Is It Okay To Take Fever Medicines Yourself in Hindi: मौसम में बदलाव, बहुत ज्यादा शारीरिक दबाव या किसी बीमारी के कारण बुखार होना आम बात है। शरीर में किसी भी तरह का बदलाव होने पर शारीरिक तापमान में सबसे पहले बदलाव आता है। भारत में अधिकतर लोग बुखार आने पर घर पर ही इसका इलाज करने की कोशिश करते हैं। कुछ लोग घरेलू नुस्खों को अपनाते हैं, तो कुछ लोग बाजार में मिलने वाली बुखार की दवा खाते हैं। मार्केट में बुखार से राहत दिलाने के लिए कई तरह की दवाइयां मिलती हैं, जिसे लोग अक्सर बिना डॉक्टर की सलाह पर ही लेने लगते हैं। लेकिन, क्या बिना डॉक्टर की सलाह पर बुखार की दवा खाना सही है? (Is it safe to take medicine for fever) आइए गुरुग्राम के नारायणा अस्पताल के डायरेक्टर और सीनियर कंसल्टेंट- इंटरनल मेडिसिन के डॉ. एम. के. सिंह से जानते हैं-
बुखार में दवा लेना कब सुरक्षित है? - When Is It Safe To Take Medicine For Fever in Hindi?
सीनियर कंसल्टेंट- इंटरनल मेडिसिन के डॉ. एम. के. सिंह के अनुसार, "अगर बुखार हल्का है, यानी शरीर का तापमान 99°F से 101°F के बीच है, और कोई अन्य गंभीर लक्षण नहीं हैं जैसे ज्यादा थकान, सांस लेने में समस्या, या स्किन पर दाने तो ऐसे में एक या दो बार आप बुखार की दवा खा सकते हैं। हल्के बुखार में 1 या 2 बार बुखार की दवा खाना सुरक्षित माना जाता है। यह दवा बुखार कम करने और शरीर के दर्द से राहत दिलाने में मदद करती है। लेकिन यह सिर्फ लक्षणों से राहत देती है, बीमारी की जड़ को खत्म नहीं करती।
इसे भी पढ़ें: बुखार होने पर कौन से फल नहीं खाने चाहिए? जानें एक्सपर्ट से
खुद से बुखार की दवा लेने के नुकसान - Side Effects Of Fever Medicine Without Consulting Doctor in Hindi
अगर बुखार 2-3 दिन से ज्यादा समय तक बना रहता है और व्यक्ति बार-बार दवा लेकर उसे दबाता रहता है, तो ऐसा करने से वे बुखार होने की असली बीमारी को छुपा सकता है। मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड, वायरल हेपेटाइटिस या यहां तक कि कोविड-19 जैसी गंभीर बीमारियां भी बुखार के रूप में ही शुरू होती हैं। अगर समय रहते सही जांच नहीं कराई जाए, तो बीमारी गंभीर रूप ले सकती है और इलाज में देरी जानलेवा भी साबित हो सकती है।
किसी भी दवा को लेने की एक तय मात्रा होती है, और उसका सही समय और सेवन का तरीका भी जरूरी होता है। ऐसे में बुखार की दवा को ज्यादा लेने से यानी ओवरडोज लेने से आपके लिवर पर प्रभाव पड़ सकता है, जिससे लिवर फेल होने की समस्या बढ़ सकती है। यह खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से किसी बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकता है। कई बार लोग बिना सोचे-समझे अलग-अलग ब्रांड की बुखार की दवाइयां ले लेते हैं, जिसमें मौजूद पेरासिटामोल अनजाने में ओवरडोज हो सकता है और आपके शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
इसे भी पढ़ें: हरपीज में बुखार के बाद चेहरे पर उभरते हैं दाने, जानें इसके कारण और बचाव के उपाय
बुखार की दवा लेने का सही तरीका क्या है? - What is The Best Way To Take A Fever in Hindi?
बार-बार बुखार होने पर दवा खाना आपके सेहत के लिए हानिकारक होता है। इसलिए, बुखार होने पर दवा लेने का सही तरीके पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। इसलिए, अगर बुखार 48 घंटे से ज्यादा समय तक बना रहे, या उसके साथ अन्य लक्षण जैसे सिरदर्द, बदन दर्द, उल्टी, दस्त, चकत्ते या कमजोरी महसूस हो, तो आपको खुद से दवा खाने से बचना चाहिए, और तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। बुखार की दवा लेकर सिर्फ शरीर का तापमान कम करना काफी नहीं है, बल्कि बुखार आने की सही वजह का पता होना भी बहुत जरूरी है, ताकि बीमारी को बढ़ने से रोका जा सके।
निष्कर्ष
बुखार होने पर खुद से दवा लेने पर ये आपके सेहत पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। इसलिए स्वास्थ्य के साथ लापरवाही करने से बचें और बुखार बार-बार आने या 1-2 बार दवा लेने के बाद भी बुखार न उतरने पर डॉक्टर को दिखाएं।
Image Credit: Freepik
FAQ
बुखार में सबसे ज्यादा क्या खाना चाहिए?
बुखार के कारण व्यक्ति के शरीर पर बुरा असर पड़ता है, ऐसे में जरूरी है कि आप अपने खान-पान का सही ध्यान रखें। ऐसे में बुखार होने पर आप अपनी डाइट में हल्का और आसानी से पचने वाला खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं, जिसमें खिचड़ी, दलिया, सूप, फल और पानी का सेवन करें।बार-बार बुखार आना किसका लक्षण है?
बार-बार बुखार आना अक्सर किसी इंफेक्शन या स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं का संकेत हो सकता है। यह वायरल या बैक्टीरिया इंफेक्शन या ऑटोइम्यून बीमारियां भी बार-बार बुखार आने की समस्या का कारण बन सकता है।ठंड लगकर बुखार आना किसका लक्षण है?
ठंड लगकर बुखार आना इंफेक्शन और स्वास्थ्य समस्याओं का लक्षण हो सकता है। आमतौर पर यह फ्लू, सर्दी, मलेरिया और अन्य वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होता है।