कई लोगों ने यह अनुभव किया है कि बिना ज्यादा चले या मेहनत किए भी पैरों में दर्द होने लगता है। कभी-कभी यह दर्द हल्का होता है और कुछ समय बाद ठीक हो जाता है, लेकिन कई बार यह संकेत देता है किसी अंदरूनी स्वास्थ्य समस्या का। खासकर तब जब पैरों में सूजन, जलन, सुन्नपन या कमजोरी जैसे लक्षण साथ में दिखें, तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। कई बार यह विटामिन या खून की कमी, नसों की दिक्कत या डायबिटीज जैसी बीमारियों की ओर भी इशारा कर सकता है। अगर बार-बार बिना थकान के पैरों में दर्द हो रहा है, तो ये शरीर का अलार्म है जो हमें समय रहते डॉक्टर के पास जाने की सलाह देता है। इस लेख में हम समझेंगे कि बिना थकान के पैर दर्द के पीछे क्या कारण हो सकते हैं, कौन-कौन से चेतावनी संकेत (Warning Signs) नजरअंदाज नहीं करने चाहिए, और किस स्थिति में तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
बिना थकान के पैरों में दर्द क्यों होता है?- Causes of Leg Pain Without Fatigue
- डायबिटीज के कारण नसों को नुकसान होता है जिससे पैरों में जलन या दर्द महसूस होता है। इसे हम डायबिटिक न्यूरोपैथी के नाम से जानते हैं।
- अर्थराइटिस या गठिया में जोड़ों की सूजन और उससे संबंधित दर्द, पैर में भी दर्द का कारण बन सकता है, भले ही आप ज्यादा न चले हों।
- विटामिन-बी12, डी, मैग्नीशियम जैसी विटामिन्स और मिनरल्स की कमी से पैरों में दर्द हो सकता है।
- पैरों में ब्लड फ्लो सही न होने से दर्द हो सकता है, खासकर वेरिकोज वेन्स या डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (DVT) जैसी स्थितियों में।
- नसों में दबाव या सूजन, जैसे साइटिका या न्यूरोपैथी, पैर में दर्द का कारण बन सकते हैं।
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इन चेतावनी संकेतों को नजरअंदाज न करें- Warning Signs You Should Not Ignore
पैरों में लगातार या रात को बढ़ने वाले दर्द में इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, ये गंभीर स्थिति के संकेत हैं-
- पैरों में झनझनाहट या सुन्नपन
- पैरों की त्वचा का रंग बदलना या ठंडा महसूस होना
- ऐसी सूजन होना जो दबाने पर गड्ढा छोड़ दे
- चलते समय अचानक कमजोरी या लड़खड़ाहट
- ऐसे घाव होना जो जल्दी नहीं भरते
- जलन या तेज सनसनी महसूस होना
इन संकेतों का मतलब हो सकता है कि शरीर के अंदर कोई गंभीर दिक्कत है, इसलिए इन्हें हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है।
डॉक्टर को दिखाना कब जरूरी हो जाता है?- When to See a Doctor
- अगर पैरों का दर्द 3-4 दिनों से ज्यादा बना हुआ है
- घरेलू उपायों से आराम नहीं मिल रहा है
- दर्द के साथ सूजन या रेडनेस बढ़ रही है
- चलने या सीढ़ियां चढ़ने में दिक्कत हो रही है
- बुखार के साथ पैर में दर्द हो रहा है
- आपको पहले से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर या हार्ट की कोई समस्या है
ऐसी स्थिति में किसी जनरल फिजिशियन या ऑर्थोपेडिक डॉक्टर से तुरंत सलाह लेना चाहिए।
लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव- Lifestyle Changes to Prevent Leg Pain
- नियमित एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग करना
- संतुलित आहार लेना जिसमें विटामिन और मिनरल्स मौजूद हों
- ज्यादा देर तक एक ही पोजीशन में खड़े या बैठे न रहें
- वजन को कंट्रोल करना
- स्मोकिंग और एल्कोहल से दूरी बनाए रखना
बिना थकान के भी पैरों में दर्द होना मामूली बात नहीं है। यह कई बार अंदरूनी समस्या का संकेत हो सकता है, जिसका समय रहते इलाज जरूरी होता है।
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FAQ
घुटने के नीचे पैरों में दर्द क्यों होता है?
घुटने के नीचे दर्द अक्सर नसों के दबने, ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट, मांसपेशियों में खिंचाव या किसी चोट के कारण होता है। लंबे समय तक खड़े रहने या चलने की आदत भी वजह बन सकती है।पैरों में दर्द होना का क्या कारण है?
पैरों में दर्द के कई कारण हो सकते हैं जैसे नसों की सूजन, ब्लड क्लॉट, थायरॉइड असंतुलन, डायबिटिक न्यूरोपैथी या मांसपेशियों की थकान। विटामिन की कमी भी एक अहम कारण है।कौन से विटामिन की कमी से पैरों में दर्द होता है?
विटामिन-डी, बी12 और मैग्नीशियम की कमी से पैरों में कमजोरी, झनझनाहट और दर्द हो सकता है। ये पोषक तत्व नसों और हड्डियों की सेहत के लिए जरूरी होते हैं।