Deep Vein Thrombosis Disease Symptoms: आजकल की जीवनशैली में लोग लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठकर काम करते हैं। इसकी वजह से मोटापा, ब्लड प्रेशर, थायराइड और हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ता है। इतना ही नहीं लंबे समय तक एक ही पोजीशन में लेटे या बैठे रहने से शरीर की कैलोरी बर्न नहीं होती है। जिसकी वजह से अर्थराइटिस, डायबिटीज और हाथ-पैरों में सूजन की समस्या होती है। इन बीमारियों के अलावा लंबे समय तक शरीर के एक ही पोजिशन में रहने की वजह से डीप वेन थ्रोम्बोसिस की समस्या भी होती है। आज इस लेख में हम डीप वेन थ्रोम्बोसिस क्या है, इस बीमारी के लक्षण क्या है इस विषय पर बात करने वाले हैं।
डीप वेन थ्रोम्बोसिस बीमारी क्या है?- What is Deep Vein Thrombosis Disease
दिल्ली में अपने निजी क्लीनिक पर प्रैक्टिस कर रहे जनरल फिजिशियन डॉ. सुरिंदर कमार की मानें तो पिछले कुछ सालों में डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कुछ मामलों में DVT के कारण व्यक्ति की हालत इतनी बिगड़ जाती है कि उसे अस्पताल तक में भर्ती करवाने की नौबत आ जाती है। DVT मुख्य रूप से एक नस में रक्त का थक्का बनने की समस्या है। जब आपके शरीर के किसी हिस्से की नस में खून का थक्का बनने लगता है और खून के बहाव की वजह से कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं। डीप वेन थ्रोम्बोसिस के कारण पैरों में दर्द या सूजन हो सकती है।
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डीप वेन थ्रोम्बोसिस बीमारी के लक्षण क्या हैं?- Deep Vein Thrombosis Disease Symptoms
डॉक्टर की मानें तो डीप वेन थ्रोम्बोसिस बीमारी के लक्षण बहुत देरी से नजर आते हैं, जिसकी वजह से मरीज को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ सकता है। डीप वेन थ्रोम्बोसिस बीमारी के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- पैर में सूजन
- पैर में दर्द, ऐंठन या दर्द जो अक्सर पिंडली में शुरू होता है
- पैर की त्वचा के रंग में बदलाव - जैसे कि लाल या बैंगनी
- प्रभावित पैर पर गर्मी का एहसास
डीप वेन थ्रोम्बोसिस बीमारी का कारण क्या है?
कोई भी चीज जो रक्त को बहने या ठीक से जमने से रोकती है, वह रक्त के थक्के का कारण बन सकती है।डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) के मुख्य कारण सर्जरी या सूजन से नस को नुकसान और संक्रमण या चोट के कारण क्षति है।
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डॉक्टर को कब दिखाएं?
यदि आपको DVT के लक्षण दिखाई देते हैं, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें और समय के साथ ही इलाज शुरू करवाएं। डॉक्टर के अनुसार, नीचे बताए गए लक्षणों के आधार पर भी DVT का टेस्ट करवाया जा सकता है।
सांस लेने में अचानक तकलीफ
तेज सांस लेना
खून की खांसी
सीने में दर्द या बेचैनी
सिर चकराना या चक्कर आना
बेहोशी आना।
डीप वेन थ्रोम्बोसिस बीमारी से बचाव के तरीके
अगर आपको या आपके परिवार में किसी को डीप वेन थ्रोम्बोसिस बीमारी का इतिहास रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से बात करें। इसके अलावा लोग मोटापे से ग्रस्त हैं, जिन्होंने हाल ही में कोई सर्जरी कराई है तो उन्हें लगातार लंबे समय तक नहीं बैठना चाहिए। सर्जरी करवाने वाले लोग अगर लंबे समय तक एक ही पोजीशन में रहते हैं तो इससे डीप वेन थ्रोम्बोसिस बीमारी का रिस्क काफी बढ़ जाता है।
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