सावन का महीना हिंदी पंचांग के अनुसार वर्षा ऋतु में आता है, जिसे काफी पवित्र माना जाता है। सावन के दौरान कई लोग व्रत भी रखते हैं और खाने पीने की कई चीजों से परहेज करते हैं। बचपन से हम सब भी सुनते और देखते आ रहे हैं कि सावन के महीने में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए? लेकिन, एक चीज जो सबसे ज्यादा न खाने की सलाह दी जाती है, वो है खट्टे फल। सावन का महीने शुरू होते हैं घरों में खट्टे फलों का आना बंद हो जाता है। हालांकि खट्टे फल विटामिन सी का अच्छा सोर्स होते है, जो हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करते हैं। लेकिन, इसके बाद भी कई लोग इसे न खाने की सलाह (kya sawan me khatte fal kha sakte hai) देते हैं। ऐसे में आइए मेवाड़ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर एवं प्राकृतिक चिकित्सालय बापू नगर, जयपुर की वरिष्ठ चिकित्सक योग, प्राकृतिक चिकित्सा पोषण और आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. किरण गुप्ता से जानते हैं कि सावन में खट्टे फल खाने चाहिए या नहीं और अगर नहीं खाने चाहिए तो क्योंं?
सावन में खट्टे फल खाने चाहिए या नहीं?
आयुर्वेदिक डॉ. किरण गुप्ता के अनुसार, "सावन के महीने में खट्टे फल खाने से परहेज करने की सलाह दी जाती है। दरअसल बारिश के मौसम में पाचन अग्नि (digestive fire) बहुत कमजोर हो जाती है। इस मौसम में वात दोष और पित्त दोष का असंतुलन भी बहुत ज्यादा होता है। ऐसे में खट्टे फल पित्तवर्धक यानी पित्त बढ़ाने वाले माने जाते हैं।" इसलिए, ज्यादा खट्टा फल शरीर में एसिडिटी, उल्टी, स्किन की समस्या और पेट से जुड़ी समस्याओं को बढ़ा सकती है। इसके अलावा, आयुर्वेद यह भी माना जाता है कि इस मौसम में नमी के कारण फल जल्दी खराब (What to avoid during Sawan month?) हो जाते हैं या उनमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं। खासकर खट्टे फल जल्दी सड़ सकते हैं, जिससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
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सावन में खट्टे फल खाने के नुकसान
खट्टे फल जैसे नींबू, संतरा, मौसंबी, कीनू, अमरूद आदि सभी विटामिन C का अच्छा सोर्स होते हैं और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। लेकिन सावन के महीने में इन फलों का सेवन सीमित मात्रा या बहुत ध्यान से करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इन्हें खाने से कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं जैसे-
- इंफेक्शन का खतरा: बारिश के मौसम में हवा में नमी के कारण खट्टे फलों पर बैक्टीरिया, वायरस और फफूंद के बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में इन फलों को अगर सही तरह से धोकर या स्टोर करके न खाया जाए तो इंफेक्शन फैलने का जोखिम बढ़ जाता है।
- पाचन से जुड़ी समस्याएं: इस मौसम में अधिकतर लोगों की पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है। खट्टे फल जिनमें साइट्रिक एसिड होता है, उनका सेवन पेट में गैस, अपच, या एसिड रिफ्लक्स जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है।
- गैस्ट्रिक समस्याएं: सावन में कई लोग व्रत रखते हैं और पूरे दिन खाली पेट रहते हैं। ऐसे में सारा दिन कुछ न खाने के बाद शाम को खट्टा फल खाने से उनमें गैस्ट्रिक समस्याएं बढ़ सकती है।
निष्कर्ष
सावन का महीना धार्मिक आस्था के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक रूप से खुद को साफ करने का भी माना जाता है। इस समय आप जो भी खाते हैं उसका सीधा असर आपके स्वास्थ्य पर पड़ता है। लेकिन, मौसम में नमी और बैक्टीरिया बढ़ने की संभावना को देखते हुए खट्टे फलों को खाने से बचने की सलाह दी जाती है। भले ही खट्टे फल पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, लेकिन अगर इसका सेवन सही तरीके से न किया जाए तो ये स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए, अगर संभव हो पाए तो आप सावन के महीने में खट्टे फलों को खाने से बचने की कोशिश करें या बहुत अच्छे से धोकर ताजे फल खाने की कोशिश करें।
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FAQ
सावन के महीने में कढ़ी क्यों नहीं खानी चाहिए?
कढ़ी के दही में मौजूद एसिड इस मौसम में शरीर के लिए भारी हो सकते हैं, जिससे गैस, एसिडिटी और अन्य पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती है। इसलिए, बरसात के मौसम में कढ़ी खाने से बचने की सलाह दी जाती है।बरसात के दिनों में क्या खाना चाहिए?
बारिश के दिनों में हल्दी, अदरक और तुलसी वाली चाय और दूध का सेवन आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके अलावा, हल्के, ताजे और कम तेल मसाले वाला खाना आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होता है, क्योंकि ये आसानी से पच जाते हैं।बारिश के मौसम में कौन सा ड्राई फ्रूट अच्छा होता है?
बारिश के मौसम में बादाम, किशमिश और अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट्स खाना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। ये ड्राई फ्रूट्स इम्यूनिटी को मजबूत बनाने और पाचन को बेहतर रखने में मदद करते हैं।