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एंटीबायोटिक लेते समय ये 7 चीजें बिल्कुल न खाएं, जानें एक्सपर्ट से कारण

Antibiotics in Hindi: एंटीबायोटिक दवाइयां लेते समय कुछ फूड आइट्म लेने से परहेज करना चाहिए ताकि दवाई का सही तरीके से शरीर पर असर हो। इस लेख में न्यूट्रिशनिस्ट ने 7 ऐसे फूड्स बताए हैं, जिन्हें लेने से एंटीबायोटिक दवाई का असर कम हो जाता है।

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एंटीबायोटिक लेते समय ये 7 चीजें बिल्कुल न खाएं, जानें एक्सपर्ट से कारण

Antibiotics in Hindi: बीमार होने पर जब डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाइयां देते हैं, तो आमतौर पर उसे खाने के बाद ही लिया जाता है। यही पर अक्सर गलती होती है कि दवाई लेते समय यह समझ नहीं आता कि एंटीबायोटिक दवाई लेते समय किन चीजों का परहेज करना चाहिए और कई बार गलत खान-पान के चलते दवाई का असर भी उतना नहीं होता, जितना होना चाहिए। इसलिए एंटीबायोटिक दवाई लेते समय खाने की कुछ खास चीजों का परहेज करना बहुत जरूरी है, क्योंकि अगर दवाई लंबी चलती है, तो उसके शरीर पर साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिल सकते हैं। इसलिए हमने फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल की सीनियर डायटिशियन ऋतिका शर्मा (Rhitika Sharma, Senior Dietitian ( Nutrition Consultant ), Sarvodaya Hospital, Sector-8, Faridabad) से बात की।


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एंटीबायोटिक लेते समय 7 फूड्स का रखें परहेज

सीनियर डायटिशियन ऋतिका शर्मा कहती हैं कि एंटीबायोटिक लेते समय अगर इन प्रोडेक्ट्स से परहेज रखें, तो एंटीबायोटिक दवाइयां का पूरा असर देखने को मिलता है।

डेयरी प्रोडेक्ट्स

कुछ लोग एंटीबायोटिक दवाई को दूध या दही के साथ ले लेते हैं, लेकिन आपको बता दें कि कई एंटीबायोटिक्स खासकर टेट्रासाइक्लिन और फ्लोरोक्विनोलोन होते हैं जो डेयरी के साथ रिएक्ट कर सकते हैं। दरअसल दूध, पनीर और दही में मौजूद कैल्शियम दवाई का अवशोषण कम कर देता है। इसलिए एंटीबायोटिक लेने के 2 घंटा पहले या 2 घंटा बाद में डेयरी प्रोडेक्ट्स लें।

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खट्टे फल

वैसे तो नींबू, संतरा, मौसमी, अंगूर जैसे फल हेल्दी होते हैं, लेकिन एंटीबायोटिक्स के दौरान ये फल दवाई के मेटाबॉलिज्म को बदल देते हैं और सबसे ज्यादा जरूरी है कि एंटीबायोटिक लेने के साथ ग्रेपफ्रूट जूस बिल्कुल न लें। ये कई दवाओं के साथ रिएक्ट करके इसके असर को कम कर सकते हैं। एंटीबायोटिक लेते समय खट्टे फल कम से कम खाएं।

ज्यादा फाइबर

लोग सोचते हैं कि ओट्स, दालें, राजमा, छोले या भुने चने जैसी बहुत ज्यादा फाइबर वाली चीजें कम लें। ज्यादा फाइबर लेने से दवाई का अवशोषण कम हो जाता है। इसलिए जब भी एंटीबायोटिक दवाई चल रही हो, तो थोड़ा हल्का और सादा भोजन ही अच्छा रहता है। इससे एंटीबायोटिक दवाई शरीर में बेहतर तरीके से ऑब्जर्ब होती है।

मीठी चीजों से परहेज

यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि जब शरीर इंफेक्शन से जूझ रहा होता है, तब इम्यून सिस्टम को मजबूत करने की जरूरत होती है और ज्यादा शुगर लेने से इम्युनिटी पर असर पड़ता है। कमजोर इम्युनिटी से ठीक होने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है, इसलिए एंटीबायोटिक दवाइयां लेते समय मिठाई, कोल्ड ड्रिंक, चॉकलेट, बेकरी आइटम लेने से बचें। इसकी जगह फल, खजूर और नट्स लें।

आयरन सप्लीमेंट्स न लें

कई एंटीबायोटिक्स के साथ अगर आयरन सप्लीमेंट्स लिए जाए, तो दवाई का असर कम हो जाता है। इसलिए अगर डॉक्टर ने आयरन सप्लीमेंट भी लिखा है, तो दोनों को अलग-अलग समय पर लें। दोनों के बीच कम से कम 2 घंटे का गैप जरूर रखें। इससे शरीर दोनों को बेहतर तरीके से ऑब्जर्ब करेगा।

शराब से दूरी रखें

कई बार लोग एंटीबायोटिक दवाई लेने के कुछ घंटों बाद शराब ले लेते हैं और सोचते हैं कि दवाई लिए काफी समय हो गया है, लेकिन शराब और दवाई दोनों मिलकर लिवर पर प्रेशर डालते हैं। इससे मरीज को तेज चक्कर, उलटी, पेट दर्द, लिवर को नुकसान और शरीर में पानी की कमी हो सकती है। एंटीबायोटिक दवाइयों के साथ शराब लेना बिल्कुल मना है।

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मसालेदार और तला-भुना खाना

बीमारी और एंटीबायोटिक दवाइयों के चलते पेट काफी हद तक सेंसेटिव हो जाता है और ऐसे में मरीज जब तला-भुना और मसालेदार खाना खा लेता है, तो उसके पेट में जलन, अपच, दस्त और गैस जैसी समस्याएं बढ़ सकती है। एंटीबायोटिक दवाइयों से भी कई लोगों को पेट में गैस या एसिडिटी की समस्या हो जाती है, इसलिए बीमारी के दौरान हल्का और ताजा भोजन खाने की ही सलाह दी जाती है।

एंटीबायोटिक दवाई लेते समय क्या खाना चाहिए?

डायटिशियन ऋतिका शर्मा ने मरीजों को ये सब खाने की सलाह दी है ताकि पेट को आराम मिले और अच्छे बैक्टीरिया बनें।

  1. हल्का और गर्म खाना जैसेकि दलिया, खिचड़ी और सूप
  2. नारियल पानी
  3. उबली सब्जियां
  4. पानी ज्यादा पीना
  5. दही या प्रोबायोटिक
  6. छाछ

निष्कर्ष

ऋतिका शर्मा कहती हैं कि जब मरीज दवाई लेते हैं, तो उन्हें स्ट्रेस से भी बचना चाहिए क्योंकि स्ट्रेस से कॉर्टिसोल हार्मोन इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकते हैं। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि अगर बीमारी के लक्षण कम हो जाए, तो भी दवाई बंद न करें क्योंकि इंफेक्शन वापस आ सकता है, इसलिए डॉक्टर के दिए कोर्स को पूरा करें। इसके अलावा, अगर किसी भी तरह की कोई परेशानी महसूस हो, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

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  • Nov 21, 2025 17:21 IST

    Modified By : Aneesh Rawat
  • Nov 21, 2025 17:21 IST

    Published By : Aneesh Rawat

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