हैं और इम्यूनिटी बढ़ाते हैं। आप अपनी डाइट में दही, छाछ, कांजी, इडली, ढोकला जैसे फूड शामिल कर सकते हैं। ये फूड्स गट बैक्टीरिया को पुनर्जीवित करने में मदद करते हैं। आयुर्वेद में भी तक्र (छाछ) को सर्वोत्तम प्रोबायोटिक पेय माना गया है। इसमें भूख बढ़ाने, अपच दूर करने और पाचन को दुरुस्त करने की क्षमता होती है।

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प्रोसेस्ड और शुगर वाले फूड से बचें
एंटीबायोटिक के बाद अगर आप गट को हेल्दी रखना चाहते हैं, तो प्रोसेस्ड फूड, कोल्ड ड्रिंक्स और ज्यादा चीनी से परहेज करें। ये फूड्स खराब बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं और पाचन को कमजोर करते हैं। आयुर्वेद में ऐसे भोजन को ''आम जनक'' कहा गया है यानी ऐसा भोजन जो शरीर में विषाक्त पदार्थ (टॉक्सिन) पैदा करता है। इसलिए ताजे, सात्विक और घर पर बने भोजन को प्राथमिकता दें।
निष्कर्ष
एंटीबायोटिक लेने के बाद शरीर को हेल्दी बनाना सिर्फ दवा खत्म करने से नहीं होता, बल्कि उसे रीसेट करने के लिए सही आहार और दिनचर्या की जरूरत होती है। आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा के अनुसार, अगर आप फ्रूट्स, सलाद, प्रोबायोटिक्स, प्रीबायोटिक्स और हर्बल ड्रिंक्स को अपने भोजन में शामिल करते हैं, तो गट माइक्रोबायोम दोबारा हेल्दी हो सकता है। गट का संतुलन लौटने पर न केवल आपका पाचन सुधरेगा, बल्कि इम्यूनिटी, मूड और एनर्जी लेवल भी बढ़ेगा।
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FAQ
- गट हेल्थ क्या होती है?गट हेल्थ का मतलब है हमारे पाचन तंत्र में मौजूद अच्छे और बुरे बैक्टीरिया के बीच का संतुलन। जब गट में गुड बैक्टीरिया पर्याप्त मात्रा में होते हैं, तो डाइजेशन सही रहता है, इम्युनिटी मजबूत होती है और शरीर में एनर्जी बनी रहती है।
- गट हेल्थ को सुधारने के लिए कौन-से फूड सबसे अच्छे हैं?आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के अनुसार, दही, छाछ, कांजी, इडली, ओट्स, केला, सेब, पपीता जैसे फूड्स गट को हेल्दी बनाते हैं। ये फूड्स प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक दोनों होते हैं जो गट माइक्रोबायोम को रीसेट करने में मदद करते हैं।
- क्या सिर्फ डाइट बदलने से गट हेल्थ ठीक हो सकती है?अगर आप हेल्दी फूड लेते हैं, हाइड्रेटेड रहते हैं और प्रोसेस्ड फूड व शुगर से परहेज करते हैं, तो गट हेल्थ बेहतर होती है। साथ ही योग, प्राणायाम और नींद भी बहुत जरूरी हैं।
- क्या तनाव गट हेल्थ को प्रभावित करता है?मानसिक तनाव से कॉर्टिसोल हार्मोन बढ़ता है, जो गट बैक्टीरिया के संतुलन को बिगाड़ देता है। इसलिए ध्यान, योग और पर्याप्त नींद गट हेल्थ सुधारने के लिए जरूरी हैं।
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- Oct 31, 2025 11:49 IST Modified By : Akanksha Tiwari
- Oct 31, 2025 11:49 IST Published By : Akanksha Tiwari